Tuesday - 16 January 2024 - 10:39 PM

PM Cares Fund : कितना है पैसा, HC ने मांगा जवाब

स्पेशल डेस्क

पूरा देश कोरोना वायरस का कहर देखने को मिल रहा है। आलम तो यह है कि देश में दो लाख से ज्यादा लोग कोरोना वायरस की चपेट में है। ऐसे में कोरोना से लडऩे के लिए पीएम नरेंद्र मोदी ने पीएम केयर्स फंड का गठन किया और लोगों को इसमें दान करने के लिए कहा।

इसके बाद लोगों ने देश के लिए अपनी तिजोरी भी खोल डाली है। उधर पीएम केयर्स फंड को लेकर बॉम्बे हाईकोर्ट ने बड़ा फैसला लेते हुए सरकार को 14 दिन के अंदर पीएम केयर्स फंड की जानकारी देने को कहा है। हालांकि सरकार इस फंड को लेकर कितना पैसा? बताना नहीं चाहती है और इस वजह से याचिका खारिज करने की मांग भी की थी लेकिन अब अदालत ने केंद्र सरकार को एक हलफनामा देकर यह बताने को कहा कि इस मुद्दे पर उसका क्या रुख है।

अदालत ने इसके लिए केंद्र को दो हफ्ते का समय दिया है।  पीएम केयर्स फंड पर अपनी स्थिति भी स्पष्ठ करनी होगी। बता दें कि इससे पहले अप्रैल माह में सुप्रीम कोर्ट कुछ इसी तरह याचिका को खारिज किया जा चुका है। इसेक आलावा पीएम केयर्स फंड की वैधता को चुनौती देने वाले दो अलग-अलग याचिकाओं को भी सुप्रीम कोर्ट ने खारिज किया था लेकिन इस बार मामला सुप्रीम कोर्ट से अलग बताया जा रहा है।

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याचिका में कहा गया है

पीएम केयर्स फंड को लेकर इस याचिका में कहा गया है कि 28 मार्च को पीएम केयर्स का गठन किया गया था। वकील अरविंद वाघमरे के मुताबिक पहले हफ्ते में ही इसमें 6,500 करोड़ रुपए इकट्ठा हो गए थे। लेकिन अभी तक इससे संबंधित कोई भी आंकड़ा सार्वजनिक नहीं किया गया है।

अरविंद वाघमारे ने अपनी याचिका में मांग की है कि सरकार आधिकारिक वेबसाइट पर इस बात की जानकारी दे कि उसे इस फंड में अबतक कितनी राशि मिली है और उसने कितना खर्च किया है। 

याचिका के मुताबिक पीएम केयर ट्रस्ट के चेयरपर्सन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हैं, जबकि रक्षा मंत्री, गृह मंत्री और वित्त मंत्री इसके सदस्य हैं। नियमों के मुताबिक इस ट्रस्ट के चेयरपर्सन को तीन और ट्रस्टियों की नियुक्ति करनी होती है अथवा उन्हें मनोनीत करना पड़ता है. हालांकि याचिका में दावा किया गया है कि 28 मार्च को इस ट्रस्ट के गठन के बाद अबतक किसी भी व्यक्ति की नियुक्ति नहीं की गई है। याचिका कर्ता ने मांग की है कि अदालत सरकार और ट्रस्ट को निर्देश दे कि विपक्षी दलों से कम से कम दो सदस्यों की नियुक्ति इसमें की जाए, ताकि इस ट्रस्ट में पारदर्शिता बरकरार रहे।

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बता दें कि केंद्र की तरह कई राज्यों में कोरोना वायरस से लडऩे के लिए मुख्यमंत्री राहत कोष का गठन किया गया है और राहत कोष में लोग अपने स्तर से मदद भी दे रहे हैं लेकिन अभी तक किसी राज्य के मुख्यंमत्री ने राहत कोष का हिसाब नहीं दिया है लेकिन छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की बड़ी पहल करते हुए राज्य की जनता को ‘मुख्यमंत्री राहत कोष’ का हिसाब दिया था। उनके ऐसे करने से देश के अन्य राज्यों के सीएम पर दबाव बनने लगा था।

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