जुबिली स्पेशल डेस्क
लोकसभा चुनाव में बीजेपी को उम्मीद के मुताबिक सीटें नहीं मिल सकी। इतना ही नहीं 400 का नारा लगाने वाली बीजेपी सिर्फ 240 सीट पर सीमट गई और इसका नतीजा ये हुआ कि अकेले सरकार बनाने का सपना टूट गया और सहयोगियों की मदद से सरकार बना ली।
मोदी फिर से देश के पीएम बन गए और एनडीए की सरकार बन गई। इसके साथ ही मोदी ने नेहरू के रिकॉर्ड की बराबरी कर ली। खराब प्रदर्शन के बाद बीजेपी अब अंदर-अंदर हार का कारण खोज रही है ताकि आगे ऐसी गलती दोबारा न हो।
इस बीच महाराष्ट्र से बड़ी खबर आ रही है। जानकारी मिल रही है बीजेपी अब अजीत पवार से अपना नाता तोड़ सकती है और विधान सभा चुनाव में शिंदे के साथ चुनाव लडऩे का मन बना रही है।
दरअसल एक अंग्रेजी अखबार में पब्लिश हुई खबर इस बात की तरफ इशारा कर रही है। इससे के पीछे असली वजह संघ बताया जा रहा है। दरअसल एनसीपी से गठबंधन के चलते आरएसएस भी अंदर खाने बीजेपी से नाराज था।
अंग्रेजी अखबार द न्यू इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट का आधार पर कहा जा रहा है कि बीजेपी की लीडरशिप इस बात पर सहमत दिखाई दी कि एनसीपी से गठबंधन तोड़ दिया जाए, क्योंकि एनसीपी के एनडीए में आने से राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ भी खुश नहीं है सूत्रों का कहना है कि बीजेपी अजीत पवार से अलग होकर एकनाथ शिंदे के गुड वाली शिवसेना के साथ विधानसभा चुनाव को लेकर तैयारी शुरू करेगी। बीजेपी। अगर ऐसा करती है तो अजीत पवार के एक बड़ा झटका होगा ।अभी वो मौदहा सरकार में उप मुख्यमंत्री है। बीजेपी विधान सभा चुनाव को लेकर काफी गंभीर है और लोकसभा चुनाव की निराशा भुलाकर फिर से मजबूती के साथ चुनव लड़ सकती। शरद पवार से अलग होकर बीजेपी के साथ जा मिले अजीत पवार लेकिन अब बीजेपी उनसे नाता तोड सकती है।