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खजुराहो : लॉक डाउन से लॉक हुई हजारों की किस्मत

संजय सिंह
मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले से 50 किलोमीटर दूरी पर पर्यटक स्थल खजुराहो है. यहां की जनसंख्या लगभग 17000 है. खजुराहो एक विश्व प्रसिद्ध स्थान है. यहां पर भारत के अलावा अन्य देशों से भी भारी संख्या में घूमने आते हैं और यहां पर 5 से 10 दिन तक रुकते हैं. इस कारण खजुराहो के लोगों की अजीवका भी उसी पर निर्भर है.

मुख्य रूप से मध्यम एवं गरीब परिवार यहां पर होटलों में काम करके, गाइडिंग, फुटपाथ पर छोटी-छोटी दुकान रखकर या टैक्सी ड्राइवर के रूप में, फल सब्जी की डिलिया लगाकर अपना जीवन यापन करते हैं, लेकिन कोरोना जैसी महामारी में यहां पर लॉक डाउन होने से काम वाले लोगों के परिवारों को आर्थिक संकट का सामना करना पड़ रहा है. यहां पर सरकार ने आगामी माह अक्टूबर 2020 तक होटलों पर प्रतिबंध लगा दिया गया है. इस विषम परिस्थिति में इन परिवारों का जीवन यापन करना बहुत मुश्किल है.

सरकार द्वारा दी जाने वाली मदद

सरकार द्वारा इन परिवारों को कोई खास मदद नहीं दी जा रही है. जिन लोगों के बीपीएल कार्ड बने हुए हैं, उन लोगों को सूखा राशन नगर परिषद द्वारा दिया जा रहा है. जो कि उस परिवार के लिए पर्याप्त नहीं है जिन लोगों का बीपीएल सूची में नाम नहीं है, उनको किसी प्रकार का सहयोग सरकार द्वारा नहीं दिया जा रहा है. सरकार द्वारा बीपीएल कार्ड वाले घोषित जो परिवार हैं, उनकी संख्या बहुत कम है. जिससे अन्य लोगों को सरकार की योजनाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा है. नगर परिषद द्वारा बीच-बीच में कुछ परिवारों का राशन दिया गया, लेकिन वह भी पर्याप्त नहीं था.

खजुराहो में इस प्रकार की समस्या अक्टूबर तक रही तो यहां पर बहुत बड़ी समस्या हो जाएगी. यहां पर लोग आत्महत्या करने लगेंगे और क्राइम बढ़ जाएगा. अगर इसी प्रकार लॉक डाउन रहा तो लोग बाहर पलायन के लिए भी नहीं जा सकते. इस कारण यहां पर महिलाओं के साथ बहुत बड़ी समस्या होगी. गरीब परिवार की महिलाएं अपने रोजमर्रा की आवश्यकताओं के लिए देह व्यापार जैसे कार्य करने को मजबूर हो जाएंगी. परिणाम स्वरूप यहां पर वेश्यावृत्ति का एक अड्डा बन जाएगा जो निश्चित रूप से खजुराहो के लिए शर्मसार करने वाला होगा.

लगभग 60 परिवारों के सदस्य सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त गार्ड अपनी मेहनत से बाहर से आए हुए पर्यटकों को घुमाते हैं, और उनके बदले में उन्हें 500 से 1000 रुपए मिलते हैं. उससे अपने परिवार का भरण-पोषण करते हैं, लेकिन 24 मार्च 2020 से परिवारों को आर्थिक संकट का सामना करना पड़ रहा है. वह अपने घरों में बैठे हुए हैं.

खजुराहो में होटलों में काम करने वाले लोगों की संख्या लगभग 1000 है. जो होटलों में रिसेप्शन, वेदर एकाउंटिंग, कुकिंग एवं सफाई कार्य में लगे हुए हैं. जो लोकल के रहने वाले हैं. इन परिवारों को आर्थिक संकट का सामना करना पड़ रहा है, क्योंकि यह लोग अपने घर पर बैठे हुए हैं और परिवार के भरण पोषण में काफी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है, 30 परिवार के सदस्य टैक्सी ड्राइवर के रूप में कार्य कर रहे हैं. जो ट्रेवल एजेंटों के यहां पर बस एवं कार चलाते थे. वह लोग भी अपने घर पर बैठे हुए हैं. उनके परिवार के भरण-पोषण की काफी समस्याएं आ रही हैं.

15 से 20 परिवार के सदस्य ऐसे हैं जो दिन भर में टूरिस्ट को हाथ में लेकर किताब हैंडीक्राफ्ट्स की मूर्तियां बेचा करते थे, लेकिन विगत कई दिनों से यहां पर टूरिस्ट नहीं आ रहे हैं, इसलिए इन परिवारों की आर्थिक स्थिति बहुत दयनीय है.

यहाँ पर छोटे-छोटे हैंडीक्राफ्ट की दुकान हैं. दुकानदार जो अपनी आजीविका के लिए सिर्फ दुकान खोले हुए लगभग 25 परिवार में आर्थिक संकट से जूझ रहे हैं.

