Saturday - 10 May 2025 - 8:13 AM

ओपिनियन

तोता बन गया बाज, नेताओं पर गाज

सुरेंद्र दुबे  त से तोता जो किसी का नहीं होता। जिसकी सरकार होती है उसी की भाषा बोलने लगता है। कुछ वर्ष पूर्व सुप्रीम कोर्ट ने स्‍वयं माना था कि सीबीआई पिंजरे में बंद एक तोता है। यानी कि सरकार जैसा चाहती है वैसा उससे करवाती है, जिस समय ये …

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कश्मीर: पाकिस्तान को भारी पड़ेगा भारत से पंगा लेना

कृष्णमोहन झा जम्मू कश्मीर को अनुच्छेद 370 और 35A से मुक्त कर वहां शांति कायम करने और विकास के नए रास्ते खोजने की मोदी सरकार की पहल पर पाकिस्तान का नकारात्मक रवैया बदलने की दूर दूर तक कोई संभावना नजर नहीं आती। भारत सरकार को पूरा हक है कि वह …

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कुड़मुड़-मुड़मुड़, झइयम-झइयम , कुछ ऐसा ही है मुल्क का हाल

सुरेन्द्र दुबे आज पूरी रात राजधानी लखनऊ में झमाझम बारिश हुई। ये बात अलग है कि सावन बीतने के बाद भादो में जमकर पानी बरसा। इस जोरदार बारिश की आवाज झइयम-झइयम करके सुनाई दे रही थी। इस आवाज को सुनकर बचपन के एक बाजा झइयम-झइयम की याद ताजा हो गई। …

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उलटबांसी : आर्थिक मंदी महाकाल का प्रसाद है

अभिषेक श्रीवास्तव बरसों बाद वामपंथियों के खुश होने का मुहूर्त आया है । किसी से भी बात करिये, पता नहीं क्यों सब मन ही मन खुश लग रहे हैं । चेहरे पर भले 370 बजा है, लेकिन दिल में अचानक एक उम्मी‍द जगी है । यह उम्मीद गहराती आर्थिक मंदी …

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‘आसमां पे है खुदा और जमीं पे हम’

सुरेन्द्र दुबे चलिए आज की बात साहिर लुधियानवी के एक गीत से शुरु करते हैं, जिसे सुर दिया था खय्याम हाशमी ने, जिन्हें संगीत जगत सिर्फ खय्याम के नाम से जानता है। ये गीत आज की परिस्थितियों पर हर तरह से मौजू है। इसलिए सोचा कि चलो दीन दुनिया की …

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माननीयों के बारे में कब होगी अच्छी खबरों की शुरूआत

केपी सिंह हमारे देश के माननीयों के बारे में ऐसी अच्छी खबरें कम ही आती हैं जिससे समाज के नैतिक उत्थान में सहायता मिले। उनसे जुड़ी ज्यादातर खबरें लोगों के मन का जायका खराब करने वाली होती हैं। हालांकि माननीयों की सेहत पर इसका कोई असर नहीं पड़ता क्योंकि तमाम …

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सावधान, कहीं आप “सेल्फाइटिस” के शिकार तो नहीं..!

राजीव ओझा सावधान! अगर बार बार सेल्फी लेने का मन करता है तो सम्भाल जाएं। हो सकता है आप गंभीर मनोरोग के शिकार हों। वैसे तो अमेरिकन साईकियाट्रिक असोसिएशन कई वर्षों पहले ही इसकी आधिकारिक घोषणा कर चुका है कि अकेले में बार बार सेल्फी लेना और उसे सोशल मीडिया …

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…तो शायद फिर निकले संभावनाओं का सूरज

शबाहत हुसैन विजेता देश मंदी के दौर से गुजर रहा है। आटो सेक्टर बंदी की कगार पर है। कर्मचारियों की छंटनी शुरू हो चुकी है। कहां तो वादा यह था कि हर साल दो करोड़ रोजगार दिये जाएंगे कहां हालात ऐसे हो गये हैं कि रोजगार घट रहे हैं। आटो …

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नेताओं और अफसरों की जुगलबंदी में कराह रही है कल्याणकारी योजनायें

डा. रवीन्द्र अरजरिया स्वाधीनता दिवस पर हर ओर जश्न का माहौल रहा। कश्मीर की कुछ बंदिशें समाप्त होने की खुशियां मनाई गई। विकास की उम्मीद ने अंगडाई ली। तिरंगे के रंग चटक होने लगे। समूचा देश एक अनजाने से उल्लास में डूब गया। रिमझिम बरसात, गर्मी से निजात दिलाने वाली …

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क्या मुख्यमंत्री को विफल करने में तुली है अफसरशाही

केपी सिंह  अधिकारियों पर राज्य सरकार की पकड़ का पैमान पेश करने वाली मुख्यमंत्री सूचना हेल्पलाइन पर पिछले एक महीने में आयी शिकायतों के निदान की तस्वीर बहुत बदरंग है। पिछली पांच जुलाई को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने स्वयं इस हेल्पलाइन सेवा का शुभारम्भ करते हुए घोषणा की थी कि …

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