जुबिली स्पेशल डेस्क
नई दिल्ली। पहलगाम हमले के बाद से पूरे देश में गुस्सा है और पाकिस्तान के खिलाफ लोगों ने मोर्चा खोल दिया है। इतना ही नहीं, भारत भी लगातार पाकिस्तान पर शिकंजा कसता नज़र आ रहा है।
भारत ने पाकिस्तान से अपने सारे रिश्ते खत्म कर दिए हैं। इसके अलावा, पाकिस्तान के खिलाफ कई कड़े कदम भी उठाए गए हैं।
दोनों देशों के बीच तनाव चरम पर है और हालात युद्ध जैसे बन गए हैं। माना जा रहा है कि भारत किसी भी वक्त पाकिस्तान पर कार्रवाई कर सकता है। हालांकि, अब तक पूरा देश जवाबी कार्रवाई का इंतजार कर रहा है।
दूसरी तरफ, विपक्ष भी जवाबी कदम की उम्मीद लगाए बैठा है। महाराष्ट्र की विपक्षी पार्टी शिवसेना (यूबीटी) लगातार केंद्र सरकार से जवाबी कार्रवाई की मांग कर रही है। प्रधानमंत्री मोदी पाकिस्तान पर दबाव बनाने के लिए हर तरह की रणनीति बना रहे हैं और सेना प्रमुखों के साथ अहम बैठकें कर चुके हैं, लेकिन अब तक सेना की तरफ से कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई है।
शिवसेना के मुखपत्र सामना के संपादकीय में संजय राउत ने लिखा कि जब भारत-पाक युद्ध की संभावना पर चर्चा हो रही थी, उसी समय प्रधानमंत्री मोदी ने जाति जनगणना के फैसले की घोषणा कर दी।
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इससे युद्ध की चर्चा का रुख पूरी तरह बदल गया। अब लोग धर्म के बजाय जाति की बात करने लगे हैं और यह बीजेपी की राजनीति का हिस्सा है। उनका कहना था कि युद्ध के लिए जो माहौल मोदी ने तैयार किया था, उसे अब राजनीतिक फायदे के लिए जातिवाद की ओर मोड़ दिया गया है।
सामना के संपादकीय में बीजेपी पर तीखा हमला बोला गया है।राउत ने आरोप लगाया कि मोदी ने पाकिस्तान को चेतावनी देने के लिए बिहार की धरती का चयन किया।हालांकि, पहलगाम हमले के बाद पाकिस्तान के खिलाफ कोई सख्त कार्रवाई नहीं की गई, इसके बजाय मोदी चुनाव प्रचार के लिए बिहार पहुंच गए। जबकि देश में आक्रोश फैल चुका था। राउत ने यह भी सवाल उठाया कि प्रधानमंत्री को दिल्ली में रहकर सर्वदलीय बैठक में भाग लेना चाहिए था, बजाय इसके कि वह प्रचार में व्यस्त रहते।
बता दे कि आतंकी हमला 22 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम क्षेत्र में स्थित बैसरन घाटी में हुआ था। इस हमले में चार आतंकवादियों ने 26 पर्यटकों की निर्मम हत्या कर दी थी, जिनमें से अधिकांश हिंदू थे और 13 विभिन्न भारतीय राज्यों से आए थे