Thursday - 11 January 2024 - 10:18 PM

सर्वे में दावा-दो साल में मोदी सरकार की गिरी 24% रेटिंग

जुबिली न्यूज डेस्क

कोरोना की दूसरी लहर ने देश में खूब तांडव मचाया। कोरोना ने देश की स्वास्थ्य व्यवस्था की पोल खोलकर रख दिया। लोग दवा, इंजेक्शन और ऑक्सीजन की कमी के चलते अपनी जान गवां दिए। मोदी सरकार के कामकाज से बहुत मायूस हुए हैं।

ऐसा ही कुछ एक सर्वे में निकल कर आया है। सर्वें में दावा किया गया है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की नेतृत्व वाली एनडीए सरकार की रेटिंग में दो साल में 24 फीसदी गिरावट आई है।

यह दावा ‘Localcircles.com’  के एक सर्वे में किया गया है। साथ ही यह भी बताया गया है कि पोल में शामिल होने वाले आधे लोगों ने माना कि पीएम कोरोना वायरस संक्रमण की दूसरी सही से संभाल नहीं पाए।

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सर्वे केअनुसार 51 फीसदी लोगों ने कहा कि सरकार उनकी आशाओं पर दो साल में खरी उतरी या फिर उससे आगे निकली तो वहीं 21 प्रतिशत नागरिकों ने कहा कि केंद्र ने उनकी उम्मीदों से कहीं आगे बढ़कर काम किया, जबकि 30 प्रतिशत लोगों ने माना कि सरकार उनकी उम्मीदों पर खरी उतरी।

इस पोल में यह भी बताया गया है कि मोदी सरकार की सिटिजन रेटिंग में कमी आने की बड़ी वजह कोरोना की दूसरी लहर को ठीक से न संभाल पाना रहा। हालांकि, लोगों ने पहली लहर के दौरान किए कामों और उठाए गए कदमों की सराहना की।

सर्वे की बड़ी बातें

-मोदी सरकार 2.0 के साल के काम को कैसे देखते हैं? इस सवाल के जवाब में 21 फीसदी ने कहा कि यह उम्मीदों से आगे निकला तो वहीं 30 प्रतिशत ने कहा कि यह आशाओं पर खरा उतरा, जबकि 49 फीसदी का मानना है कि जिनता उन्होंने सोचा था, वह उससे कम है।

– क्या भारत (सरकार) पिछले दो सालों में बेरोजगारी की चुनौती से निपटने में सक्षम रहा? के सवाल पर 27 फीसदी लोग ने हां और 61 फीसदी ने न कहा। वहीं, 12 फीसदी लोगों ने कहा कि वे इस बारे में कुछ कह नहीं सकते।

– बीते दो सालों में भारत की छवि और प्रभाव में अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर कितना सुधार आया? के सवाल पर 59 फीसदी लोगों का कहना था हां, 35 प्रतिशत का मानना है नहीं, जबकि छह फीसदी लोग इस बारे में राय स्पष्ट नहीं कर पाए।

– मानते हैं कि भारत के खिलाफ आतंकवाद कम हुआ है? के सवाल पर 70 फीसदी ने कहा कि हां भारत में आतंकवाद कम हुआ है तो 24 प्रतिशत बोले नहीं और छह फीसदी कुछ नहीं बता पाए।

-मोदी सरकार पिछले दो सालों में सांप्रदायिक सौहार्द कायम कराने और उसमें सुधार लाने में सफल रही? के सवाल पर 49 फीसदी ने कहा हां, 45 प्रतिशत बोले नहीं और छह फीसदी ने कहा कि वे इस पर कुछ कह नहीं सकते।

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मालूम हो कि लोकल सर्किल्स बीते सात साल से सरकार का परफॉर्मेंस रिकॉर्ड मापने के लिए सिटिजन सर्वे के जरिए इस तरह के वार्षिक मूल्यांकन करता आ रहा है। ताजा पोल का निष्कर्ष ऐसे समय पर सामने आया है, जब 30 मई 2021 को मोदी सरकार 2.0 को केंद्र में आए दो साल पूरे हो जाएंगे।

ताजा सर्वे के लिए लोकल सर्किल्स लोगों के पास पहुंचा और उनसे पिछले दो साल में मोदी सरकार के 15 क्षेत्रों की रेटिंग करने के लिए कहा। जानकारी के अनुसार, देश के 280 जिलों के 70 हजार लोगों से करीब 1,69,000 प्रतिक्रियाएं मिलीं। प्रतिभागियों में 69 फीसदी थे, तो 31 फीसदी महिलाएं।

इससे पहले, छह मार्च, 2019 को (आम चुनाव से एक महीना पहले) जारी हुए सर्वे में सामने आया था कि 75 लोगों ने माना कि मोदी सरकार के पांच सालों का पहला कार्यकाल उनकी उम्मीदों पर खरा उतरा था या उससे आगे निकला था।

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