Wednesday - 10 January 2024 - 3:45 AM

कांग्रेस की अपील पर ममता करेंगी सुनवाई?

जुबिली न्यूज डेस्क

पश्चिम बंगाल का सियासी घमसान दिन-प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है। भाजपा नेताओं की ताबड़तोड़ रैली की वजह से राज्य के विपक्षी दलों के नेताओं में खलबली है। टीएमसी, कांग्रेस और वामदल समेत अन्य दल भाजपा की आक्रामकता से चिंतित हैं।

राज्य में जहां भाजपा अपने पक्ष में माहौल बनाने में जुटी हुई तो वहीं विपक्षी दल भाजपा को रोकने की काट ढ़ूढ रही है। पिछले दिनों तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) की ओर से बीजेपी को हराने के लिए अपील की गई थी कि कांग्रेस और वाम दल उसके साथ आए। अब ऐसी ही अपील कांग्रेस की ओर से की गई है।

प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी ने कहा है कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को बीजेपी को हराने के लिए कांग्रेस में शामिल हो जाना चाहिए। चौधरी ने उत्तरी 24 परगना के बारासात में पत्रकारों से बातचीत में कहा, ‘ममता बनर्जी 2011 में कांग्रेस की मदद से सत्ता में आई थीं, लेकिन इसके बाद उन्होंने हमारी पार्टी को ख्खत्म करने की कोशिश की। अब जब बीजेपी यहां मजबूत हो रही है तो वह हमसे समर्थन मांग रही हैं, बजाय इसके कि उन्हें कांग्रेस में शामिल हो जाना चाहिए।’ 

चौधरी ने यह भी कहा कि कांग्रेस की मदद के बिना पश्चिम बंगाल में बीजेपी को रोक पाना संभव नहीं है। इससे पहले बुधवार को टीएमसी के सांसद सौगत राय ने अपील की थी कि कांग्रेस और वाम दल बीजेपी की सांप्रदायिक और विभाजनकारी राजनीति के खिलाफ टीएमसी के साथ आएं।

यह भी पढ़ें :  जानिए और किन देशों में चल रहा है कोरोना टीकाकरण अभियान

यह भी पढ़ें :  असम विधानसभा चुनाव में आसान नहीं कांग्रेस की राह

हालांकि राय की इस अपील को कांग्रेस और वाम दलों ने खारिज कर दिया था। सीपीएम नेता सुजान चक्रवर्ती और कांग्रेस नेता अब्दुल मन्नान ने कहा था कि टीएमसी बीजेपी के खिलाफ लडऩा नहीं चाहती और बीजेपी भी उसके खिलाफ नहीं लडऩा चाहती।

वजूद बचाने की चुनौती

राज्य का आगामी विधानसभा चुनाव किसी दल के लिए प्रतिष्ठा का सवाल बना हुआ है तो किसी के लिए वजूद बचाने की चुनौती। जहां भाजपा और टीएमसी के लिए यह चुनाव प्रतिष्ठा का सवाल है तो वहीं कांग्रेस और वामदल अपना वजूद बचाने की चुनौती से जूझ रहे हैं।

आने वाले विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस और वाम दलों ने इस बार भी गठबंधन किया है। पिछले विधानसभा चुनाव में भी इस गठबंधन का प्रदर्शन खऱाब रहा था। इसलिए ऐसा माना जा रहा था कि दोनों दल इस बार गठबंधन नहीं करेंगे, लेकिन सियासी हालात को देखते हुए दोनों को फिर साथ आना पड़ा।

यह भी पढ़ें : इस अनोखी चोरी के लिए सुर्खियों में आया जर्मनी

यह भी पढ़ें : 1953 के बाद पहली बार अमेरिका में दोषी महिला को मिला मृत्युदंड

दरअसल कांग्रेस और वाम मोर्चा के फिर से साथ आने का मतलब ख़ुद के वजूद को बचाने की कोशिश है क्योंकि इस बार सियासी लड़ाई बीजेपी और टीएमसी के बीच है।

टीएमसी और भाजपा आमने-सामने हैं। भाजपा को भी टीएमसी से चुनौती मिल रही है लेकिन भाजपा से टीएमसी की ज्यादा चुनौती मिल रही है। इसीलिए टीएमसी ने कांग्रेस और वामदल को अपने साथ आने को कहा था। अब जब कांग्रेस की तरफ से ऐसी अपील हुई है तो अब देखना होगा कि टीएमसी क्या कहती है।

यह भी पढ़ें : प्रवासियों के लिए अच्छा देश नहीं है भारत 

यह भी पढ़ें :  क्या आप हिंसक सोच के रास्ते इस अंदोलन को फेल करने का जघन्य पाप कर सकते हो? 

Radio_Prabhat
English

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com