Sunday - 7 January 2024 - 9:14 AM

फ्लोर टेस्ट से पहले अमित शाह के शरण में कमलनाथ

न्‍यूज डेस्‍क

कमलनाथ सरकार पर पिछले 13 दिन से छाए संकट के निर्णायक हल का दौर आ गया है। सोमवार से विधानसभा का बजट सत्र शुरू होना है लेकिन इससे पहले फ्लोर टेस्ट होगा। कमलनाथ सरकार पर संकट के बादल छाए हुए हैं।

देखना यह है कि अगर बागी विधायक विधानसभा में नहीं पेश होते हैं तो स्पीकर उन्हें अयोग्य ठहराते हैं या फिर कमलनाथ उन्हें पार्टी से निष्कासित करते हैं। दूसरी ओर राज्यपाल ने यह भी आदेश दे दिया है कि सोमवार को विधानसभा में फ्लोर टेस्ट करवाया जाए और कमलनाथ अपना बहुमत साबित करें।

फिलहाल बीजेपी में आत्मविश्वास नजर आ रहा है। मध्य प्रदेश में आगे क्या होगा यह फ्लोर टेस्ट के बाद ही साफ हो पाएगा। इस बीच मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने शनिवार को केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह को पत्र लिखकर आग्रह किया है कि वह कथित तौर पर बेंगलुरु और अन्य जगहों पर रखे गए कांग्रेस के 22 विधायकों की ‘रिहाई’ सुनिश्चित करें ताकि ये विधायक विधानसभा के सत्र में शामिल हो सकें।

 

मीडिया को जारी शाह को लिखे अपने चार पृष्ठ के पत्र में कमलनाथ ने कहा, ‘आप कृपया केन्द्रीय गृह मंत्री होने के नाते अपनी शक्तियों का प्रयोग करें जिससे कांग्रेस के 22 विधायक जो बंदी बनाए गए हैं वे वापस मध्यप्रदेश सुरक्षित पहुंच सकें और 16 मार्च से प्रारंभ होने वाले विधानसभा सत्र में विधायक के रुप में अपने कर्तव्यों और जिम्मेदारियों को बिना भय अथवा लालच के निर्वाह कर सकें।’

कमलनाथ ने तीन मार्च 2020 के बाद के मध्यप्रदेश में हो रहे घटनाक्रम का विस्तार से उल्लेख करते हुए गृहमंत्री को पत्र लिखा और विधायकों की रिहाई करवाने का अनुरोध किया। उन्होंने कहा कि राज्यपाल द्वारा मुझे सूचित किया गया है कि जो विधायक विधानसभा अध्यक्ष के समक्ष सुनवाई में भाग लेंगे उनकी सुरक्षा का भार सीआरपीएफ को सौंपा जाना चाहिए।

उन्होंने लिखा कि मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री होने के नाते सभी नागिरकों जिसमें विधायकगण भी शामिल हैं कि सुरक्षा सुनिश्चत करने का उत्तर दायित्व मुझ पर है। मैं आपको विश्वास दिलाता हूं कि यदि कर्नाटक पुलिस द्वारा इन 22 विधायकों को रिहा कर दिया जाता है तो मैं राज्य सरकार की ओर से उच्चतम सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित करूंगा ताकि वे न केवल बिना किसी डर के अपनी बात विधानसभा अध्यक्ष के समझ रख सकें बल्कि विधानसभा की आगामी दिनों में होने वाली विविध कार्यवाही में भी शामिल हो सकें।

कमलनाथ ने अमित शाह को ऐसे वक्त में चिट्ठी लिखी है, जब विधानसभा स्पीकर ने कांग्रेस के छ विधायकों का इस्तीफा स्वीकार कर लिया है। विधानसभा अध्यक्ष ने कांग्रेस से त्यागपत्र देने वाले 22 विधायकों में से छह विधायकों के इस्तीफे शनिवार शाम स्वीकार कर लिए। ये सभी छह विधायक ज्योतिरादित्य सिंधिया के कट्टर समर्थक माने जाते हैं और मुख्यमंत्री कमलनाथ के मंत्रिमंडल में भी शामिल थे।

विधानसभा अध्यक्ष नर्मदा प्रसाद प्रजापति ने संवाददाताओं को बताया कि इमरती देवी, तुलसीराम सिलावट, गोविंद सिंह राजपूत, महेन्द्र सिंह सिसोदिया, प्रद्युम्न सिंह तोमर और डॉ प्रभुराम चौधरी का विधानसभा सदस्यता से दिया गया त्यागपत्र स्वीकार कर लिया गया है।

विधानसभा अध्यक्ष द्वारा इन छह विधायकों के त्यागपत्र मंजूर करने के बाद मध्यप्रदेश विधानसभा की प्रभावी संख्या 228 से घटकर 222 हो गई है। इसके बाद विधानसभा में कांग्रेस के विधायकों की संख्या 114 से घटकर 108 पर आ गई है। विधानसभा में चार निर्दलीय, दो बसपा और एक सपा विधायक कांग्रेस सरकार को समर्थन दे रहे हैं। जबकि प्रदेश विधानसभा में भाजपा के 107 विधायक हैं।

छह विधायकों के त्यागपत्र मंजूर होने के बाद मध्य प्रदेश विधानसभा में बहुमत का जादुई आंकड़ा अब 112 हो गया है। मध्यप्रदेश विधानसभा में कुल 230 सीटें हैं इसमें से दो विधायकों के निधन के कारण वर्तमान में विधानसभा की प्रभावी संख्या 228 है।

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