जुबिली न्यूज़ डेस्क
इंदौर। मध्य प्रदेश के इंदौर में हाई प्रोफाइल सेक्स रैकेट और मानव तस्करी की जांच के लिए डीआईजी ने स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम बनाई है। इसमें पूर्व के एएसपी राजेश रघुवंशी, विजय नगर सीएसपी राकेश गुप्ता, एमआईजी टीआई विजय सिसौदिया और विजय नगर टीआई तहजीब काजी को रखा गया है।
वहीं, देह व्यापार के लिए बांग्लादेश से लाई गई लड़कियों ने पुलिस को बताया कि जिस तरह के एजेंट भारत में सक्रिय हैं, वैसे ही बांग्लादेश में भी हैं। ये उन गरीब परिवारों पर नजर रखते हैं, जिनके यहां अधिक बच्चियां रहती हैं। फिर 16 से 18 साल के होते ही उनके परिजन को भारत में काम दिलाने के बहाने अच्छी कमाई का लालच देकर मनाते हैं।
ये भी पढ़े: हाथरस गैंगरेप : ये वो VIDEO है जो बता रहा है UP पुलिस का असली चेहरा
ये भी पढ़े: लॉकडाउन में इतने करोड़ रही इन धनकुबेरों की कमाई
बॉर्डर पार कराकर एक दिन उसके पास के गांव में एजेंटों के यहां रखते। फिर मुर्शिदाबाद लाकर उन्हें महाराष्ट्र व गुजरात में सक्रिय एजेंटों को 75 हजार से एक लाख रुपए में बेच देते हैं। जो भी नाबालिग या बालिग लड़की होती है, उनकी कीमत सबसे ज्यादा मिलती है।
एजेंट नई युवती को दुल्हन की तरह हल्दी- उबटन से स्नान करवाकर तैयार करते हैं। फिर रईस ग्राहक के पास भेज देते हैं। अगर कोई लड़की इस काम से इनकार करती तो उसे भूखा- प्यासा रख कमरे में बंद कर देते हैं।
इधर, एमआईजी पुलिस को आरोपी दीपक और गोवर्धन ने बताया कि उन्हें शिवनारायण गोयल नामक दलाल ने बांग्लादेश से आने वाली युवतियों के फर्जी आधार कार्ड बनाने के लिए कहा था। पुलिस दलाल की तलाश कर रही है।
पता चला है कि शिवनारायण शादीशुदा है, लेकिन वह देह व्यापार में भारत लाई एक युवती से प्रेम कर बैठा था और उससे शादी कर ली। बाद में गिरोह से जुड़ा और बांग्लादेशी युवतियों का आधार कार्ड बनवाने के काम में जुड़ गया।
ये भी पढ़े: रूढ़ियां तोड़ती गांव की बेटियां
ये भी पढ़े: ख़ाक हो जायेंगे हम तुमको ख़बर होने तक…