Wednesday - 25 June 2025 - 6:38 PM

प्रतिबंध के बाद भी नोएडा कोविड हॉस्पिटल परिसर में खुली प्राइवेट कैंटीन

जुबिली न्यूज़ ब्यूरो

शासन के आदेशों को दरकिनार करते हुए, नोएडा स्थित नोएडा कोविड हॉस्पिटल की सीएमएस डॉ. रेनू अग्रवाल ने प्राइवेट कैंटीन खुलवा दी। रिटायरमेंट से दो महीने पहले ऐसा करना इस मामले को और भी पेचीदा बना रहा है। सूत्रों के अनुसार, डॉ. रेनू अग्रवाल ने सेवानिवृत्ति के अंतिम महीनों में शासनादेशों की अवहेलना करते हुए कई और अनियमित ठेके भी स्वीकृत कर दिए हैं — और वह भी सीधे तीन वर्षों के लिए।

हॉस्पिटल परिसर में खुली प्राइवेट कैंटीन का क्या है मामला 

प्रदेश के जिला चिकित्सालयों में मिल्क बूथ या किसी भी प्रकार के वाणिज्यिक प्रतिष्ठान खोलने पर प्रतिबंध के बावजूद, सबसे बड़ी अनियमितता यह प्रकाश में आई है कि वर्तमान सीएमएस डॉ. रेनू अग्रवाल ने चिकित्सालय परिसर में एक प्राइवेट कैंटीन शुरू करवा दी है।

नोएडा सेक्टर-39 स्थित नोएडा कोविड हॉस्पिटल के परिसर में प्राइवेट कैंटीन खोलने के लिए 20 मई 2025 को GeM पोर्टल पर निविदा जारी की गई थी। 30 मई 2025 को एक निजी ठेकेदार को कैंटीन संचालन की अनुमति देते हुए 10,000 वर्ग फीट का स्थान अस्पताल परिसर में आवंटित कर दिया गया, जहाँ मरीज और कर्मचारी शुल्क देकर कैंटीन सेवाओं का कमर्चारियों को मिलेगा लाभ

विशेष बात यह है कि इस कैंटीन का ठेका एक वर्ष के बजाय सीधे तीन वर्षों के लिए किया गया है, जो नियमों के विरुद्ध माना जा रहा है।

सूत्रों के अनुसार, डॉ. रेनू अग्रवाल जुलाई 2025 में सेवानिवृत्त होने जा रही हैं। ऐसे में, सेवानिवृत्ति से दो महीने पहले अस्पताल परिसर में कैंटीन खोलने की अनुमति देना और तीन वर्षों के लिए ठेका देना कई गंभीर सवाल खड़े करता है।

उल्लेखनीय है कि 31 दिसंबर 2024 को डॉ. रेनू अग्रवाल की प्रोन्नति लेवल-5 में हो चुकी थी। नियमानुसार, लेवल-5 में प्रोन्नति के पश्चात और रिटायरमेंट से दो माह पूर्व प्रशासनिक और वित्तीय निर्णय लेना प्रतिबंधित होता है। ऐसे में यह कार्रवाई नियमों की स्पष्ट अवहेलना प्रतीत होती है।

हॉस्पिटल के परिसर में मिल्क बूथ या किसी तरह के वाणिज्यिक प्रतिष्ठान खोलने की अनुमति नहीं –

शासन तथा महानिदेशक, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाओं का स्पष्ट आदेश है कि प्रदेश के विभिन्न चिकित्सालय परिसरों में मिल्क बूथ/वाणिज्यिक प्रतिष्ठान आदि खोलने की अनुमति किसी भी स्थिति में नहीं दी जाएगी। केवल अपवादस्वरूप जन औषधि केंद्र खोलने की ही शासन द्वारा अनुमति प्रदान की गई है।

इस संबंध में महानिदेशक द्वारा जारी पत्र, दिनांक 1 नवम्बर 2019 में इस दिशा-निर्देश को स्पष्ट रूप से उल्लेखित किया गया है। इसके अतिरिक्त, शासन द्वारा दिनांक 12 दिसम्बर 2017 और 27 मई 2001 को निर्गत आदेशों में भी चिकित्सालय परिसरों में किसी प्रकार के वाणिज्यिक प्रतिष्ठान खोलने की अनुमति न दिए जाने के निर्देश दिए गए हैं।

 

“हालांकि समाचार लिखे जाने तक इस बात की पुष्टि नहीं हो सकी है कि क्या सीएमएस को शासन से कोई विशेष अधिकार प्राप्त हुआ है, जिसके आधार पर वे वित्तीय और प्रशासनिक निर्णय ले रही हैं। साथ ही यह भी स्पष्ट नहीं हो सका है कि चिकित्सालय परिसर में शासन स्तर से कैंटीन खोलने की अनुमति दी गई है या नहीं।”

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