Wednesday - 10 January 2024 - 7:27 AM

कोरोना की वजह से यूपी में NPR पर रोक

न्‍यूज डेस्‍क

नेशनल पॉपुलेशन रजिस्टर न सिर्फ उत्तर प्रदेश बल्कि पूरे देश में राजनीतिक जंग की एक बड़ी वजह बनी हुई है। विपक्ष समेत कई मुस्लिम संगठन एनपीआर का लगातार विरोध कर रहे हैं।  हालांकि, कोरोना वायरस संकट की वजह से उत्तर प्रदेश में राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर यानी एनपीआर 2021 का काम फिलहाल नहीं होगा।

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कोरोना महामारी के प्रकोप को देखते हुए उत्तर प्रदेश में एनपीआर के कार्यों को अगले आदेशों तक के लिए स्थगित कर दिया गया है। इसके साथ ही जनगणना के काम को भी रोक दिया गया है। प्रथम चरण में मकानों का सूचीकरण एवं उसकी गणना का कार्य होना था। पहले इसके लिए 16 मई से 20 जून तक का समय निर्धारित किया गया था।

प्रमुख सचिव जितेन्द्र कुमार ने शुक्रवार को इस संबंध में आदेश जारी किया। उन्होंने सभी मंडलायुक्तों व जिलाधिकारियों को देश के महा रजिस्ट्रार एवं जनगणना आयुक्त की तरफ से सभी राज्यों के मुख्य सचिवों को भेजे गए पत्र के हवाले से जनगणना के प्रथम चरण के कार्यों को अगले आदेशों तक स्थगित किए जाने की जानकारी दी है। उन्होंने कहा है कि 16 मई से 20 जून तक होने वाले मकानों के सूचीकरण, मकानों की गणना, राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर तथा जनगणना को संचालित किए जाने के संबंध में होने वाले अन्य क्रियाकलापों को स्थगित कर दिया जाए।

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गौरतलब है कि यूपी में कोरोना संक्रमितों की संख्या तेजी से बढ़ती जा रही है। शुक्रवार को हापुड़ में 10, मेरठ में नौ, प्रयागराज में 7 नए मरीज मिले हैं, जिसके बाद यूपी में संक्रमितों की संख्या 4057 हो गई है। प्रदेश के सभी 75 जिले अब कोरोना की जद में आ चुके हैं। इसके अलावा पूरे प्रदेश में 159 नए मरीज सामने आए हैं।

कई राज्य सरकारों ने एनपीआर का विरोध किया

बता दें कि कई राज्य सरकारों ने एनपीआर का विरोध किया है और यहां तक इसको लेकर चिंताओं को प्रकट करने के लिए कुछ राज्यों ने अपनी-अपनी विधानसभाओं में प्रस्ताव पारित किया है। केरल, पश्चिम बंगाल, पंजाब, राजस्थान, छत्तीसगढ़ और बिहार ने एनपीआर का विरोध किया है। हालांकि, स्पष्ट किया है कि वे जनगणना के पहले चरण में घरों को सूचीबद्ध करने के काम में सहयोग करेंगे।

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क्या है एनपीआर

सरकार के मुताबिक एनपीआर का उद्देश्य देश के सभी निवासियों के व्यक्तिगत ब्योरे हासिल करना है। राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर में देश के सभी ‘सामान्य निवासियों’ का विवरण शामिल किया जाएगा, चाहे वे नागरिक हों या गैर नागरिक। इस रजिस्टर में व्यक्ति का नाम, परिवार के मुखिया से उसका संबंध, सामान्य निवास का वर्तमान पता, वर्तमान पते पर रहने की अवधि, स्थायी निवास जैसी जानकारी इक्टठा की जाएगी।

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