Sunday - 7 January 2024 - 9:07 AM

नागरिकता पर CAA के बाद मोदी सरकार लाएगी एक और कानून

न्‍यूज डेस्‍क

मोदी सरकार की दोबारा ताजपोशी के बाद पिछले छह महीने में कश्‍मीर से अनुच्‍छेद 370 हटाने और नागरिकता कानून जैसे फैसलों से प्रधानमंत्री मोदी ने सबको अपनी ताकत का एहसास कराया है। हालांकि नागरिकाता कानून बनने के बाद देश में कई जगह आंदोलन हो रहे हैं और हिंसक प्रदर्शन भी हो रहे हैं। लेकिन इस बीच मोदी सरकार एक और बड़े कदम की तैयारी कर रही।

दरअसल, मोदी सरकार नागरिकता संशोधन कानून (CAA) और NRC पर बवाल के बीच अब राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर यानी NPR की तैयारी कर रही है। माना जा रहा है कि आज होने वाली मोदी कैबिनेट में इस प्रस्ताव पर मुहर लग सकती है। ऐसे में सवाल उठ रहे हैं कि नागरिकता पर मोदी सरकार और कितने कानून बनाने वाली है।

इस दौरान आपको ये बात भी बताना जरूरी है कि NPR की पहल सबसे पहले 2010 में यूपीए सरकार ने की थी। तब 2011 में जनगणना के पहले इस पर काम शुरू हुआ था। अब फिर 2021 में जनगणना होनी है। ऐसे में NPR पर भी काम शुरू हो रहा है।

NPR और NRC में अंतर

NPR और NRC में अंतर है। NRC के पीछे जहां देश में अवैध नागरिकों की पहचान का उद्देश्य है, वहीं 6 महीने या उससे अधिक समय से स्थानीय क्षेत्र में रहने वाले किसी भी निवासी को NRP में अनिवार्य रूप से रजिस्ट्रेशन कराना होगा। कोई विदेशी भी अगर देश के किसी हिस्से में छह महीने से रह रहा है, तो उसे भी NPR में अपनी डिटेल दर्ज करानी होगी।

बता दें कि केंद्रीय मंत्रिमंडल की मंगलवार सुबह 10.30 बजे एक अहम बैठक होने जा रही है। इस बैठक में राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर यानी NPR को मंजूरी मिल सकती है। NPR अपडेट करने की प्रक्रिया अगले साल पहली अप्रैल से शुरू होगी।

‘सामान्य नागरिकों’ की गणना

कैबिनेट की बैठक के लिए तय एजेंडे में NPR को लेकर प्रस्ताव भी शामिल है। इसमें देश के ‘सामान्य नागरिकों’ की गणना की जाती है। ‘सामान्य नागरिकों’ से मतलब उस व्यक्ति से है, जो किसी स्थानीय क्षेत्र में पिछले छह महीने या उससे अधिक समय से रह रहा हो या अगले छह महीने या उससे अधिक समय तक उस क्षेत्र में रहने की उसकी योजना हो।

हर नागरिक के लिए रजिस्टर में नाम दर्ज कराना अनिवार्य होगा। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने इसके लिए कैबिनेट से 3,941 करोड़ रुपये की मांग भी की है। आज की मीटिंग में NPR के लिए बजट को भी मंजूरी दी जा सकती है।

क्या है NPR?

राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (NPR) के तहत 1 अप्रैल, 2020 से 30 सितंबर, 2020 तक नागरिकों का डेटाबेस तैयार करने के लिए देशभर में घर-घर जाकर जनगणना की तैयारी है। देश के सामान्य निवासियों की व्यापक पहचान का डेटाबेस बनाना NPR का मुख्य लक्ष्य है। इस डेटा में जनसांख्यिकी के साथ बायोमीट्रिक जानकारी भी होगी।

1 अप्रैल 2020 से होगी गणना

NPR को तैयार करने में करीब तीन साल का समय लग सकता है। इसकी प्रक्रिया तीन चरणों में होगी। पहले चरण की शुरुआत एक अप्रैल 2020 से होगी। 30 सितंबर के बीच केंद्र और राज्य सरकार के कर्मचारी घर-घर जाकर जनसंख्या के आंकड़े जुटाएंगे। NPR का दूसरा चरण 2021 में 9 फरवरी से 28 फरवरी के बीच पूरा किया जाएगा। तीसरे चरण के तहत 1 मार्च से 5 मार्च के बीच संशोधन की प्रक्रिया होगी.NRC से कितना अलग है NPR?

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