Saturday - 6 January 2024 - 9:04 AM

योगी के जीरो टॉलरेंस पर भारी मेडिकल कारपोरेशन, दागी कम्पनी को दे दिया टेण्डर

जुबिली न्यूज ब्यूरो

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री लगातार भ्रष्टाचार के मुद्दे पर जीरो टॉलरेंस की नीति पर चलने की बात कर रहे हैं मगर यूपी का मेडिकल सप्लाई कार्पोरेशन मुख्यमंत्री की इच्छा पर लगातार तुषारपात करने में जुटा है।

कभी घटिया पीपीई किट सप्लाई कभी अधोमानक दवाओ की सपलाई तो कभी वेयर हाउस के मामले ,ऐसा लगता है कि यूपी मेडिकल सप्लाई कार्पोरेशन अनियमितताओं का अड्डा बन चुका है। फिलहाल कोरोना के संकट काल में अब एक बार फिर मेडिकल कारपोरेशन ब्लैक लिस्टेड कंपनी को सप्लाई का टेंडर दे कर चर्चा में है।

क्या है पूरा मामला 

यूपी मेडिकल सप्लाई कॉरपोरेशन ने अभी दवाओं और सर्जिकल सामग्रियों के 478 आइटमों को क्रय करने के लिये टेंडर फाइनल किया है। इस टेण्डर में आइटम संख्या 430,431और 432 पर विभिन्न साइज के सर्जिकल ग्लव्स की खरीद के लिए ₹10.64 पैसे की दर से Anondita Healthcare नामक फर्म का टेंडर फाइनल किया है।

Anondita Healthcare हो चुकी है ब्लैक लिस्टेड

Anondita Healthcare नामक फर्म को, अधोमानक सामग्री की आपूर्ति करने के लिये भारत सरकार के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के अधीन सेंट्रल मेडिकल सर्विसेज सोसाइटी ने दिनांक 11नवंबर 2019 से 11 नवंबर 2020 तक के लिए ब्लैक लिस्टेड किया हुआ है।

ब्लैक लिस्टेड फर्म टेण्डर प्रक्रिया में नहीं हो सकती थी शामिल

कार्पोरेशन के द्वारा जारी टेंडर की शर्त रखी गयी थी कि टेंडर प्रक्रिया में वही फर्म भाग ले सकती है जिसे यूपी सरकार या फिर भारत सरकार के किसी भी संस्था द्वारा ब्लैक लिस्टेड नहीं किया गया हो। फिर भी यूपी मेडिकल सप्लाई कारपोरेशन ने अपने ही नियम कानून को ताक पर रखकर शर्तों को दरकिनार करते हुए ब्लैक लिस्टेड फर्म  Anondita Healthcare को न केवल  टेंडर प्रक्रिया में शामिल किया बल्कि इस दागी फर्म को सप्लाई के लिये अधिकृत भी कर दिया वह भी अच्छे खासे रेट पर।

उल्लेखनीय है कि टेंडर फॉर्म के साथ फर्म स्वयं प्रमाणपत्र देती है कि वह किसी भी संस्था द्वारा ब्लैक लिस्टेड नहीं की गई है और अधिकारी भी उन कागजों की सत्यता की पुष्टि करते हैं।लेकिन  टेंडर पत्रों की जांच करने वाले अधिकारी ने ब्लैक लिस्ट होने की बात को दबा दिया और फर्म को क्लीन चिट दे दिया। अब इसबात की जांच जरूरी है कि किस अधिकारी ने ब्लैक लिस्टेड फर्म के कागजात चेक कर उसे टेंडर प्रक्रिया में शामिल होने की छूट दी।  

टेंडर प्रक्रिया पूरी होने के बाद अब यह ब्लैक लिस्टिड कंपनी कार्पोरेशन को सप्लाई देने की स्थिति में आ गई है।

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कारपोरेशन पर पहले से ही घटिया दवाओं, घटिया पीपीई किट,अधिक कमीशन वाली अनावश्यक दवाओं की सप्लाई कर के सरकारी धन की लगातार लूट के आरोप लगते रहे हैं । फिर भी योगी सरकार के कुछ दरबारी अफसर मुख्यमंत्री को अंधेरे में रखकर कारपोरेशन के अधिकारियों को लगातार संरक्षण देते रहे हैं।

बेखौफ है कार्पोरेशन के अधिकारी और कर्मचारी

कार्पोरेशन में एक दो बड़े अधिकारियों को छोड़ कर सभी अधिकारी और कर्मचारी संविदा पर तैनात हैं,उनका कहना है पता नहीं कब तक नौकरी चले ,इस लिये वह सभी कम समय में अधिक से अधिक धन उगाही की होड़ में हैं और इसीलिए कार्पोरेशन में लगातार घपले हो रहे हैं।

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