Saturday - 6 January 2024 - 5:32 PM

अखिलेश ने बताया बीजेपी का चुनाव जीतने का प्रशासनिक हथकंडा

नामांकन से रोके गए सपा उम्मीदवार

जुबिली न्यूज़ ब्यूरो

लखनऊ. समाजवादी पार्टी के जिला पंचायत अध्यक्ष पद के प्रत्याशियों को नामांकन से रोके जाने पर सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव ने योगी सरकार पर बड़ा हमला बोला है. उन्होंने कहा है हारी हुई भाजपा का चुनाव जीतने का यह प्रशासनिक हथकंडा है. अखिलेश ने कहा है कि बीजेपी जितने जिला पंचायत अध्यक्ष बनायेगी जनता विधानसभा में उतनी सीटें भी नहीं देगी. गोरखपुर समेत कई जिलों में समाजवादी पार्टी के प्रत्याशियों को नामांकन नहीं करने दिए जाने से बीजेपी गोरखपुर और वाराणसी समेत 25 जिलों में निर्विरोध जीतने जा रही है.

 

अखिलेश यादव ने कहा है कि जनता ने तो पंचायत चुनाव में बीजेपी को नकार दिया लेकिन प्रशासनिक दबाव और धन बल से बीजेपी पंचायत अध्यक्ष के चुनाव जीतना चाहती है. प्रदेश की जनता तो सब समझ ही रही है जिस तरह से पंचायत चुनाव में बीजेपी की हार हुई है वैसे ही विधानसभा चुनाव में भी हार होगी.

एमएलसी उदयवीर सिंह ने राज्य निर्वाचन आयोग के दफ्तर जाकर समाजवादी पार्टी की तरफ से शिकायत दर्ज करा दी है. उनके साथ पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता राजीव राय भी थे. दोनों नेताओं ने आयोग को बताया कि समाजवादी पार्टी के 12 प्रत्याशियों को नामांकन नहीं करने दिया गया. गोरखपुर, झांसी, मुरादाबाद, चित्रकूट, श्रावस्ती, बलरामपुर, गोंडा, ललितपुर, गाज़ियाबाद, भदोही, हमीरपुर और मऊ में समाजवादी पार्टी के प्रत्याशियों को नामांकन नहीं करने दिया गया.

समाजवादी पार्टी के प्रत्याशियों को नामांकन नहीं करने देने पर समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने ट्वीट कर कहा कि गोरखपुर व अन्य जगह जिस तरह भाजपा सरकार ने पंचायत अध्यक्ष के चुनाव में समाजवादी पार्टी के प्रत्याशियों को नामांकन करने से रोका है, वो हारी हुई भाजपा का चुनाव जीतने का नया प्रशासनिक हथकंडा है. भाजपा जितने पंचायत अध्यक्ष बनायेगी, जनता विधानसभा में उन्हें उतनी सीट भी नहीं देगी.

मऊ में बीजेपी प्रत्याशी मनोज राय निर्विरोध जिला पंचायत अध्यक्ष बन गए हैं. समाजवादी पार्टी के जिलाध्यक्ष धर्म प्रकाश ने बताया कि बीजेपी ने सपा प्रत्याशी राम लगन यादव को गायब करा दिया.

मुरादाबाद में समाजवादी पार्टी की प्रत्याशी अमरीन जहाँ को नामांकन नहीं करने दिया गया. सपा जिलाध्यक्ष जयवीर सिंह यादव ने बताया कि प्रस्तावकों को बीच रास्ते में रोक लिया गया. प्रशासन ने उत्पीड़न किया और नामांकन नहीं होने दिया.

अमरोहा में समाजवादी पार्टी की प्रत्याशी सकीना बेगम का नामांकन खारिज कर दिया गया. बीजेपी के ललित तंवर को निर्विरोध जिला पंचायत अध्यक्ष बना दिया गया. गाज़ियाबाद में पंचायत चुनाव में पांच सीट जीतने वाली बीएसपी अपना प्रत्याशी घोषित नहीं कर पाई और दो सीट जीतने वाली बीजेपी का निर्विरोध अध्यक्ष चुन लिया गया.

लखनऊ में जिला पंचायत अध्यक्ष के लिए समाजवादी पार्टी की तरफ से विजय लक्ष्मी ने नामांकन दाखिल किया. उन्नाव में बीजेपी ने शकुन सिंह को प्रत्याशी घोषित किया था लेकिन बागी अरुण सिंह ने नाम कट जाने के बावजूद बीजेपी की तरफ से नामांकन दाखिल कर दिया.

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एटा में जिला पंचायत अध्यक्ष के लिए दो प्रत्याशियों ने पर्चे भरे और दोनों एक दूसरे के प्रस्तावक बन गए. दोनों के पर्चे वैध पाए गए हैं. यानि एक प्रस्तावक दूसरे प्रस्तावक के खिलाफ चुनाव लड़ेगा.

मिर्ज़ापुर में नामांकन के बाद सपा प्रत्याशी देवी चौधरी ने बीजेपी प्रत्याशी राजू कनौजिया को दर्जनों मुकदमे वाला गैंगस्टर बताते हुए पर्चा निरस्त करने की मांग की.

बहरहाल आगरा से  मंजू भदौरिया, ग़ाज़ियाबाद से  ममता त्यागी, मुरादाबाद से डॉ. शेफाली, बुलंदशहर से  डॉ. अंतुल तेवतिया, ललितपुर से  कैलाश निरंजन, मऊ से मनोज राय, चित्रकूट से अशोक जाटव, गौतमबुद्ध नगर से अमित चौधरी, श्रावस्ती से दद्दन मिश्र, गोरखपुर से साधना सिंह, बलरामपुर से आरती तिवारी, झांसी से पवन कुमार गौतम और गोंडा से घनश्याम मिश्र को निर्विरोध निर्वाचित घोषित कर दिया गया है.

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