न्यूज डेस्क
झारखंड विधानसभा चुनाव का परिणाम आ चुका है और सत्ता से बीजेपी निष्कासित हो चुकी है। बीजेपी को इस हार से करारा झटका लगा है। एक ओर बीजेपी के हाथ से झारखंड की सत्ता गई तो वहीं दूसरे इस हार का खामियाजा उसे राज्यसभा में भी उठाना पड़ सकता है।
झारखंड की हार ने बीजेपी की गणित बिगाड़ दिया है। एक ओर झारखंड में बीजेपी का सबसे बड़ी पार्टी का तमगा छिन गया तो वहीं राज्यसभा में भी बीजेपी का गणित बिगड़ता दिख रहा है। ऐसी आशंका है कि पीएम मोदी के नेतृत्व वाला एनडीए साल 2024 में लोकसभा चुनाव में जाएगा तब पार्टी के पास प्रदेश में राज्यसभा की एक सीट भी न बचे।
एक अंगे्रजी अखबार के अनुसार आंकड़े बताते हैं कि अगर झारखंड विकास मोर्चा (प्रजातांत्रिक) राज्यसभा चुनाव में बीजेपी को समर्थन देने का फैसला करती है तो समीकरण बदल सकते हैं और पार्टी उच्च सदन में अपनी मौजूदा स्थिति को बनाए रख सकती है। झारखंड विधानसभा चुनाव में जेवीएम ने भाजपा के खिलाफ चुनाव लड़ा है।
गौरतलब है कि राज्यसभा में बीजेपी के नेतृत्व वाला एनडीए गठबंधन बहुमत में नहीं है, लेकिन पार्टी संशोधित नागरिकता कानून, जम्मू-जम्मू कश्मीर पुनर्गठन एक्ट को अमलीजामा पहनाने में सक्षम है। ऐसा इसलिए है कि विपक्ष में मुख्य विपक्ष दल के अलावा अन्य दल भी हैं जो किसी धड़े में नहीं हैं। इनमें कुछ दलों का समर्थन लेने में बीजेपी कामयाब रही थी।
मालूम हो कि झारखंड में राज्यसभा की 6 सीटें हैं। इनमें तीन सीटें बीजेपी, एक-एक सीट कांग्रेस और आरजेडी के पास है। छठी सीट पर निर्दलीय उद्योगपति परिमल नाथवानी का कब्जा है। झारखंड में वर्ष 2020, 2022 और 2024 में दो-दो साल के अंतराल पर दो-दो राज्यसभा सीटों के लिए चुनाव होना है, ऐसे में भाजपा और सत्तापक्ष और जेएमएम-कांग्रेस-आरजेडी गठबंधन के बीच सीधा मुकाबला होगा। खास बात है कि राज्य चुनाव परिणाम ने राज्यसभा अंक गणित को खासा पेचीदा बना दिया है।
बतातें चले कि 23 दिसंबर को घोषित हुए नतीजों में बीजेपी प्रदेश की 81 सीटों में से महज 25 सीटें जीत सकी, जबकि मुख्य विपक्षी दल जारखंड मुक्ता मोर्चा (छ्वरूरू) ने 30 जीतीं। जेएमएम संग गठबंधन में लड़ रही कांग्रेस ने 16 और आरजेडी ने एक सीट पर जीत दर्ज की।
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