Saturday - 6 January 2024 - 9:23 AM

‘मोदी ने ढूंढ ली ‘I.N.D.I.A’ की काट, जानें क्या है प्लान

जुबिली न्यूज डेस्क 

देश की राजनीति के हिसाब मंगलवार बहुत ही बड़ा दिन साबित हुआ है। 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव को लेकर  तस्वीरे साफ हो गई हैं. इससे ये भी साफ हो गया है कि कौन किसके खेमें मेे खड़ा है.इस बार विपक्ष यूपीए के बजाय I.N.D.I.A नाम के नए गठबंधन के साथ चुनावी रण में उतरेगा। फिलहाल 26 दल इस गठबंधन में हैं।

इसके जवाब में राजधानी में भारतीय जनता पार्टी ने अपने 38 सहयोगी दलों के साथ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) की पिक्‍चर क्‍लीयर की। नवीन पटनायक की बीजू जनता दल (BJD) ने पत्‍ते नहीं खोले हैं। वहीं, देवे गौड़ा की जेडी (एस) को दोनों खेमों से न्‍योता नहीं मिला। विपक्ष 2024 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी को केंद्र की सत्‍ता में आने से रोकने के लिए एड़ी-चोटी का जोर लगाएगा।

वहीं, बीजेपी तीसरी बार चुनाव जीतकर सत्‍ता हासिल करने की कोशिश करेगी। दोनों खेमों की तुलना में बीजेपी के साथ एक बड़ा एडवांटेज है। वह है नेतृत्‍व का चेहरा। एनडीए में इस बात को लेकर कोई दुविधा नहीं है कि गठबंधन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में 2024 का लोकसभा चुनाव लड़ेगा। पिछले दो लोकसभा चुनाव में एनडीए का वोट शेयर लगातार बढ़ा है। बीजेपी के वोट शेयर में भी बढ़ोतरी हुई है। 38 दलों के साथ बीजेपी की दोबारा कोशिश होगी कि वह इस वोट शेयर में छलांग मारे। यही मोदी और शाह का प्‍लान भी है।

वोट शेयर बढ़ाकर 50% करना है लक्ष्‍य

अगला लोकसभा चुनाव बेहद दिलचस्‍प रहने वाला है। बीजेपी के सामने तस्‍वीर साफ है कि उसके खिलाफ खेमे में कौन-कौन सी पार्टियां खड़ी हैं। अब उसकी कोशिश अपने कुनबे (NDA) को मजबूत करने की है। मंगलवार को राजधानी में इसके लिए कवायद शुरू हो गई। विपक्ष के 26 के सामने एनडीए ने 38 दलों का समर्थन दिखा दिया। यह एक तरह का शक्ति प्रदर्शन था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का प्‍लान छोटे से छोटे दल को साथ जोड़कर बड़ा सियासी उठापटक करने का है। इसके जरिये कोशिश वोट शेयर को बढ़ाने की होगी। बीजेपी की मंशा है कि वह एनडीए के वोट शेयर को बढ़ाकर किसी तरह 50 पर्सेंट तक ले जाए। यह उसके लिए सत्‍ता में वापसी का रास्‍ता खोल देगा। इसे पिछले दो लोकसभा चुनावों के वोट पर्सेंट और सीटों से समझ सकते हैं।

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छोटे क्षेत्रीय दलों को साथ जोड़ना

बता दे कि मंगलवार को एनडीए की बैठक के महत्‍व को इस बात से भी समझ सकते हैं कि इसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी शिरकत की। बीजेपी अध्यक्ष जे पी नड्डा, हिंदुस्‍तानी अवाम मोर्चा के जीतन राम मांझी, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और ऑल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कषगम के ई पलानीस्वामी सहित कुछ अन्य नेताओं ने उनका स्वागत किया। छोटे क्षेत्रीय दलों का अपने क्षेत्रों में प्रभाव होता है। यह वोट शेयर को बढ़ाने में बड़ी भूमिका अदा कर सकते हैं। बीजेपी इस बात को अच्‍छी तरह समझती है। यही कारण है कि वह एनडीए को ज्‍यादा बड़ा और बाहुबली बनाने की कोशिश करेगी। उसमें अगर बीजेपी को थोड़ा नुकसान भी हुआ तो वह उसे नजरअंदाज करेगी।

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