Sunday - 7 January 2024 - 9:20 AM

फास्टैग से कैसे टोल प्लाजा पर कम होगी भीड़

न्यूज डेस्क

एक दिसंबर से टोल प्लाजा से गुजरने वाली गाड़ियां अगर फास्टैग लेन से गुजरती है तो टोल के लिए उन्हें रुकना नहीं पड़ेगा। इससे टोल पर भीड़ नहीं जुटेगी। टोल टैक्स गाड़ी के शीशे पर लगे आरएफआईडी फास्टैग से ही पैसे कट जाएंगे। यह बिल्कुल वैसा ही है जैसे कि आप प्रीपेड कार्ड का इस्तेमाल करते हैं।

केन्द्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने कहा है कि एक दिसंबर से राष्ट्रीय राजमार्गों के सभी टोल प्लाजा पर यह नियम लागू हो जाएगा। इस योजना का नाम वन नेशन वन टैग या एक राष्ट्र एक टैग दिया गया है।

कैसे काम करेगी आरएफआईडी तकनीक

इस तकनीक को रेडियो फ्रीक्वेंसी आईडेंटिफिकेशन या आरएफआईडी कहते हैं। फास्टैग में एक खास चिप लगी होती है जिसमें सारी जानकारी होती हैं। राष्ट्रीय राजमार्गों पर स्थित सभी टोल प्लाजा पर कुछ लेन होंगी, जो इस चिप को पढऩे की तकनीक से लैस होंगी। टोल प्लाजा पर खास सेंसर इस चिप को पढ़ लेगा और फिर चिप से अपने आप टोल का भुगतान हो जाएगा। आप इसे इलेक्ट्रॉनिक या डिजिटल रूप से टोल भुगतान भी कह सकते हैं। आरएफआईडी के टोल प्लाजा में इस्तेमाल के लिए इसमें पहले से पैसे डाले जा सकते हैं।

अब टोल प्लाज पर नहीं होगी भीड़

अक्सर आपने देखा होगा कि टोल प्लाजा पर लंबी-लंबी लाइने लगी होती हैं। लंबी यात्रा पर जा रहे हैं तो कई जगह रूक-रूककर टोल टैक्स देना पड़ता है। इसमें काफी समय जाया हो जाता है। फिलहाल अब ऐसा नहीं होगा। गाडिय़ों पर फास्टैग लगा होने से उन्हें रूकने की जरूरत नहीं पड़ेगी। इससे टोल प्लाजा पर अक्सर लगने वाला जाम भी खत्म होगा। इसके अलावा यात्रा में लगने वाले समय की भी बचत होगी।

इसके अलावा भी इससे कई फायदे है। आपने देखा होगा कि टोल प्लाजा पर टोल वसूलने के लिए वह अलग-अलग लेन बना होता है। कार, ट्रक और बस के लिए खास लेन होती हैं। ऐसे में जब टोल पर कोई वाहन चालक पैसे देता है तो उसके एवज में टोल कर्मचारी रसीद भी देता है। अब फास्टैग होने से कागज की बचत होगी और पर्यावरण को कम नुकसान होगा। वहीं वाहन के नहीं रुकने से प्रदूषण कम होगा और ईंधन भी बचेगा।

कैसे खरीदें फास्टैग

आपको फास्टैग खरीदने के लिए ज्यादा मेहनत की जरुरत नहीं है। फिलहाल राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) 1 दिसंबर तक इसे मुफ्त में बांटेगा। उसके बाद आप फास्टैग किसी काउंटर पर जाकर खरीद सकते हैं।

यदि आप एनएचआई के काउंटर नहीं जा सकते तो आप निजी या सरकारी बैंकों की चुनिंदा शाखाओं से भी खरीद सकते हैं। ऑटोमोबाइल डीलर अब नई गाडिय़ों में पहले से ही फास्टैग लगाकर दे रहे हैं। कुछ निजी ई-कॉमर्स कंपनियां भी इसे बेच रही है।

अगर आप फास्टैग खरीदने की सोच रहे हैं तो आपको इन बातों का ध्यान रखना होगा। आपको एक फॉर्म के साथ गाड़ी का रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट, वाहन मालिक की पासपोर्ट साइज तस्वीर, केवाईसी (नो योर कस्टमर) कागजात जैसे ड्राइविंग लाइसेंस, पैन कार्ड, आधार या मतदाता पहचान पत्र की कॉपी के फार्म जमा करने होंगे।

कैसे करें इस्तेमाल

फास्टैग खरीदने के बाद उसको गाड़ी के शीशे पर लगाने से पहले उस पर लगा प्लास्टिक हटा दें। उसको गाड़ी के शीशे पर चिपका दें। पहली बार इस्तेमाल करने वाले को टैग को ऑनलाइन वैलेट से जोडऩा पड़ेगा। नेशनल हाइवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया के मोबाइल ऐप से भी इसे रिचार्ज कर सकते हैं।

भारत में फास्टैग अब शुरु होने जा रहा है लेकिन यूरोप, अमेरिका समेत कई देशों में ऐसी तकनीक का इस्तेमाल होता आया है। इन देशों में लोग फर्राटे के साथ टोल प्लाजा पर बिना किसी रुकावट के पार हो जाते हैं।

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