न्यूज़ डेस्क। समाज में परिवर्तन के साथ ही पत्रकारिता में भी परिवर्तन होंगे और इनका स्वागत किया जाना चाहिए। परिवर्तनों को हमेशा खराब ही मानने की प्रवृत्ति से बचना होगा। अक्सर परिवर्तन सार्थक भी होते हैं। विधानसभा अध्यक्ष हृदयनारायण दीक्षित ने अंतरर्राष्ट्रीय श्रम दिवस के मौके पर एक मई को …
Read More »लिट्फेस्ट
नुक्कड़ नाटक के जरिये मतदाताओं को किया जागरूक
जुबिली पोस्ट ब्यूरो लखनऊ। ADR की मतदाता जागरूकता अभियान के साथ नुक्कड़ नाटक की टीम ने चारबाग रेलवे स्टेशन, चारबाग बस स्टैंड, हजरत गंज (साहू सिनेमा के पास ) और भूतनाथ मार्केट में अपनी प्रभावशाली प्रस्तुतियां देकर मतदाताओं के मन और मस्तिष्क को झकझोर दिया। इस दौरान नाटक के अंत …
Read More »यक्ष-युधिष्ठिर संवाद : इंटरव्यू का फर्क
पंकज मिश्र यक्ष – सबकी पीड़ा एक है तो सबकी राष्ट्रीयताएँ अलग अलग क्यों है ? युधिष्ठिर – क्योंकि राष्ट्रीयताएँ सिर्फ हितों और संसाधनों का बंटवारा रोकने की व्यवस्थाएं है …..पीड़ा साझा करने की नहीं … यक्ष – आपदाएं , किस वर्ग का असली चेहरा उजागर करती है ? युधिष्ठिर …
Read More »मैने कागज पर गीतबहुत से लिख डाले…!
मैने कागज पर गीत बहुत से लिख डाले। कैसे मानूं मीत प्रीत की बात बहुत, तुमपर है विश्वास, मगर आघात बहुत रिवाजों के पहरे पे, पहरे पे ताले। स्वप्नों की डेहरी खुद, जलता मै देखूं, डोली पर दुल्हन सी, तुमको जब देखूं। दीप पर जलते हम, जलते हम मतवाले। मैने …
Read More »मंगलाचरण से शुरू हुआ 18वां हनुमान जयंती वार्षिकोत्सव समारोह
जेबी चेरीटेबल ट्रस्ट के द्वारा आयोजित दो दिवसीय 18वां हनुमान जयंती वार्षिकोत्सव समारोह लखनऊ के बलरामपुर गार्डन में शुरू हो गया। इस कार्यक्रम में उज्जैन के भजन गायक शर्मा बंधु मुख्य आकर्षण हैं। परिसर में श्यामल हनुमान की प्रतिमा के दर्शन राम परिवार के साथ भक्तों ने किए। परिसर में …
Read More »मैं तेरे मन का इक हिस्सा कुछ बात बताने…!
ख्वाहिश मैं तेरे मन का इक हिस्सा कुछ बात बताने आया हु कैसे तुमने मुझे मारा है ये अहसास कराने आया हु । तुम सबके अंदर हु मै पनपा तुम सबने मुझे चाहा है , मैं तेरी वो ख्वाहिश हूं जिसे तुमने खुद ही मारा है । तुम सबने मुझको …
Read More »फूल भला क्यों प्रेम करेगा कौन गायेगा कोयल…!
फूल भला क्यों प्रेम करेगा कौन गायेगा कोयल राग उपवन मे जब पतझर होगा, कहां पियेगा भ्रमर पराग। वासना से कब मिलता है, प्रियतम का अविनाशी विश्वास हास नही बस पीड़ा मे है जीवन का नैसर्गिक उन्माद, पीड़ा मे संगीत बसा है, कैसे करूं उसका प्रतिवाद। नि:श्वासों मे मलय समीर …
Read More »कलाई मे कंगन झिलमिला जाने दोधुली चांदनी को खिलखिला…!
कलाई मे कंगन झिलमिला जाने दो धुली चांदनी को खिलखिला जाने दो गीत रोता रहा मरमरी सांझ में दम सिसकता रहा गात की गांठ मे उडगनों से भरा अभ्र इठला गया रूप पलता गया पतझरी मांग मे पथ रोको नही मोड़ आजाने दो बस ठहरो जरा दीप मुसकाने दो। बरसते …
Read More »तुम बदले हम नहीं बदले,न बदला ये…!
तुम बदले हम नहीं बदले, न बदला ये संसार, वचन निभाना मुझको आता, वचन दिया उपहार। आंधी अंधड़ अक्सर आते, उड़ जाते पत्ते, नीरद नभ मे पावस से, जोड़ रहा रिश्ते। पवन के झोंकों का पागलपन, न रोके बौछार। रजत किरन मे मेरी छाया, तू बनकर आती, लेकिन घोर अंधेरा …
Read More »हास्य समारोह ‘लन्तरानी’ में खूब लगे ठहाके
जुबिली पोस्ट ब्यूरो लखनऊ। कहकहे, तालियां, ठहाके और वाह- वाह का शोर यही नजारा गोमतीनगर के लोहिया पार्क के मुक्ताकाशी मंच पर दिखाई दिया। अवसर था अवधी विकास संस्थान और साहित्यगंधा की ओर से आयोजित चतुर्थ हास्य समारोह लन्तरानी का। कार्यक्रम का उद्घाटन न्यायमूर्ति एससी वर्मा एवं अन्य अतिथियों ने …
Read More »