Saturday - 13 January 2024 - 5:55 PM

जुबिली डिबेट

राष्ट्रभक्ति का अभिनव उदाहरण हैं महाराज छत्रसाल

डा. रवीन्द्र अरजरिया मां भारती के वीर सपूतों ने प्रत्येक कालखण्डों में अपनी शौर्यगाथाओं से भावी कर्णधारों को प्रेरणात्मक आत्मविश्वास की थाथी सौंपी। इसी थाथी ने रणबांकुरों को लोकदेव तक के अभिनन्दनीय मंच पर स्थापित कर दिया। वर्तमान में क्षेत्र विशेष के राष्ट्रभक्तों को चिरस्थाई करने की परम्परा तेजी से …

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नहीं भूलती जाड़े की वह रात

शबाहत हुसैन विजेता वह ज़बरदस्त जाड़े की रात थी। लिहाफ के ऊपर कम्बल भी था और रूम हीटर चल रहा था, लेकिन ठंड जिस्म का एग्जाम पूरी शिद्दत से ले रही थी। फर्स्ट फ्लोर पर मेरी रिहाइश है. उन दिनों बड़ी सी छत पर एक किनारे पर मेरा कमरा बना …

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सिर्फ नारों तक ही सीमित है समरस समाज !

राजेन्द्र कुमार गरीबी संत्रास ग्रस्त के साथ ही उपेक्षित भी होती है। देश और प्रदेश में सरकार चाहे कांग्रेस की रही हो या बीजेपी की, ये सत्य जस का तस है। उत्तर प्रदेश के हर गाँव में इस सत्य के दर्शन होते हैं। यूपी के लगभग सभी गांवों में यह …

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बहस के केन्द्र में है गोदी मीडिया

केपी सिंह  लोक सभा चुनाव के नतीजों के बाद लोकतंत्र का तथाकथित चौथा स्तम्भ पहले स्तम्भ के निशाने पर है। सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनो ही अपने-अपने तरीके से मीडिया की भूमिका पर उंगली उठाने में लगे है। इस बीच गोदी मीडिया का मुहावरा एक गाली का रूप ले चुका …

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हाशिए पर पहुंचे केजरीवाल ?

राजेन्द्र कुमार इस बार का जनादेश एक बार फिर कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के खिलाफ गया है। कांग्रेस का जहां देश के 21 राज्यों में सफाया हो गया है। वही आम आदमी पार्टी दिल्ली में एक भी सीट पर जीत हासिल नहीं कर सकी। अरविंद केजरीवाल की अगुवाई में ये …

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मोदी सरकार के सामने हैं बड़ी आर्थिक चुनौतियां

डॉ. योगेश बंधु अपने चुनावी भाषणो में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश भविष्य के और आर्थिक विकास के लिए मज़बूत सरकार का ज़िक्र ज़रूर करते थे। अब जबकि उन्हें पूर्ण बहुमत मिला गया है, तो ज़ाहिर है देश की जनता और अर्थजगत को उनसे बहुत उम्मीदें हैं। अगर उनके पिछले कार्यकाल …

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मोदी 2.0 : उम्मीद है पुरानी गलतियां नहीं दोहरायेंगे

डा. श्रीश पाठक भाजपा की इस सुनामी में कई समीकरण और छोटे-मोटे प्रबंधन के बांस टूटकर गिर गए हैं लेकिन कठिन मुद्दों की कुछ बेहया घास अभी भी जमी हुई है l ये घास केवल सुशासन से ही हटाई जा सकती हैं l 2014 में नरेंद्र मोदी ने चुनाव लड़ने …

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जातिवादी सोच है डॉ पायल तडवी की मौत की वजह

प्रांशु मिश्रा डॉ पायल की मौत कई मामलों में रोहित वेमूला की मौत याद दिलाती है। बस अंतर यह कि वहां जाति के नाम पर संस्थागत भेदभाव था। पायल की मौत के जिम्मेदार उसके ही कुछ सहपाठी डॉक्टर थे। कुछ ऐसे डॉक्टर जो जाहिर तौर पर खासे पढ़े लिखें होंगे। …

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 कांग्रेस की डूबती नैया को आखिर कौन लगाएगा पार

कृष्णमोहन झा हाल ही में संपन्न  हुए लोकसभा चुनाव के परिणामों ने यूं तो सारे विरोधी दलों को हताशा की स्थिति में पंहुचा दिया है,लेकिन इस चुनाव में कांग्रेस को जो सदमा लगा है ,उससे उभरने में पार्टी को कितना समय लगेगा, यह कोई नहीं बता सकता। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल …

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सुनामी में घास: चुनावी गणित में प्रबंधन बनाम प्रशासन

डा. श्रीश पाठक भारतीय जनता पार्टी की इतनी शानदार जीत ऐतिहासिक है, यहाँ से भारतीय आम चुनाव एक नए विमर्श प्रतिमानों के साथ याद किये जायेंगे l इस जीत के लिए इन्हीं आंकड़ों के साथ कोई आश्वस्त था, यह कहना निरी मुर्खता होगी और कुछ सरलीकरण भी चुनाव पश्चात् प्रचलित …

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