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कोरोना के बीच टिड्डियों से लड़ने की चुनौती, वैज्ञानिक भी इनकी क्षमताओं से हैं हैरान

जुबली न्यूज़ डेस्क

लॉकडाउन के बीच अब टिड्डी दल के हमले की आशंका ने किसानों की नींद उड़ा दी है। इसके सम्बन्ध में अलर्ट जारी किया गया है कि किसान इस समय विशेष सजग रहे और शासन से जारी एडवाइजरी का नियमानुसार पालन करें। जिससे उनकी फसलें सुरक्षित रह सके।

कुछ घंटों में ही चट कर दते है फसल

टिड्डी ढाई इंच लंबे कीट होते है, जो फसलों को कुछ घंटों में ही चट कर दते है। यह सभी प्रकार के हरे पत्तों पर आक्रमण करते है। इनकी संख्या करोड़ों में है। यह दिन डूबने के समय 6 से 7 बजे के आस पास जमीन पर बैठ जाता है और फिर सुबह 8 से 9 बजे के करीब उड़ान भरता है। इस दौरान वह फसलों को कुछ घंटों में ही पूर्णता चट कर देता है।

वैज्ञानिक भी हैं हैरान

हर साल न जाने कितने लोग सड़क दूर्घटना के अंदर मारे जाते है। लेकिन टिड्डी लाखों की संख्या के अंदर एक साथ उड़ती हैं। और इनका घनत्व एक वर्ग किमी के अंदर 8 करोड़ तक होती हैं। इतनी ज्यादा संख्या के अंदर होने के बाद भी यह कभी भी एक दूसरे से टक्कराती नहीं हैं। टिड्डी दस किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से सफर करते हैं।

ब्रेटेन, अमेरिका और स्पेन के वैज्ञानिकों ने मिलकर एक विशेष तकनीकी का विकास किया है। जो सड़क पर होने वाली दूर्घटनाओं को कम करने मे मदद कर सकता है। वैज्ञानिकों ने इस तकनीक विकास का आइडिया टिड्डी से लिया है।

वैज्ञानिकों के अनुसार इनके आंखों के पीछे एक हिस्सा डिटेक्टर मूमेंट होता है। इसकी मदद से उनको यह पता चल जाता है कि कोई अन्य चीज उनके रस्ते के अंदर आ रही है। और उसके बाद यह खतरे को भाप कर अपना रस्ता बदल लेती हैं। ‌‌‌इसके अलावा टिड्डी के देखने क क्षमता मनुष्यों से कई गुना अधिक होती है।

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‌‌‌वैज्ञानिकों ने इसी आधार पर केस ऐवायडेंस टेंक्नॉलाजी का विकास किया है। यह प्रक्रियाअपनी इसी क्षमता का वे इस्तेमाल करके दूर तक देख सकती हैं। और अपने आने वाले खतरे को आसानी से भांप लेती हैं। और अपना स्तार बदल लेती हैं।

बुंदेलखंड में मंडरा रहा खतरा

बता दें कि बुंदेलखंड का किसान कभी सूखे तो कभी बाढ़ की विभीषिका से जूझता रहता है। हाल ही में लॉकडाउन भी किसानों की परेशानी का कारण बना रहा। अब बुंदेलखंड में टिड्डी दल का खतरा मंडरा रहा है। प्रशासन अपने स्तर पर किसानों को सजग कर रहा है। कृषि उपनिदेशक ने बताया कि जिले में भी टिड्डी दल के आक्रमण का खतरा बढ़ता जा रहा है। बताया कि टिड्डी दल राजस्थान के दौसा से केला देवी होते हुए बुंदेलखंड के झांसी जिले में पहुंच गया है और वहां किसानों को काफी नुकसान पहुंचाया है। इससे जिले के किसानों को अब विशेष सजग रहने की जरूरत है।

टिड्डी दल के आक्रमण के समय निम्न उपाय करें

  • अपने खेतों में आग जलाकर पटाखे फोड़ कर थाली बजाकर ढोल नगाड़े बजाकर आवाज करें।
  • कीटनाशक रसायनों जैसे क्लोरपीरिफॉस, साइपरमैथरीन, लिंडा इत्यादि कीटनाशकों का टिड्डी दल के ऊपर छिड़काव करें।
  • यह टिड्डी दल शाम को 6 से 7 बजे के आसपास जमीन पर बैठ जाता है और फिर सुबह 8 -9 बजे के करीब उड़ान भरता है अतः इसी अवधि में इनके ऊपर कीटनाशक दवाइयों का छिड़काव करके इनको मारा जा सकता है।
  • यदि आपके क्षेत्र में टिड्डी दल दिखाई देता है तो उपरोक्त उपाय को अपनाते हुए तत्काल अपने क्षेत्र के कृषि विभाग के कर्मचारी से संपर्क करें।

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