जुबिली स्पेशल डेस्क
मध्य प्रदेश में 28 विधानसभा सीटों के लिए मंगलवार को उपचुनाव के लिए मतदान खत्म हो गया है। मध्य प्रदेश उपचुनाव कांग्रेस और बीजेपी दोनों के लिए काफी अहम है।
चुनाव आयोग के मुताबिक यहां पर शाम साढ़े छह बजे तक 68.81 प्रतिशत मतदान हुआ है। चुनाव आयोग के अनुसार मध्य प्रदेश की बदनावर सीट पर वोटरों में अच्छा उत्साह दिखा है।
इसका नतीजा यह रहा कि यहां पर सबसे अधिक 83.20 प्रतिशत मतदान होने की बात कही जा रही है। अगर ग्वालियर ईस्ट की बात की जाये तो यहां पर सबसे कम मतदान हुआ है।
चुनाव आयोग के अनुसार यहां पर केवल 48.15 प्रतिशत मतदान हुआ है। दरअसल यहां पर पहले कमलनाथ की सरकार थी लेकिन बाद में यहां पर सत्ता परिवर्तन हुआ और शिवराज फिर सत्ता में आ गए थे।
एमपी में उपचुनाव की जरूरत कांग्रेस के 25 विधायकों के इस्तीफा देने और 3 विधायकों के निधन से हुई। कांग्रेस से इस्तीफा देने वाले सभी 25 विधायक बीजेपी में आ गए हैं, इन सभी 25 लोगों को टिकट देकर बीजेपी ने चुनावी मैदान में उतारा है, इनमें से शिवराज सरकार के 14 मंत्री भी हैं। उपचुनाव के नतीजे तय करेंगे कि कमलनाथ सरकार को हटाकर बनी शिवराज सरकार टिकी रहेगी या नहीं।
देखें कितने प्रतिशत हुआ मतदान
- बदनावर सीट पर 83.20 प्रतिशत
- ग्वालियर पूर्व सीट पर 48.15 प्रतिशत
- आगर मालवा में 80.54 प्रतिशत
- अंबाह में 54.30 प्रतिशत
- अनूपपुर में 67.60 प्रतिशत
- अशोक नगर में 69.79प्रतिशत
- बमोरी में 78.84 प्रतिशत
- भांडेर में 71.59 प्रतिशत
- ब्यावरा में 80.01प्रतिशत
- डबरा में 66.68 प्रतिशत
- दिमनी में 61.06 प्रतिशत
- गोहद में 54.48 प्रतिशत
- ग्वालियर में 56.15 प्रतिशत
- ग्वालियर पूर्व में 48.15 प्रतिशत
- हाटपिपल्या में 80.84 प्रतिशत
- जौरा में 69 प्रतिशत
- करेरा में 72.11 प्रतिशत
- बड़ा मलहरा में 68.06 प्रतिशत
- मंधाता में 73.44 प्रतिशत
- मेहगांव में 61.18 प्रतिशत
- मुरैना में 57.80 प्रतिशत
- मुंगावली में 77.17 प्रतिशत
- नेपानगर में 75.81 प्रतिशत
- पोहरी में 70.05 प्रतिशत
- सांची में 68.87 प्रतिशत
- सांवेर में 74.34 प्रतिशत
- सुमावली में 63.04 प्रतिशत
- सुरखी में 70.55 प्रतिशत
- सुवासरा में 79.97 प्रतिशत मतदान होने की बात कही गई है।
उपचुनाव को लेकर क्या है पूरा गणित
गौरतलब है कि 2018 के विधानसभा चुनाव के बाद सत्ता में आई कांग्रेस की सरकार 15 महीने में ही गिरने के बाद इस साल मार्च में बीजेपी की सरकार बनी और शिवराज सिंह चौहान पांचवीं बार सीएम बने, लेकिन सत्ता में बने रहने के लिए बीजेपी को उपचुनावों में कम से कम 9 सीटें जीतना जरूरी है।
इस लिहाज से देखें तो उपचुनाव शिवराज सिंह चौहान की लोकप्रियता का लिटमस टेस्ट है। मध्य प्रदेश की विधानसभा में कुल 230 सीटें हैं और बहुंत के लिए 116 सदस्यों का बहुमत चाहिये। वर्तमान में शिवराज सिंह चौहान सरकार यानी बीजेपी के पास 107 विधायक हैं। यानी सत्ता में बने रहने के लिए उसे 9 सीटें जीतनी होंगी।
कांग्रेस ऐसे आ सकती है सत्ता में वापस
वहीं, कमलनाथ की अगुवाई वाली कांग्रेस के विधायकों की संख्या महज 87 है। हाल ही में एक कांग्रेस विधायक के इस्तीफे के बाद कुल 29 सीटें खाली हैं और इनमें से 28 सीटों पर उपचुनाव हो रहा है। ऐसे में कांग्रेस को सत्ता में वापसी के लिये 28 में से 25 सीटों पर जीत जरूरी है। ऐसा होने पर शिवराज सरकार पलट सकती है।
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