Sunday - 7 January 2024 - 3:00 AM

मोबाइल ऐप के जरिए इसलिए बेचते थे चरस…

न्यूज़ डेस्क 

नई दिल्ली। दिल्ली विश्वविद्यालय से स्नातक करने के दौरान चरस की लत लगने के बाद करोल बाग निवासी ध्रुव सरीन (30) इसकी तस्करी करने लगा। पुलिस ने उसे साथी तस्कर पूसा रोड निवासी समीर शर्मा (28) के साथ गिरफ्तार किया है। इनके पास से 400 ग्राम चरस और 500 मिलीग्राम भांग का तेल बरामद किया गया है।

हिमाचल से चरस और भांग का तेल लाकर ये उसे मोबाइल ऐप के जरिए दिल्ली व एनसीआर में बेचते थे। पुलिस उपायुक्त जी. रामगोपाल नायक ने बताया कि 27 सितंबर को क्राइम ब्रांच के नारकोटिक्स सेल में तैनात निरीक्षक शिव दर्शन को ध्रुव सरीन और समीर के पश्चिमी दिल्ली और गुरुग्राम में चरस सप्लाई करने की सूचना मिली।

पुलिस ने उन पर निगरानी रखी और शंकर रोड के पास से इन्हें गिरफ्तार कर लिया। उनकी होंडा सिटी कार की तलाशी में 400 ग्राम चरस और 500 मिलीग्राम भांग का तेल मिला।

पूछताछ में ध्रुव ने बताया कि डीयू से पत्राचार से स्नातक करने के दौरान वह गलत संगत में पड़कर चरस का सेवन करने लगा। उसकी मुलाकात हिमाचल के भुंतर के रहने वाले एक व्यक्ति से हुई। वह हिमाचल से चरस लाकर दिल्ली व एनसीआर में सप्लाई करता था।

ध्रुव ने एक होंडा सिटी कार खरीदी और इससे चरस की सप्लाई करने लगा। वहीं समीर शर्मा को गुरुग्राम के एक नामी इंस्टीट्यूट में पढ़ाई करने के दौरान चरस की लत लग गई। अपने दोस्तों के जरिए उसकी मुलाकात ध्रुव से हुई। इसके बाद दोनों पार्टनरशिप में चरस की तस्करी करने लगे।

हालांकि समीर ने होटल व्यवसाय और रियल इस्टेट कारोबार में हाथ आजमाने की कोशिश की, लेकिन नशे की लत की वजह से कामयाब नहीं हो पाया। ध्रुव ने बताया कि उसके ग्राहक सीमित हैं और वह मोबाइल ऐप के जरिए संपर्क करते थे। वह किसी अनजान व्यक्ति के साथ ड्रग्स की खरीद-बिक्री नहीं करता था।

खुद इरेज हो जाती है ऐप की हिस्ट्री

पूछताछ के दौरान ध्रुव सरीन ने बताया कि उसने गूगल प्ले स्टोर से कुछ ऐसे ऐप को डाउनलोड किया था, जिनके जरिए वॉयस, वीडियो और चैटिंग हो जाती है, लेकिन उनकी हिस्ट्री चंद मिनट बाद अपने आप डिलीट हो जाती है।

आरोपी ने खुलासा किया है कि समय- समय पर वे अपने ऐप को बदलकर दूसरे ऐप का इस्तेमाल करते हैं। ध्रुव ने खुलासा किया है कि चूंकि इस तरह के ऐप पर जांच एजेंसियों की नजर रहती है, इसी वजह से उनका इस्तेमाल लंबे समय तक नहीं किया जाता था।

उस ऐप के प्रचलित होने पर उसका इस्तेमाल बंद कर दिया जाता है। इसका बाद गूगल प्ले स्टोर पर नया ऐप देखकर उसके माध्यम से धंधा किया जाता था।

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