Saturday - 10 May 2025 - 11:53 AM

ओपिनियन

पूंजीपतियों के फाइनेंस से राजनीतिक दल बन जाते हैं ड्रग्स एडिक्ट जैसे

पूंजीपति करीब आते हैं तो राजनीति दलों से दूर होती है आम जनता जनाधार के वटवृक्ष की जड़ का मट्ठा होता है पूंजीपतियों का फाइनेंस पूंजीपतियों का फाइनेंस राजनीति दलों को एडिक्ट बना देता है जनाधार और पूंजीपतियों का फाइनेंस दो पत्नियों की तरह साथ नहीं रह सकते । नवेद …

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गांव किसान का दर्द और बहस खेती बनाम पूंजी की

डॉ सी. पी. राय इस समय किसान के खेत का आलू और सब्ज़ियाँ आने लगी तो कितना सस्ता मिल रहा है सब । उससे पहले व्यापारी के गोदाम का था तो आलू ही 50/60 मिल रहा था जिसे गरीब की सब्ज़ी कहते है । यही हाल सब चीज़ का है …

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करुणानिधि और जयललिता के बगैर भी तमिलनाडु में सत्ता की लड़ाई रोमांचक है

प्रीति सिंह तमिलनाडु में अगले साल विधानसभा चुनाव होना है। इस लिहाज से पूरा माहौल चुनावी हो गया है। जहां सत्तारूढ़ अन्ना डीएमके अपने कामकाज के भरोसे सत्ता में आने का सपना देख रही है तो वहीं विपक्षी दल डीएमके अध्यक्ष एम.के. स्टालिन के भी लोकसभा चुनाव में मिली भारी-भरकम …

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मोदी के ‘सेंट्रल विस्टा मिशन’ पर देश के दिग्गजों बाबूओं ने उठाए तीखे सवाल

कुमार भवेश चंद्र नए संसद भवन और सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट को लेकर विवाद बढ़ता ही जा रहा है। सियासी लोगों के बाद अब देश के रिटायर्ड आईएएस और आईपीएस अफसरों ने भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को खुली चिट्ठी लिखकर इस प्रोजेक्ट पर दोबारा विचार करने के लिए कहा है। यह …

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यूपी के कलाकारों की भागीदारी के बिना नौकरशाह और सुपर स्टार कैसे बना लेंगे नोएडा फिल्म सिटी !

नवेद शिकोह ये त्याग ही था उन कलाकारों का जिन्होंने मुंबई फिल्म नगरी पलायन नहीं किया और अपनी जन्म भूमि को अपनी कर्मभूमि बनाने की जद्दोजहद में मुफलिसी का दर्द सहते रहे। बॉलीवुड के कलाकारों से ज्यादा हुनरमंद लखनऊ के प्रतिभावान कलाकारों को यूपी फिल्म सिटी की प्लानिंग की वार्ताओं …

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अलविदा दादा मोतीलाल बोरा जी

चंचल दुखद खबर – मोतीलाल बोरा नही रहे। कई शख्सियतें खुद में इस कदर रच वस जाती हैं कि वे किसी ओहदे या अलहदा शिनाख्त से बहुत दूर निकल जा चुकी होती हैं। बोरा जी उसी दर्जे में दाखिल हो कर चमक रहे थे। मसलन यह बताने की जरूरत नही …

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पश्चिम बंगाल में बीजेपी के इस दांव में फंस चुकी हैं टीएमसी

कुमार भवेश चंद्र चुनावों से पहले ऐसे दावों का जोखिम तो रहता ही है। पश्चिम बंगाल के विधानसभा चुनाव में अभी वक्त है। अब से लेकर अप्रैल-मई के बीच कुछ भी ऐसा हो सकता है जो चुनावी तस्वीर दे। लेकिन यह इस वक्त की सच्चाई है कि बीजेपी ने ममता …

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बिना सोचे नीतियां लागू करने का खामियाजा भुगत रहा है भारत

रफ़त फातिमा कोरोना पैंडेमिक ने वैश्विक स्तर पर आर्थिक समस्याओं को पैदा किया है, लेकिन भारत में इसके दुष्प्रभाव ज़्यादा ही घातक साबित हुए हैं। इसकी ख़ास वजह गत छः वर्षों से जारी केंद्र सरकार की ग़लत नीतियों में निहित है। सबसे पहले नोटबंदी ने मध्यम और निम्न वर्ग की …

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करे कोई लेकिन भरे कोई और

प्रीति सिंह एक कहावत है करें कोई लेकिन भरे कोई और। इसका मतलब है दूसरे की गलती की सजा किसी और को मिले। यह कहावत वर्तमान हालात में उन लोगों पर सटीक बैठती है जो लोग वायु प्रदूषण फैलाने के जिम्मेदार हैं। शहरों में वायु प्रदूषण का सबसे बड़ा कारण …

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भारत में आज भी बाल विवाह है बड़ी चुनौती

प्रीति सिंह बाल विवाह रोकने की सरकारी कोशिशों, नियमों और काननू के बावजूद आज भी परंपरा के नाम पर यह धड़ल्ले से हो रहा है। जब भी इस पर सवाल उठता है तो सरकार कहती है कि पहले के मुकाबले इस बार बाल विवाह में कमी आई है, मगर…। भारतीय …

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