Thursday - 11 January 2024 - 10:00 AM

बिहार में बाजी पलट जाए तो चौंकिएगा मत, NDA भी कम नहीं

जुबिली न्यूज़ डेस्क

बिहार विधानसभा चुनाव का परिणाम कल यानी मंगलवार को आना है। चुनाव परिणाम आने से पहले ही सभी एग्जिट पोल पर महागठबंधन को बढ़त मिलती दिख रही हैं तो वहीं दूसरी तरफ एनडीए खेमें में भी साइलेंट वोटर को लेकर उम्मीद बंधी हुई है। साथ ही महिला वोटर को लेकर भी एनडीए खेमा थोड़ा उत्साहित नजर आ रहा है।

हालांकि कई एग्जिट पोल के अनुमान भले ही एनडीए के पक्ष में नहीं आ रहे हैं लेकिन एनडीए खेमे में साइलेंट और महिला वोटरों को लेकर एक आशा बनी हुई है। फ़िलहाल अभी एनडीए खेमा थोड़ा शांत था लेकिन बीजेपी और जेडीयू दोनों के नेताओं का मानना था कि साइलेंट वोटर बिहार विधानसभा चुनाव परिणाम में करिश्मा कर सकता है।

इस मामलें में बिहार बीजेपी चीफ संजय जायसवाल ने बताया कि ‘बिहार में ऐसे बहुत से वोटर हैं जिनको पीएम नरेंद्र मोदी की योजनाओं से सीधा लाभ मिला है और ये साइलेंट वोटर हैं। इन वोटरों का राय ले पाना एग्जिट पोल के लिए मुश्किल होता है। हमें अंतिम परिणाम का इंतजार करना चाहिए। हम आराम से सरकार बना लेंगे।’

उन्होंने कहा कि एग्जिट पोल की सटीकता की बात की जाये तो 2005, 2010 और 2015 के विधानसभा चुनाव में ये सही साबित नहीं हुए थे। 2005 में नीतीश कुमार के सत्ता में वापसी का किसी को भी अंदाजा नहीं था। यही हाल साल 2010 में हुए विधानसभा चुनाव में रहा।

उस दौरान भी एग्जिट पोल सही नहीं साबित हुए। 2015 के विधानसभा चुनाव में एग्जिट पोल्स में बीजेपी के गठबंधन की सरकार बनाने की उम्मीद जताई, जबकि महागठबंधन को बंपर बहुमत मिला था।

वहीं, आरजेडी के राज्यसभा सदस्य मनोज झा का कहना है कि, ‘ओपिनियन पोल से लेकर एग्जिट पोल तक हमने लंबा रास्ता तय किया है। इस दौरान लोगों ने तेजस्वी यादव पर भरोसा जताया है। और हमें अपनी जीत पर पूरा भरोसा है।’

दूसरी तरफ एग्जिट पोल को देख कर कांग्रेस ने इस बात का दावा किया है कि बिहार में महागठबंधन की सरकार बनेगी। कांग्रेस नेता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने बताया कि, ‘बिहार की जनता ने बदलाव के लिए वोट किया है, रोजगार के लिए वोट किया है।

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जहां तक एग्जिट पोल की बात है तो चैनलों और न्यूज पेपर के लिए एक आंकड़ा है। जब चुनाव परिणाम आएंगे तो असली नतीजें सबके सामने होंगे। यूपीए को 150 से ज्यादा सीटें मिलेंगी। कांग्रेस 40-55 सीटें जीतेगी।’

महिलाओं के वोटों की बात की जाए तो 2015 के विधानसभा चुनावों में सबसे ज्यादा 60.5% वोटिंग हुई थी जबकि 53.3 फीसदी पुरुषों ने वोट डाले थे। इसका फायदा नीतीश को मिला था और उनकी सत्ता में वापसी हुई थी।

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वहीं लोकसभा चुनाव में 54.9% पुरुषों ने वोट डाले थे जबकि महिलाओं का प्रतिशत 59.6 रहा था। लोकसभा चुनाव में राज्य की 40 सीटों में से 39 पर जीत मिली थी। ऐसे में 2020 में महिलाओं का ज्यादा मतदान सत्तारूढ़ खेमे को बल दे रहा है।

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