जुबिली न्यूज डेस्क
उत्तर प्रदेश में दस सीटों पर होने वाले राज्यसभा चुनाव में अब मतदान की संभावना बढ़ गई है। भाजपा के आठ के साथ ही समाजवादी पार्टी व बहुजन समाज पार्टी के एक-एक प्रत्याशी के नामांकन दाखिल करने के बाद एक निर्दलीय के मंगलवार को नामांकन करने से नौ नवंबर को मतदान की उम्मीद है। राज्यसभा चुनाव के लिए दाखिल सभी नामांकन पत्रों की बुधवार को जांच होगी और फिर आगे की प्रक्रिया शुरू की जाएगी।
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राज्यसभा के लिए प्रकाश बजाज ने निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में नामांकन किया। प्रकाश बजाज को समाजवादी पार्टी ने समर्थन दिया है।प्रकाश पेशे से वकील हैं। प्रकाश बजाज के नामांकन दाखिल करने के बाद राज्यसभा चुनाव का मुकाबला काफी दिलचस्प हो गया है। इतना ही नहीं बीएसपी प्रत्याशी रामजी गौतम के राज्यसभा की राह में प्रकाश बजाज रोड़ा बन गए हैं। राज्यसभा के लिए समाजवादी पार्टी के राम गोपाल यादव पहले ही नामांकन कर चुके हैं।
बता दें कि बसपा के पक्ष में समीकरण न होते हुए भी पार्टी प्रमुख मायावती ने रामजी गौतम को मैदान में उतारा था। ऐसे में कांग्रेस ने आरोप लगाया था कि बीजेपी ने बीएसपी के उम्मीदवार को समर्थन देने के लिए अपनी एक सीट खाली छोड़ी है।
निर्दलीय के उतरने से फिलहाल निर्विरोध निर्वाचन की संभावना खत्म हो गई है। पूरी तस्वीर नामांकन वापसी के बाद ही साफ होगी। निर्दलीय के उतरने से बसपा प्रत्याशी के सामने ही संकट खड़ा हुआ है। 10 सीटों में से बीजेपी के आठ और सपा के एक प्रत्याशी की जीत पहले से तय है।
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यूपी के 10 राज्यसभा सीटों के लिए नामांकन का मंगलवार आखिरी दिन था। बीजेपी के आठ प्रत्याशियों ने नामांकन दाखिल किया है और पार्टी ने 9वां प्रत्याशी मैदान में नहीं उतारा है। ऐसे में कारोबारी प्रकाश बजाज ने निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर नामांकन दाखिल किया है, जिसके चलते बसपा के उच्च सदन पहुंचने की राह एक तरफ मुश्किल हुई है तो दूसरी तरफ निर्दलीय और अन्य विधायकों की किस्मत के सितारे बुलंद होते नजर आ रहे हैं।
गौरतलब है कि मौजूदा समय की बात करें तो यूपी विधानसभा में अभी 395 (कुल सदस्य संख्या-403) विधायक हैं और 8 सीटें खाली हैं, जिनमें से 7 सीटों पर उपचुनाव हो रहे हैं। बीजेपी के पास फिलहाल 306 विधायक हैं जबकि सपा के पास 48, बसपा के पास 18, कांग्रेस के 7, अपना दल के पास 9 और ओम प्रकाश राजभर की पार्टी के चार विधायक हैं। इसके अलावा चार निर्दलीय और एक निषाद पार्टी से विधायक हैं।
यूपी विधानसभा की मौजूदा स्थिति के आधार पर एक राज्यसभा सीट के लिए 36 विधायकों के समर्थन पर प्रथम वरियता का वोट चाहिए। इस लिहाज से बीजेपी की 8 सीटें जीतने के लिए 288 विधायकों का समर्थन चाहिए, जिसके बाद 18 विधायकों के वोट अतिरिक्त बचेगा। ऐसे ही सपा के राम गोपाल यादव के जीतने के बाद भी 12 वोट अतिरिक्त बचेंगे।
वहीं, बसपा इस स्थिति में नहीं है कि वो अपने दम पर रामजी गौतम को राज्यसभा भेज सके। वहीं, प्रकाश बजाज के उतरने से 10वीं राज्यसभा सीट के लिए मुकाबला काफी रोचक हो गया है।
प्रकाश बजाय के निर्दलीय चुनावी मैदान में उतरने से चुनाव तय है। यही नहीं साथ ही मायावती के उस मंसूबे पर पानी फिर गया है कि बीजेपी को हराने के लिए सपा, कांग्रेस के साथ ही सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के अलावा कई निर्दलीयों का समर्थन उनके प्रत्याशी को मिल सकता है।
वहीं, सपा के अतिरिक्त और निर्दलीय विधायक भी उनके साथ नहीं जाएंगे। इसके अलावा बसपा के जो 18 विधायक हैं, उनमें से कई बागी रुख अख्तियार किए हुए हैं। इस तरह से सूबे की 10वीं राज्यसभा सीट का फैसला निर्दलीय, कांग्रेस और छोटे दलों के पास होगा, ऐसे में जो प्रत्याशी इन्हें साधने में सफल रहेगा। वो उच्च सदन पहुंचना तय है। हालांकि, अब देखना है कि बसपा और निर्दलीय प्रकाश बजाज में कौन किस पर भारी पड़ता है।