जुबिली न्यूज़ ब्यूरो
नई दिल्ली. मध्य प्रदेश के धार जिले में रहने वाले युग प्रकाश तिवारी ने समाज के सामने रिश्तों की ऐसी शानदार मिसाल पेश की जिसकी जितनी भी तारीफ़ की जाए वह कम ही होगी. युग प्रकाश तिवारी के बेटे प्रियंक तिवारी की कोरोना से मौत हो गई. प्रियंक सॉफ्टवेयर इंजीनियर थे. 34 साल के प्रियंक कोरोना महामारी की चपेट में आ जाने से अपनी छोटी सी बेटी और पत्नी ऋचा को छोड़कर चले गए. माँ-बेटी की ज़िन्दगी में अँधेरा छा गया. हालांकि ऋचा की ससुराल वाले बहुत प्यार लुटाने वाले थे लेकिन इतनी लम्बी ज़िन्दगी अकेले कैसे कटेगी यह सवाल तो मुश्किल था ही. युग प्रकाश तिवारी ने अपनी बहू के लिए एक अच्छा सा लड़का तलाश किया और सास-ससुर ने ऋचा का कन्यादान कर उसकी नई ज़िन्दगी की शुरुआत करा दी.
धार के युग प्रकाश तिवारी और रागिनी तिवारी के दो बेटे थे. छोटे प्रियंक को कोरोना ने छीन लिया. प्रियंक की मौत माँ-बाप के लिए तो बड़ा झटका थी ही लेकिन ऋचा और उसकी बच्ची के सामने तो अँधेरा ही अँधेरा घिर गया था. एक पल में सारी खुशियों की हो ग्रहण लग गया था.
प्रियंक के पिता ने अपने कलेजे पर पत्थर रखकर अपनी बहू की ज़िन्दगी के बारे में अच्छा फैसला किया. उन्होंने रिश्ते की तलाश की तो नागपुर के वरुण मिश्रा मिल गए. उन्होंने वरुण के साथ ऋचा की शादी करवा दी. प्रियंक ने अपनी मेहनत से जो घर खरीदा था उसे उन्होंने ऋचा को बतौर गिफ्ट दे दिया.