Tuesday - 23 January 2024 - 3:54 PM

बलिया गोलीकांड: गिरफ्तार होने के बाद कैसे भागा आरोपी, किस नेता का खास है धीरेंद्र

जुबिली न्‍यूज डेस्‍क

उत्‍तर प्रदेश में रोज हो रहीं अपराधिक घटनाएं योगी सरकार की दावों की पोल खोल रही हैं। भले ही सीएम योगी सूबे में कानून व्‍यवस्‍था को नियंत्रण में बता रहे हों लेकिन लगातार हत्‍या, लूट और रेप की खबरें कुछ और ही कहानी बयां कर रही हैं।

बलिया जिले के दुर्जनपुर गांव में कोटे की दुकान के चयन के लिए आयोजित बैठक के दौरान विवाद में पुलिस के सामने ही युवक की गोली मारकर हत्या कर दी गई। गोली चलाने वाला शख्‍स बीजेपी नेता बताया जा रहा है।

साथ ही सोशल मीडिया पर एक फोटो वायरल हो रही है, जिसमें साफ दिख रहा है कि पुलिस ने आरोपी को पकड़ लिया था, लेकिन वो पुलिस की पकड़ से भाग निकला। जिसके बाद सवाल उठ रहा है कि जब पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया था तो वो कैसे भाग निकला।

मृतक पाल के बेटे और भाई ने मीडिया के कैमरे के सामने कहा कि आरोपी धीरेंद्र को मौके पर पकड़ लिया गया था। मृतक के भाई तेज बहादुर पाल की मानें तो पकड़े जाने के बाद धीरेंद्र को पुलिस ने भगा दिया।

तेज बहादुर ने कहा, ‘धीरेंद्र वर्तमान बैरिया विधायक सुरेंद्र सिंह का चहेता है। धीरेंद्र सिंह बीजेपी के फ्रंटल आर्गेनाईजेशन पूर्व सैनिक सेवा प्रकोष्ट से जुड़ा है।’ वहीं मृतक के बेटे अभिषेक कुमार पाल ने बताया कि कोटा को लेकर हुए विवाद में उसके पिता पर 20 राउंड के करीब गोलियां दागी गईं। जिसमें से 2-3 गोली लगने से उनकी मौत हो गई।

बीजेपी विधायक सुरेंद्र सिंह द्वारा धीरेंद्र सिंह को मिठाई खिलाती तस्वीर सामने आई है.

मृतक के भाई तेज बहादुर पाल ने आरोप लगाया कि आरोपी धीरेंद्र वर्तमान बैरिया विधायक सुरेंद्र सिंह के साथ ही रहता हैं, उन्हीं के शह पर दबंगई कर ग्रामीणों को परेशान करता रहा है। इसके अलावा सोशल मीडिया पर धीरेंद्र सिंह और बैरिया विधायक सुरेंद्र सिंह की वायरल हो रही तस्वीर भी दोनों के बीच की नजदीकी भी बयान कर रही है। तस्वीर में विधायक सुरेंद्र सिंह, धीरेंद्र को मिठाई खिला रहे हैं।

दूसरी ओर इस मामले में बीजेपी विधायक सुरेंद्र सिंह का चौंकाने वाला बयान आया है। उनके बयान लग रहा है कि वो आरोपी धीरेंद्र का बचाव कर रहे हैं। सुरेंद्र सिंह की माने तो धीरेंद्र सिंह पार्टी का कार्यकर्ता था। यह घटना दुर्भाग्यपूर्ण है। फायरिंग और मारपीट में धीरेंद्र सिंह की बहन, पिता और परिवार के कई सदस्यों को भी चोट आई है।

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घटना के दूसरे दिन बड़े अफसरों ने गांव में डेरा डाल लिया है। सुबह ही एडीजी, डीआईजी ने दुर्जनपुर पहुंचे। वहीं पुलिस अफसरों का कहना है कि आरोपी की तलाश हो रही है। इससे पहले आज सुबह मृतक का पोस्टमार्टम किया गया।

