Sunday - 7 January 2024 - 5:46 AM

मेडिकल व्यापारी की हत्या के बाद मुज़फ्फरनगर में फिर बने पलायन के हालात

जुबिली न्यूज़ डेस्क

लखनऊ. उत्तर प्रदेश के मुज़फ्फरनगर जिले में मेडिकल कारोबारी अनुज कर्णवाल की सरेबाजार हुई हत्या के बाद एक बार फिर पलायन के हालात बन गए हैं. हौसला बुलंद बदमाशों ने बीच बाज़ार में जिस तरह घेरकर अनुज को दस गोलियां मारीं और असलहे लहराते हुए मौके से फरार हो गए उसकी वजह से व्यापारियों ने मुज़फ्फरनगर से पलायन कर जाना ही बेहतर समझा है.

 

जानकारी के अनुसार अनुज कर्णवाल को रंगदारी न देने की वजह से मौत के घाट उतारा गया. व्यापारियों का कहना है कि क़ानून व्यवस्था पूरी तरह से ध्वस्त हो चुकी है और उत्तर प्रदेश में जंगलराज स्थापित हो गया है. व्यापारियों को अपनी जान बचाने का इंतजाम भी खुद ही करना है.


मुज़फ्फरनगर के मोरना में अनुज कर्णवाल की हत्या के बाद रंगदारी से परेशान व्यापारी नीरज अग्रवाल, अनुज मित्तल, प्रेम मित्तल, अजय वर्मा, नीरज वर्मा, सुभाष मित्तल और विनोद मित्तल अपने परिवार के साथ अपने घरों से पलायन कर चुके हैं. ध्वस्त होती क़ानून व्यवस्था के सामने एक बार फिर कैराना जैसे हालात बन रहे हैं और अपनी जान बचाने के लिए व्यापारियों ने अपने घरों से फरार होना शुरू कर दिया है.

समाजवादी व्यापार सभा के प्रदेश अध्यक्ष संजय गर्ग का इस सम्बन्ध में कहना है कि उत्तर प्रदेश में क़ानून व्यवस्था पूरी तरह से ध्वस्त हो चुकी है. अपराधियों से निजात दिलाने की ज़िम्मेदारी पुलिस की है लेकिन पुलिस खुद व्यापारियों से धन उगाही में लगी हुई है. उन्होंने बताया कि महोबा में पुलिस अधीक्षक स्तर के अधिकारी अपने अधीनस्थ अधिकारियों के साथ एक संगठित गिरोह की तरह से रकम वसूलने का काम कर रहे हैं. रकम न देने पर इन्द्रकांत त्रिपाठी की हत्या कर दी गई.

मुज़फ्फरनगर में रंगदारी के लिए की गई अनुज कर्णवाल और महोबा में इन्द्रकांत त्रिपाठी की हत्या सिर्फ क़ानून व्यवस्था ध्वस्त होने के उदाहरण भर हैं. यही हालात अन्य जनपदों के भी हैं. कुछ दिन पहले मेरठ में लूटपाट के विरोध पर व्यापारी अमन जैन की हत्या कर दी गई. चंदौली में व्यापारी नन्दलाल जायसवाल के बेटे सिद्धार्थ का अपहरण कर उसकी निर्मम हत्या कर दी गई. इस हत्या के बाद भी हत्यारे फिरौती के 20 लाख रुपये मांगते रहे.

अलीगढ़ में व्यापारियों के साथ लूट और हत्या की घटनाएँ हुईं. कानपुर में फिरौती लेने के बाद भी संजीत यादव की हत्या कर दी गई. गोरखपुर के पिपराइच में पान व्यापारी के बेटे की अपहरण के बाद हत्या कर दी गई. लखनऊ, कानपुर, रामपुर और हरदोई में व्यापारियों की बदमाशों ने हत्या कर व्यापार जगत में डर की लहर पैदा कर दी.

यह भी पढ़ें :  चेहलुम के जुलूस को भी इजाजत नहीं

यह भी पढ़ें : संजय सिंह तो बहाना हैं आप को बढ़ाना है

यह भी पढ़ें : 13 साल बाद अब भी ताजा है युवी का ये रिकॉर्ड लेकिन…

यह भी पढ़ें : डंके की चोट पर : सियासत का कंगना और जंगलराज की घंटी

संजय गर्ग का कहना है कि व्यापारी पहले हे जीएसटी और नोटबंदी की वजह से परेशान और हताश है. करोना और लॉकडाउन ने व्यापारियों की रही सही कमर भी तोड़ दी है. करोना काल में जब व्यापार बिलकुल तबाह हो चुका है तब बदमाशों की रंगदारी के लिए मिलने वाली धमकियाँ और पैसे न देने पर जान से मार देने की घटनाओं से उसका जीना दूभर कर दिया है. खराब हालात की वजह से उसका जीना दूभर हो गया है.

मुज़फ्फरनगर छोड़कर भाग रहे व्यापारियों को संजय गर्ग ने आश्वस्त किया कि अखिलेश यादव व्यापारियों के मुश्किल वक्त में हर संभव मदद करेंगे. उन्हीं के कहने पर मैं मुज़फ्फरनगर आया हूँ. व्यापारी परेशान न हों उनकी सुरक्षा के बंदोबस्त के लिए जो भी तरीका संभव होगा वह किया जाएगा.

Radio_Prabhat
English

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com