Sunday - 7 January 2024 - 2:34 AM

क्या RTPCR के जरिए हो सकती है ओमिक्रॉन की जांच?

जुबिली न्यूज डेस्क

वर्तमान में पूरी दुनिया में कोरोना के नए वेरिएंट ओमिक्रॉन को लेकर हलचल है। दक्षिण अफ्रीका और कई अफ्रीकी देशों में मिले कोरोना के नये वेरिएंट की वजह से कई देशों ने दक्षिण अफ्रीका देशों की यात्रा पर प्रतिबंध भी लगा दिया है।

फिलहाल ओमिक्रॉन को लेकर उतना ही भ्रम है जितना शुरू में कोरोना के मामले आने के बाद था। इसको लेकर अभी बहुत कुछ साफ नहीं हो पाया है।

हालांकि WHO ने ओमिक्रॉन को ‘हाई रिस्क’  की श्रेणी में रखा है। अब तक के आंकड़ों के मुकाबले इस वायरस का प्रसार बहुत तेजी से होता है। इसके अलावा वैक्सीन की इम्युनिटी भी इसके सामने डेल्टा वैरिएंट की तुलना में कम प्रभावी है।

RTPCR के जरिए हो सकती है जांच?

कोरोना के नये वैरिएंट को फैलने से रोकने के लिए दुनिया के सभी देश अपने-अपने स्तर पर प्रयास में जुटे हुए हैं। वहीं ङ्ख॥ह्र ने एक राहत की बात यह बताई है कि इस स्ट्रेन की भी जांच RT-PCR  के जरिए संभव है।

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कई वैरिएंट ऐसे भी हैं जिनकी जांच केवल जेनेटिक सेक्वेंसिंग के जरिए ही हो पाती है। हालांकि ओमिक्रोन के मामले में ऐसा नहीं है।

वैरिएंट का पता लगाना मुश्किल!

वहीं कई विशेषज्ञों ने ‘द इंडियन एक्सप्रेस’ को बताया कि भारत में होने वाले अधिकतर RTPCR हो सकता है कि ओमिक्रॉन को न पहचान पाएं।

अब तक भारत में इस तरह का कोई केस सामने नहीं आया है और न ही टेस्टिंग हुई है। जानकारों के अनुसार आरटी-पीसीआर में इस बात की पुष्टि होती है कि व्यक्ति संक्रमित है या नहीं। इसमें वैरिएंट का पता लगाना मुश्किल होता है। वैरिएंट का पता लगाने के  लिए जीनोम सिक्वेसिंग का ही सहारा लिया जाता है।

सतर्क हो गई हैं राज्य सरकारें

कोरोना के नए स्ट्रेन को लेकर राज्य सरकारें सावधान हो गई हैं। महाराष्ट्र सरकार ने फैसला किया है कि कुछ खास देशों से आने वाले यात्रियों को अनिवार्य रूप से सात दिन क्वारंटीन रहना होगा। क्वारंटीन होटल के लिए यात्रियों को भुगतान भी करना होगा। दूसरे, चौथे औऱ सातवें दिन सभी का आरटीपीसीआर टेस्ट किया जाएगा।

जांच और स्क्रीनिंग पर ज्यादा जोर

जिन एयरपोर्ट पर अंतरराष्ट्रीय उड़ानें आती हैं, वहां पर स्क्रीनिंग और जांच पर ज्यादा जोर दिया जाएगा। केंद्र सरकार ने अपनी गाइडलाइन में जांच में गंभीरता दिखाने के बात कही है।

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एयरपोर्ट पर 1200 से 1400 लोगों के बैठने की व्यवस्था की गई है ताकि लोग अपनी रिपोर्ट का इंतजार कर सकें। एयरपोर्ट अधिकारियों के मुताबिक एक घंटे में 600 सैंपल लिए जा सकते हैं।

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