15 से 20 लोग निरंतर मतंगेश्वर के मंदिर के आगे भीक मांग कर अपनी आजीविका चलाते थे वह लोग भी एक टाइम की रोटी के लिए काफी परेशान हैं क्योंकि लोगों का आना-जाना टोटल बंद है. इस परिस्थिति में वह लोग भूखे ही मर रहे हैं.

होटलों में काम करने वाले लोग

खजुराहो में छोटे बड़े सभी होटलों में रिसेप्शन, रूम, वार्डन, किचन आदि कामों में लगभग 1000 लोग काम करते हैं. जो 24 मार्च से अपने घरों में बैठे हुए हैं. खजुराहो में आगामी अक्टूबर 2020 तक सरकार ने होटलों को खोलने से प्रतिबंधित कर दिया है. इस स्थिति में इन लोगों का परिवार का खर्च चलाना बहुत मुश्किल हो गया है, क्योंकि होटलों में जाना बंद हो गया है. इस लॉक डाउन के समय में होटल मालिकों द्वारा इन लोगों को किसी भी प्रकार का भुगतान नहीं किया गया है.

हाकर परिवार

45 परिवार खजुराहो में अपनी आजीविका चलाने के लिए बाहर से आने वाले टूरिस्टों को फुटपाथ पर खजुराहो मंदिरों की खजुराहो के इतिहास की एवं छोटी-छोटी मूर्तियां बेचकर अपना जीवन यापन करते हैं. इसके अलावा उनके पास आजीविका का और कोई संसाधन नहीं है. कोरोना जैसी महामारी में यह लोग हुई अपने परिवार के भरण पोषण करने में काफी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है.

गाइड

लगभग 170 लोग यहां पर बाहर से आए हुए देशी-विदेशी पर्यटकों को खजुराहो मंदिरों में घुमाते हैं और इसके अलावा भी आसपास के पर्यटक स्थल पर उनको भ्रमण कराते हैं. इसके बदले में उनको टूरिस्ट द्वारा जो राशि मिलती है उससे वह अपने परिवार का भरण पोषण करते हैं लेकिन विगत कई दिनों से टूरिस्टों का आना जाना बंद हो जाने से इन लोगों को भी आर्थिक संकट का सामना करना पड़ रहा है.

हैंडीक्राफ्ट की दुकान

90 परिवार के सदस्य खजुराहो में मंदिरों के आसपास छोटी-छोटी दुकानें रखकर हैंडीक्राफ्ट की मूर्तियां एवं कपड़े बेचने का काम करते थे वह लोग ही इस समय काफी परेशान हैं, क्योंकि छोटी-छोटी दुकान में दिन भर में इतनी ही बिक्री हो पाती थी कि वह अपने परिवार की रोजमर्रा की आवश्यकताओं की पूर्ति ही कर पाते थे लेकिन इस समय यह परिवार भी काफी परेशान हैं.

चार पहिया ठेला की दुकान

60 परिवार खजुराहो में फुटपाथ पर अपना ठेला लगाकर विभिन्न प्रकार की दुकान चलाते हैं. जिसमें सब्जी, फल पैटीज़, समोसे, डोसा, इडली, टिकिया, आमलेट, मनिहारी, मूर्तियां आदि प्रकार की दुकानें रखकर अपना जीवन यापन करते थे, जो पूर्ण रूप से बेरोजगार हो गए हैं. वह अपने घरों में बैठे हुए हैं. इस परिस्थिति में उनको भी अपने परिवार के भरण पोषण में समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है.

ट्रैवल एजेंसी

खजुराहो में ट्रैवल एजेंटों के यहां पर 200 से अधिक लोग बसों पर ड्राइविंग एवं टैक्सी ड्राइवर के रूप में कार्य कर रहे हैं. 50 से 60 लोग ट्रैवल एजेंटों के ऑफिस में काम कर रहे हैं. यह सभी बेरोजगार हो गए हैं. कोरोना जैसी महामारी में इन लोगों को भी परिवार चलाना बहुत मुश्किल हो रहा है.

मजदूर वर्ग

250 परिवार खजुराहो में दैनिक मजदूरी करने का काम करते हैं. जो मुख्य रूप से अपनी दैनिक मजदूरी पर निर्भर हैं. इस परिस्थिति में खजुराहो के होटल मार्केट बंद होने पर इन लोगों को मजदूरी नहीं मिल रही है. यह लोग घर पर बैठे हुए हैं अगर इन लोगों को कहीं काम दिया जाए तो अपने परिवार का भरण पोषण कर सकते हैं, नहीं तो दो टाइम की रोटियों के लिए परेशान हैं.

खजुराहो- एक नज़र में

कुल परिवार सदस्य 1935
400 परिवारों के पास खेती है
207 परिवार दैनिक मजदूरी

लोगों से बातचीत करने के बाद जो सुझाव निकल कर आए
नंबर 01- मिनरल वाटर प्लांट
नंबर 02- बड़े पापा दाल के पैकेट बनाना
नंबर 03 डिस्पोजल थाली गिलास प्लेट कटोरी प्लांट
नंबर 04- पशु आहार कपिला बनाने का प्लांट

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