Wednesday - 10 January 2024 - 7:16 AM

नीदरलैंड : लॉकडाउन के विरोध में हिंसात्मक प्रदर्शन

जुबिली न्यूज डेस्क

नीदरलैंड में स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है। कोरोना वायरस के नए संस्करण को रोकने के लिए डच सरकार द्वारा लगाई गई कड़ी पाबंदियों का लोग विरोध कर रहे हैं। यह विरोध हिंसात्मक हो गया है।

हिंसा को काबू में रखने के लिए डच पुलिस ने देशभर में अपनी उपस्थिति बढ़ा दी है। नीदरलैंड में लगातार तीन रात हिंसक घटनाएं दर्ज की गईं।

दूसरे विश्व युद्ध के बाद नीदरलैंड में लगाए गए पहले राष्ट्रव्यापी कर्फ्यू के विरोध में राजधानी समेत कई शहरों में प्रदर्शन हो रहे हैं।

देश में कर्फ्यू के दौरान हिंसा, आगजनी और विरोध प्रदर्शन हुए। हिंसक दंगों को रोकने के लिए पुलिस देश भर के कस्बों और शहरों की सड़कों पर मार्च किया। मंगलवार को व्यवसाय जल्दी बंद हो गए और दुकानें भी समय से पहले बंद कर दी गईं।

जब मंगलवार की रात 9 बजे जब कर्फ्यू लागू हुआ तो हुड़दंग करने वाले कुछ युवा एम्स्टर्डम और हिलवेर्सुम में इक_ा हुए लेकिन उन्हें खदेड़ दिया गया।

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रॉटरडम में पुलिस ने 33 लोगों को सामाजिक दूरी के नियमों का पालन नहीं करने और तोडफ़ोड़ के आरोप में हिरासत में लिया। यह सोमवार की रात के बिल्कुल विपरीत था, जब देश भर में पत्थरबाजी की घटनाएं हुईं थी।

पुलिस ने 180 लोगों को गाडिय़ों में आग लगाने और लूटपाट करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है।

राष्ट्रीय पुलिस प्रमुख विलेम वोल्डर्स ने डच पब्लिक टेलीविजन को बताया, “कल के मुकाबले आज बिल्कुल दूसरी तस्वीर थी. हमें दंगा रोधी पुलिस या अन्य सुरक्षाबलों की जरूरत नहीं पड़ी।” लेकिन उन्होंने आगाह किया कि एक रात की शांति का मतलब यह नहीं है कि वे सतर्क रहना छोड़ देंगे। वोल्डर्स ने कहा, “हमें सतर्क रहना होगा।”

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कैसे भड़की हिंसा?

डच सरकार ने कोरोना महामारी को नियंत्रित करने के लिए कर्फ्यू और कुछ नए प्रतिबंधों की घोषणा की थी, जिसके बाद देशभर के कई शहरों में लोग सड़कों पर उतर आए। सोशल मीडिया पर दुकानों में लूटपाट की तस्वीरें तेजी से वायरल हुई।

एक तस्वीर में एक पत्रकार पर पथराव करते हुए देखा जा सकता है। प्रदर्शनकारियों ने पहली रात एक कोरोना परीक्षण केंद्र में भी आग लगा दी थी।

हालांकि हाल के सालों में नीदरलैंड्स में इस तरह की हिंसा नहीं देखी गई है। हिंसा की शुरूआत सख्त लॉकडाउन के खिलाफ हुई, जो कि मध्य दिसंबर के बाद से लागू है लेकिन सोशल मीडिया में घूम रहे संदेशों के कारण भीड़ द्वारा लूटपाट की घटना में यह तब्दील हो गई।

सोमवार की रात को उपद्रवियों ने रॉटरडम और डेन बॉश में पुलिस पर पथराव किया, पटाखे छोड़े और दुकानों में लूटपाट की।

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प्रधानमंत्री मार्क रुटे ने ट्वीट कर लिखा, “यह आपराधिक हिंसा बंद होनी चाहिए।” उन्होंने कहा, “दंगों का आजादी के लिए संघर्ष करने से कोई लेना देना नहीं है। हमें एक साथ वायरस के खिलाफ लड़ाई जीतनी है, क्योंकि यह हमारी आजादी वापस पाने का एकमात्र तरीका है।”

नीदरलैंड में कर्फ्यू का समय रात 9 बजे से लेकर सुबह 4.30 बजे तक है और 10 फरवरी तक जारी रहने की उम्मीद है। कर्फ्यू का उल्लंघन करने वालों पर 8,400 रुपये के करीब का जुर्माना लगाया जा सकता है। नीदरलैंड्स में अब तक कोरोना वायरस के कारण 13,650 लोग मारे जा चुके हैं।

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