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उत्तर प्रदेश के बलिया में अधिकारियों के सामने हुई हत्या के मामले को लेकर राजनीति तेज हो गई है। समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने आरोपी के सत्ताधारी दल से जुड़े होने पर सवाल उठाते हुए कहा कि देखें क्या एनकाउंटर वाली सरकार अपने लोगों की गाड़ी भी पलटाती है या नहीं। वहीं कांग्रेस का एक दल बलिया पहुंच रहा है। बीएसपी सुप्रीमो मायावती ने भी घटना पर चिंता जाहिर करते हुए कानून व्यवस्था पर सवाल उठाए हैं।

पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने इस प्रकरण पर ट्वीट कर कहा, ‘बलिया में सत्ताधारी भाजपा के एक नेता के, एसडीएम और सीओ के सामने खुलेआम, एक युवक की हत्या कर फरार हो जाने से उप्र में कानून व्यवस्था का सच सामने आ गया है। अब देखें क्या एनकाउंटरवाली सरकार अपने लोगों की गाड़ी भी पलटाती है या नहीं।’

मायावती ने ट्वीट कर कहा, ‘यूपी में बलिया की हुई घटना अति-चिन्ताजनक तथा अभी भी महिलाओं व बच्चियों पर आयेदिन हो रहे उत्पीड़न आदि से यह स्पष्ट हो जाता है कि यहां कानून-व्यवस्था काफी दम तोड़ चुकी है। सरकार इस ओर ध्यान दे तो यह बेहतर होगा। बीएसपी की यह सलाह।’

वाराणसी से पीएम मोदी के खिलाफ चुनाव लड़ चुके कांग्रेस नेता अजय राय ने घटना से जुड़ा वीडियो ट्वीट कर बीजेपी के संरक्षण में हो रहे अपराध पर निशाना साधा। कांग्रेस नेता प्रमोद पांडेय और रागिनी नायक ने भी प्रदेश की कानून व्यवस्था और जंगलराज पर सवालिया निशान लगाए। कांग्रेस का एक दल बलिया पहुंच रहा है।

बताते चले कि बलिया के दुर्जनपुर में में कोटा आवंटन को लेकर उभरे विवाद में हत्या के मामले में 8 लोगों को नामजद किया गया है, लेकिन अभी तक पुलिस की पकड़ से मुख्य आरोपी बाहर है। गाजीपुर और बलिया दोनों ही बिहार के सीमावर्ती जिले हैं। बिहार में विधानसभा चुनाव को लेकर बॉर्डर के जिले भी अलर्ट पर हैं। ऐसे में एक ही दिन में दोनों जिलों में मर्डर से कानून-व्यवस्था कठघरे में है।

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बलिया में हुए हत्या के मामले में डीआईजी सुभाष चंद्र दुबे ने कहा था कि यह केस उनके विभाग के लिए चुनौती के तौर पर है। रात में ही आरोपी पुलिस की जद में होगा। लेकिन रात में पुलिस ने धीरेंद्र के घर के साथ कई जगह छापेमारी की, फिर भी कुछ हाथ नहीं लगा। आरोपी बीजेपी नेता धीरेंद्र के घर पहुंची पुलिस ने वहां खड़ी गाड़ियों और कुर्सियों को तोड़फोड़ कर अपनी खीझ मिटाई।

पुलिस ने आला अधिकारियों ने मौके से धीरेंद्र के भागने को पुलिस की लापरवाही करार दिया हैं। इस मामले में सीएम के निर्देश के बाद घटनास्थल पर मौजूद अफसर और पुलिस कर्मियों को सस्पेंड किया गया था। वहीं गाजीपुर में हुई हत्या के मामले में ग्रामीणों ने मृतक के परिजनों के लिए आर्थिक मदद की मांग रखी है। बलिया में मारे गए जयप्रकाश के भाई ने अपने भतीजे को नौकरी दिए जाने की मांग की है।

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