Wednesday - 7 May 2025 - 1:24 AM

ओपिनियन

विश्वविद्यालयों में लोकपाल केवल एक औपचारिकता

अशोक कुमार विभिन्न विश्वविद्यालयों में लोकपाल की नियुक्ति 2019 में विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (लोकपाल) विनियम, 2019 के अधिसूचित होने के बाद शुरू हुई थी। यह विनियम भारत सरकार के मानव संसाधन विकास मंत्रालय (अब शिक्षा मंत्रालय) द्वारा जारी किया गया था। विनियमों के अनुसार, प्रत्येक विश्वविद्यालय को एक लोकपाल नियुक्त …

Read More »

गोरखा युवाओं पर रूस और चीन की नजर

यशोदा श्रीवास्तव भारतीय सेना में अग्निवीर योजना लागू होने के बाद नेपाल के गोरखा युवा निराशा व असमंजस की स्थिति में हैं। भारत ने 2022 में सैन्य भर्ती प्रणाली में परिवर्तन कर सेना में अग्निवीर योजना लागू की थी। नेपाल सरकार को भारत की यह योजना रास नहीं आई अतः …

Read More »

रोजगारपरक विषय है आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस

अशोक कुमार आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) एक तेजी से बढ़ता हुआ क्षेत्र है और ग्रेजुएशन स्तर पर युवाओं को इससे संबंधित कई महत्वपूर्ण विषय पढ़ाए जाने चाहिए ताकि वे इस तकनीक को समझ सकें और भविष्य के रोजगार के लिए तैयार हो सकें। कुछ सुझाव इस प्रकार हैं: AI के बुनियादी …

Read More »

मजदूर दिवस : श्रमिकों के अधिकारों के लिए संघर्ष

कहकशां परवीन/खालिद चौधरी     मजदूर दिवस श्रमिकों की मेहनत और उनके संघर्ष को सम्मानित करने का दिन है। भारत में श्रमिक वर्ग के लिए कई चुनौतियाँ हैं, जैसे कम मजदूरी, असुरक्षित कामकाजी स्थितियां, और सामाजिक सुरक्षा की कमी। इस दिवस के महत्व को देखते हुए, विभिन्न नए कानूनों की मांग …

Read More »

पहलगाम के खून के छींटें नेपाल तक

यशोदा श्रीवास्तव नेपाल को है पाकिस्तान के साथ कुछ बड़ा होने की उम्मीद पहलगाम की घटना से नेपाल में भी गम और गुस्सा का माहौल है। तमाम कारणों से नेपाल की मौजूदा हुकूमत की भारत से नाइत्तफाकी के बावजूद वह चाहता है कि इस बार भारत की ओर से पाकिस्तान …

Read More »

क्या भारतीय समाज एक फासिस्ट त्रासदी की ओर बढ़ रहा है?

राजीव रक्ताभ प्रथम विश्व युद्ध (1914-18) में जर्मनी की हार ने देश की सामाजिक, राजनीतिक और आर्थिक बुनियाद हिला दी थी। वर्साय की संधि (Treaty of Versailles) ने जर्मनी पर अपमानजनक शर्तें और भारी युद्ध क्षतिपूर्ति (reparations) लाद दी। भूख, बेरोज़गारी, आर्थिक अवसाद और राष्ट्रीय गौरव का पतन — ये …

Read More »

गोरखपुर विश्वविद्यालय की 75 वर्षों की यात्रा

अशोक कुमार दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय की 75 वर्षों की यात्रा केवल एक शैक्षणिक संस्थान के विकास की गाथा नहीं है, बल्कि यह पूर्वी उत्तर प्रदेश के सामाजिक और बौद्धिक परिदृश्य के विकास की कहानी भी है। तत्कालीन मुख्यमंत्री गोविंद बल्लभ पंत ने 1 मई 1950 को इस विश्वविद्यालय की …

Read More »

गोरखपुर विश्वविद्यालय के नामकरण का इतिहास

अशोक कुमार गोरखपुर विश्वविद्यालय उत्तर प्रदेश का पहला विश्वविद्यालय है जो स्वतंत्रता के बाद स्थापित हुआ था। स्थानीय प्रशासन की पहल पर रेसकोर्स की 169 एकड़ भूमि विश्वविद्यालय को प्रदान की गई थी। तत्कालीन मुख्यमंत्री गोविंद बल्लभ पंत ने 1 मई 1950 को इस विश्वविद्यालय की आधारशिला रखी थी। उनका …

Read More »

पत्रकारिता: आग लगाने नहीं, आग बुझाने का काम है

उबैद उल्लाह नासिर एक वीडियो वायरल हुआ है, जिसमें पत्रकार चित्रा त्रिपाठी को कश्मीर के लोग हूट कर रहे हैं और ‘गोदी मीडिया मुर्दाबाद’ के नारे लगा रहे हैं। यह पहला मामला नहीं है। चित्रा त्रिपाठी, अंजना ओम कश्यप, अमन चोपड़ा (जिस पर तो जुर्माना भी लग चुका है) जैसे …

Read More »

जंगल में लगी आग पेड़ को पहचान कर नहीं जलाती

उबैद उल्लाह नासिर सबसे पहले दो महिलाओं की बात करते हैं। दोनों सेलेब्रिटी हैं — पहली हैं सुश्री तवलीन सिंह, देश की वरिष्ठतम पत्रकारों में से एक। दूसरी हैं मशहूर गायिका अनामिका जैन अंबर। दोनों स्वघोषित मोदी भक्त हैं। तवलीन सिंह जी तो कांग्रेस विरोध की पैदाइश और नेहरू–गांधी परिवार …

Read More »
English

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com