Friday - 5 January 2024 - 12:28 PM

सम्मोहक व्यक्तित्व के धनी हैं मोहन यादव

उनमें से शायद किसी को भी मुख्यमंत्री की कुर्सी पर आसीन होने का सौभाग्य नहीं मिल सकेगा और पार्टी हाईकमान छत्तीसगढ़ के समान ही मध्यप्रदेश में भी किसी नये चेहरे को मुख्यमंत्री की कुर्सी पद की जिम्मेदारी सौंपने का फैसला कर चुका है। ये संभावनाएं उस समय हकीकत में बदल गई जब पूर्ववर्ती शिवराज सरकार के मंत्री और हाल के चुनावों में उज्जैन दक्षिण सीट से निर्वाचित डॉ मोहन यादव को जब राजधानी भोपाल में सोमवार शाम आयोजित भाजपा विधायक दल की बैठक में सर्वसम्मति से नेता चुन लिया गया।

नई दिल्ली से आए तीन केंद्रीय पर्यवेक्षकों मनोहर लाल खट्टर, डा के लक्ष्मण और आशा लाकड़ा की उपस्थिति में इस बैठक में जब राज्य के निवर्तमान मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भाजपा विधायक दल के नेता पद हेतु डा मोहन यादव का नाम प्रस्तावित किया उसके पूर्व तक किसी ने यह कल्पना भी नहीं की थी कि बैठक में पीछे से दूसरी पंक्ति में बैठे उज्जैन दक्षिण से तीसरी बार विधायक चुने गए डा मोहन यादव की मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री के रूप में ताजपोशी होने जा रही है।

डा मोहन यादव उच्च शिक्षित राजनेता हैं। विज्ञान स्नातक की परीक्षा उत्तीर्ण करने के बाद उन्होंने विधि स्नातक की उपाधि भी अर्जित की और आगे चलकर उन्हें राजनीतिक विषय में पीएचडी भी अवार्ड की गई। इसमें कोई संदेह नहीं कि उनका भव्य व्यक्तित्व उनकी उच्च शिक्षा की ही देन है। छात्र जीवन में ही उनके अंदर मौजूद नेतृत्व के गुण उजागर होने लगे थे। उज्जैन के प्रतिष्ठित माधव साइंस कालेज में जब उन्हें छात्र संघ का अध्यक्ष चुना गया था तभी ये संकेत मिलने लगे थे कि सबको सबको साथ लेकर चलने का मिलनसार स्वभाव और कुशल नेतृत्व की अद्भुत क्षमता एक दिन उन्हें ऐसे मुकाम तक पहुंचा देगी जहां उनका व्यक्तित्व और कृतित्व दूसरों के लिए प्रेरणा का विषय बन जाएगा।

आज़ वह दिन आ चुका है। सबसे बड़ी बात यह है कि डा मोहन यादव को कभी किसी पद की चाह नहीं रही लेकिन उन्हें महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां मिलती गई और हर जिम्मेदारी के निष्ठापूर्वक निर्वहन उनके लिए उन्नति के नये सोपान तय करने का माध्यम बनता रहा। उज्जैन विकास प्राधिकरण और मध्य प्रदेश पर्यटन विकास निगम के अध्यक्ष पदों पर मोहन यादव का कार्य काल अत्यंत सराहनीय रहा।

उच्च शिक्षा मंत्री के रूप में प्रदेश के महाविद्यालयों में अनुशासन और शिक्षा की गुणवत्ता को सुनिश्चित करने के लिए डा यादव ने गंभीरता से प्रयास किए। केंद्र सरकार द्वारा घोषित नयी शिक्षा नीति को प्रदेश में लागू करने में मोहन यादव के प्रयासों को केंद्र सरकार से विशेष सराहना मिली। मुख्यमंत्री पद के लिए भाजपा के हाईकमान द्वारा उनके चयन का एक आधार यह माना जा रहा है कि ओबीसी वर्ग से आते है ।

पार्टी को भरोसा है कि इसका लाभ पार्टी उसे आगामी लोकसभा चुनावों में मिलेगा। परंतु यह मानना भी ग़लत नहीं होगा कि मुख्यमंत्री पद पर उनके चयन में उनकी संघ की पृष्ठभूमि की भी महत्वपूर्ण भूमिका रही है। गौरतलब है कि मध्यप्रदेश में भाजपा विधायक दल के नेता पद के चुनाव हेतु केंद्र से जो तीन पर्यवेक्षक भेजे गए थे उनमें प्रमुख हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर का भी संघ से जुड़ाव रहा है।
(लेखक सहारा मीडिया समूह के स्टेट ब्यूरो हेड है)

Radio_Prabhat
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