Tuesday - 9 January 2024 - 9:41 PM

अगर आप भी खाते हैं मछली तो, हो जाइए सावधान, बरना….

जुबिली न्यूज डेस्क 

मछलियां खाने के बहुत से फायदे होते है जैसे इसके प्रोटीन और ओमेगा-3 फैटी एसिड से भरपूर होने की बात. नॉनवेज खाने वालों की डायट में मछली बड़ा हिस्सा होती है. हालांकि मछलियां भी अब जहरीली हो रही हैं. साइंस डायरेक्ट में छपी स्टडी में दावा किया गया कि फ्रेशवॉटर मछलियों में 278 गुना फॉरेवर केमिकल मिलने लगा है, जो गंभीर बीमारियां दे सकता है.

क्या है फॉरेवर केमिकल

इसे पर-एंड-पॉलीफ्लूरोलकिल सब्सटेंस  कहते हैं. ये वो रसायन है, जो आमतौर पर नॉनस्टिक या फिर वॉटर-रेजिस्टेंट कपड़ों, जैसे रेनकोट, छतरी या मोबाइल कवर में होता है. शैंपू, नेल पॉलिश और आई-मेकअप में भी इसकी बहुत थोड़ी मात्रा होती है. बहुत सारे अध्ययन इसके खतरों के बारे में साफ बताते हैं.

क्यों माना जा रहा खतरनाक

इसका सीधा असर ग्रोथ और हॉर्मोन्स पर होता है. इसकी वजह से थायरॉइड और कोलेस्ट्रॉल जैसी दिक्कतें हो जाती हैं. यहां तक कि गर्भवती में इसकी वजह से मिसकैरेज या समय से पहले शिशुजन्म भी हो सकता है. ऐसे बच्चों का शरीर और ब्रेन ठीक से विकसित न होने की आशंका रहती है. साल 2017 में इंटरनेशनल एजेंसी फॉर रिसर्च ऑन कैंसर ने PFOA को साफ तौर पर ह्यूमन कार्सिनोजन कहा, यानी जिससे कैंसर की आशंका रहती है. खासकर तौर किडनी और टेस्टिस का कैंसर.

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हर जगह दिख रही मौजूदगी

सबसे डरावनी बात ये है कि जो तालाब या नदियां कारखानों से बहुत दूर हैं, वहां भी पानी में फॉरेवर केमिकल की मात्रा ज्यादा मिली. यानी ये केमिकल अब हर जगह है. बता दें कि इस केमिकल को फॉरेवर इसलिए कहते हैं क्योंकि ये खत्म नहीं होता. या शायद हजारों साल बाद खत्म होता हो, जिसके बारे में फिलहाल वैज्ञानिकों को भी नहीं पता. कुल मिलाकर इसे प्लास्टिक से भी ज्यादा खतरनाक माना जा रहा है, जिसपर ज्यादातर देशों में कोई कंट्रोल नहीं.

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