Wednesday - 10 January 2024 - 9:33 AM

आज भी होती है पूजा और दशानन के सामने घूंघट में रहती हैं महिलाएं

जुबिली न्यूज़ डेस्क

नई दिल्ली। पूरे देश में आज दशहरा के पर्व की धूम है। दशहरा अन्याय पर न्याय की जीत और असत्य पर सत्य की जीत का पर्व है। देशभर में आज बुराई के प्रतीक रावण के पुतले जलाए जाते हैं। लेकिन देश में कई जगहें ऐसी भी हैं जहां रावण को जलाया नहीं बल्कि पूजा जाता है।

ऐसी ही एक जगह है मध्य प्रदेश में है। यहां रावण को पूजा ही नहीं जता बल्कि महिलाएं दशानन की प्रतिमा के सामने बिना घूंघट के भी नहीं जाती।

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मध्य प्रदेश के मंदसौर जिले के खानपूरा क्षेत्र में रावण की पूजा धूमधाम से की जाती है। दरअसल यहां रावण को दामाद माना जाता है। यहां दशहरे पर हाथों में आरती की थाली लिए, ढोल नगाड़े बजाते हुए रावण की प्रतिमा की हर साल पूजा होती है।

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यहां दशहरे पर ही सुबह से रावण की आरती और पूजा शुरू हो जाती है। मंदसौर में नामदेव समाज पिछले 300 से ज्यादा वर्षों से दशानन की पूजा करता आ रहा है। नामदेव समाज रावण की पत्नी मंदोदरी को अपनी बेटी मानता है और इस नाते रावण उनका दामाद है।

नामदेव समाज का कहना है कि दामाद होने के नाते यहां महिलाएं रावण के सामने से घूंघट निकाल कर निकलती हैं। वहीं यह भी मान्यता है कि यहां पर एकातरा बुखार जो एक दिन छोड़कर आता है। रावण के पैर पर रक्षा सूत्र बांधने से ठीक हो जाता है।

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