विश्व पर्यावरण की हार्दिक बधाई और शुभकामनायें ! जब तक शिक्षा प्रदूषण समाप्त नहीं होगा, तब तक पर्यावरण सुरक्षित और स्वच्छ नहीं होगा । यह दर्शाता है कि पर्यावरण संरक्षण के लिए केवल तकनीकी समाधान ही काफी नहीं हैं, बल्कि हमें अपनी शिक्षा और सामाजिक नैतिकता की जड़ों को भी …
Read More »ओपिनियन
कुलपतियों ( कुलगुरुओं) के इस्तीफ़े : कारण और परिस्थितियाँ
अशोक कुमार विश्वविद्यालयों के कुलपति विभिन्न परिस्थितियों में इस्तीफा देते हैं। यह एक जटिल मुद्दा है जिसके कई कारण हो सकते हैं, जिनमें से कुछ प्रमुख कारण और परिस्थितियाँ इस प्रकार हैं इस्तीफे के प्रमुख कारण भ्रष्टाचार और अनियमितताएं नियुक्तियों में गड़बड़ी, फर्जी डिग्रियां बेचना, वित्तीय अनियमितताएं और पद का …
Read More »ऐसी टीवी डिबेट्स का सर्वनाश करेगा मां का श्राप
नवेद शिकोह मां दुर्गा है, हमारा देश भारत हमारी मां है। मां के क़दमों के नीचे जन्नत है। मां ना होती तो शायद पवित्रता और शक्ति की कल्पना भी नहीं की जा सकती थी। मां का आर्शीवाद है तो जीवन सफल,सुखी और समृद्ध है। लोक-परलोक हर जगह मां की महिमा …
Read More »क्या है विश्वविद्यालय की असली भूमिका ?
अशोक कुमार विश्वविद्यालय का मूल अर्थ स्वायत्तता एवं स्वतंत्र विचारों की अभिव्यक्ति से गहराई से जुड़ा हुआ है। स्वायत्तता का महत्व विश्वविद्यालयों को स्वायत्तता इसलिए दी जाती है ताकि वे बाहरी दबावों, विशेषकर राजनीतिक या आर्थिक प्रभावों से मुक्त होकर अपने शैक्षिक और अनुसंधान संबंधी कार्यों को स्वतंत्र रूप से …
Read More »शैक्षणिक स्वतंत्रता-क्या यह आवश्यक है?
अशोक कुमार शैक्षणिक स्वतंत्रता उच्च शिक्षा में शिक्षकों, शोधकर्ताओं और छात्रों की स्वतंत्रता है कि वे अपने शैक्षणिक क्षेत्र में विचारों और निष्कर्षों की जांच, शिक्षण और चर्चा कर सकें, बिना किसी अनुचित हस्तक्षेप, प्रतिबंध या प्रशासकों, राजनीतिक हस्तियों, दाताओं या अन्य बाहरी संस्थाओं से प्रतिशोध के डर के। यह …
Read More »अभावग्रस्त बच्चों के हौसलों की उड़ान फिल्म “चिड़िया”
तीस मई को हो रही देश-भर में रिलीज राष्ट्रीय -अंतरराष्ट्रीय फिल्म फेस्टिवल में पा चुकी है कई अवार्ड नवेद शिकोह मासूम बचपन के सपनों, हौसलों, संघर्षों और प्रतिभा में अथाह ताकत होती है। ख़ासकर अभावग्रस्त,संघर्षशील गरीब परिवार के या लावारिस बच्चे जो सोच लें वो कर दिखाते हैं। उन्हें मुश्किलें …
Read More »डमी स्कूल-प्रभावशाली या औपचारिक शिक्षा के लिए हानिकारक ?
अशोक कुमार “डमी स्कूल” एक ऐसा मॉडल है जहां छात्र किसी स्कूल में केवल नाम के लिए दाखिला लेते हैं, लेकिन वे नियमित रूप से स्कूल नहीं जाते हैं। इसके बजाय, वे प्रतियोगी परीक्षाओं (जैसे JEE, NEET) की तैयारी के लिए कोचिंग सेंटरों में अधिक समय बिताते हैं। डमी स्कूलों …
Read More »सत्ता से अंधी मोहब्बत में जड़ें छोड़ रहे दल
अपनों से इजहार-ए-मोहब्बत नहीं करती सपा-भाजपा नवेद शिकोह राजनीति दलों से कितनों का ही पुराना इश्क हो लेकिन सियासत को सिर्फ कुर्सी से इश्क होता है। सत्ता पाने या सत्ता सुख कायम रखने के लिए दलों को अपने आशिकों (पारंपरिक वोटरों) से ज्यादा ध्यान उनका रखना पड़ता है जिनसे उनकी …
Read More »सिर्फ़ घर नहीं, गर्भ तक पहुँच रही हैं हीट वेव्स
डा. सीमा जावेद जलवायु परिवर्तन अब माँ की कोख तक आ पहुँचा है—जहाँ ज़िंदगी की शुरुआत होती है, वहीं अब संकट भी जन्म ले रहा है। पसीने से तर-ब-तर दोपहरें अब सिर्फ चुभन नहीं लातीं—ये कोख में पल रही ज़िंदगी पर भी वार कर रही हैं। जलवायु परिवर्तन की वजह …
Read More »चली है रस्म कि कोई न सर उठा के चले…
उबैद उल्लाह नासिर प्रतिष्ठित गुजरात समाचार के 93 वर्षीय संपादक और प्रोपराइटर बाहुबली शाह की कथित मनी लॉन्ड्रिंग केस में ईडी द्वारा गिरफ्तारी के बाद अशोका यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर अली खान को हरियाणा महिला आयोग द्वारा गिरफ्तार कर लिया गया है। उधर, मध्य प्रदेश हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट की लताड़ …
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