Sunday - 7 January 2024 - 12:17 AM

राष्ट्रपति चुनाव : अमेरिका में किसकी होगी सरकार?

जुबिली न्यूज डेस्क

अखिरकार अमेरिका में राष्ट्रपति  चुनाव की घड़ी आ गई। 24 घंटे में पता चल जायेगा कि अमेरिका में किसकी सरकार बनेगी। ट्रंप अपनी कुर्सी बचाने में कामयाब होंगे या जो बाइडन उन्हें सत्ता से बेदखल करेंगे?

अमेरिका में तीन नवंबर (भारतीय समयानुसार 4 नवंबर सुबह 6 बजे) को राष्ट्रपति चुनाव है। सबसे खास बात यह है कि यहां अर्ली वोटिंग, यानी तय तारीख से पहले मेल वोटिंग की व्यवस्था है। इसके जरिए करीब 50 फीसदी मतदान हो चुके हैं।

जैसे ही मतदान की समय सीमा समाप्त होगी तुरंत मतगणना शुरु हो जायेगी। यदि सबकुछ ठीक रहा तो चार नवंबर की शाम तक यह साफ हो जाएगा कि डोनॉल्ड ट्रंप राष्ट्रपति बने रहेंगे या उनकी जगह डेमोक्रेट पार्टी के जो बाइडेन वॉइट हाउस पहुंचेंगे।

कोरोना महामारी के बीच में हो रहा अमेरिकी चुनाव इस बार कई मायनों में ऐतिहासिक है। अमेरिका में 24 करोड़ मतदाता हैं। जानकारों का कहना है कि पिछली बार की तरह इस बार भी साइलेंट वोटर ही किंगमेकर होंगे।

भारतीय मूल के लोगों की इस चुनाव में अहमियत बढ़ी

अमेरिकी चुनाव के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है जब चुनाव में अमेरिकी भारतीयों की अहमियत बढ़ी है। ऐसा पहली बार होगा जो न सिर्फ ऐतिहासिक है, बल्कि भारत के लिए भी गर्व की बात है। पहली बार किसी भारतवंशी को उपराष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाया गया है।

चुनावी नतीजे कब आयेंगे यह पुख्ता तौर पर नहीं कहा जा सकता है कि इस बार वोटिंग के दिन यानी 3 नवंबर के रात में ही चुनाव परिणामों की घोषणा हो जाएगी। हालांकि, नतीजों के अनुमान वोटिंग खत्म होते ही मिल जाएगा। इस बार मेल इन बैलेट और पोस्टल बैलेट का आंकड़ा बढ़ा है। पेन्सिलवेनिया, मिशिगन के अफसर कह चुके हैं कि काउंटिंग में उन्हें तीन दिन लग सकते हैं।

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अमेरिकी चुनाव में क्या रहे बड़े मुद्दे

इस बार अमेरिकी चुनाव में वैसे तो कई मुद्दे रहे लेकिन पांच बड़े मुद्दे बहस के केंद्र में रहे। पहले पायदान पर रहा कोरोना महामारी।

यह अमेरिका चुनाव का बड़ा मुद्दा बन गया। अमेरिका सबसे ज्यादा प्रभावित देश है। बाइडेन ट्रंप को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं। यह आरोप लगा रहे हैं कि उनकी नीतियों से महामारी बढ़ी है।

दूसरा बहस का मुद्दा रहा चीन। चीन को लेकर दोनों उम्मीदवार ट्रंप और बाइडेन सख्त रवैया दिखा रहे हैं। ट्रंप कह रहे हैं कि कोरोना महामारी फैलाने के लिए बीजिंग जिम्मेदार है।

तीसरा मुद्दा रहा नस्लीय भेदभाव। मई महीने में पुलिस के हाथों जॉर्ज फ्लॉयड की मौत हुई थी। अश्वेत आंदोलन की आग दहक उठी। दोनों नेताओं ने लोगों को भड़काने का आरोप लगाया।

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चौथा मुद्दा रहा जलवायु परिवर्तन। वायु प्रदूषण को लेकर ट्रंप भारत को घेर चुके हैं। उन्होंने यहां तक कह दिया था कि भारत, चीन और रूस की हवा बेहद गंदी है।

पांचवा मुद्दा रहा एच1-बी वीजा। ट्रंप ने अमेरिकी कामगारों के हितों की रक्षा का हवाला देकर वीजा नियमों को कड़ा कर दिया है। बाइडेन ने नियमों को आसान करने का वादा किया है।

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