Wednesday - 10 January 2024 - 8:22 AM

पाकिस्तान में भारतीय दवा को लेकर क्यों मचा है हंगामा

न्यूज डेस्क

एक ओर पूरी दुनिया कोरोना महामारी की वजह से कराह रही है तो वहीं पाकिस्तान में भारत से दवाओं के आयात के मामले में हंगामा मचा हुआ है।

पाकिस्तान में अब यह विवाद का मुद्दा बनता जा रहा है। विपक्षी दलों के निशाने पर प्रधानमंत्री इमरान खान हैं। मामले को तूल पकड़ता देख प्रधानमंत्री इमरान खान ने भी इस मामले में जांच का आदेश दे दिए हैं।

पाकिस्तान भारत से कुछ जरूरी दवाएं और विटामिन आयात कर रहा है। इसको लेकर पाकिस्तान की विपक्षी पार्टियों ने हंगामा मचा दिया है।

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पांच अगस्त 2019 को भारत सरकार द्वारा जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद से पाकिस्तान ने भारत से सभी व्यापारिक रिश्ते तोड़ लिए थे। हालांकि बाद में पाकिस्तान सरकार ने फार्मा इंडस्ट्री के दबाव में जीवन रक्षक दवाओं के आयात की अनुमति दे दी थी।

पाकिस्तान की फर्मास्युटिकल मैन्युफ़ैक्चरर्स एसोसिएशन ने एक प्रेस कांफ्रेंस कर चेतावनी दी थी कि अगर दवाएं या दवा बनाने वाली सामग्रियों का आयात नहीं हुआ तो जल्द ही पाकिस्तान में कई जरूरी दवाओं की कमी हो जाएगी। इसके बाद पीएम खान ने इजाजत दे दी थी।

अब इस मामले में पाकिस्तान में विवाद छिड़ गया है। विपक्षी पार्टियों ने ये आरोप लगाया कि सरकार की ओर से दी गई छूट का फायदा उठाया जा रहा है। सरकार से इस मामले में जांच की भी मांग की गई।

पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज के अध्यक्ष और नेशनल असेंबली में विपक्ष के नेता शहबाज शरीफ ने भारत से दवाओं के आयात के सरकार के फैसले की आलोचना की थी और जांच की मांग की थी।

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उन्होंने कहा था कि अगर उनकी सरकार के रहते ऐसा फैसला हुआ होता, तो इमरान खान ने सरकार के खिलाफ देशद्रोह का केस दर्ज कर दिया होता।

दूसरी ओर पाकिस्तान पीपल्स पार्टी के सेक्रेटरी जनरल नैयर हुसैन बुखारी ने भी बयान जारी करके ये मांग की है कि भारत से दवाओं से आयात के मामले की जांच के लिए संसदीय समिति बनाई जानी चाहिए।

गुमराह किया जा रहा है इमरान को

इन विवादों के बीच मैन्युफ़ैक्चरर्स का कहना है कि पाकिस्तान की सरकार को गुमराह किया जा रहा है। एसोसिएशन इस बात पर कायम है कि भारत से दवाओं का आयात बंद हो गया, तो पाकिस्तान में समस्या आ जाएगी।

पाकिस्तानी अखबार डॉन ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि प्रधानमंत्री इमरान खान ने अपने सहयोगी शहजाद अकबर को इस मामले की जांच के लिए कहा है।

अखबार ने मिनिस्ट्री ऑफ नेशनल हेल्थ सर्विस के दस्तावेज के आधार पर ये दावा किया है कि पाकिस्तान भारत से 450 से अधिक दवाओं का आयात कर रहा है। इनमें कई दवाओं के अलावा दवा बनाने में काम आने वाले सॉल्ट्स भी हैं।

मंत्रालय के सेक्रेटरी तनवीर अहमद कुरैशी के हस्ताक्षर वाले दस्तावेज से पता चलता है कि पाकिस्तान बीसीजी, पोलियो, टिटनस समेत कई वैक्सीन भारत से आयात कर रहा है। इसके साथ ही बी1, बी2, बी3, बी6 समेत कई विटमिन्स भी आयात किए जा रहे हैं।

अखबार की रिपोर्ट के अनुसार शुरू में ये दावा किया गया था कि अगर भारत से दवाएं और अन्य सामग्रियां आयात नहीं की गईं, तो कैंसर मरीजों का इलाज प्रभावित होगा। और अब ये आरोप लग रहा है कि पाकिस्तान जिस तरह की दवाएं भारत से आयात कर रहा है उसे ऐसी दवाएं बनाने का काम खुद करना चाहिए, नाकि ऐसी दवाइयों के लिए विदेशी मुद्रा भारत को देना चाहिए।

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पाकिस्तानी अखबार द न्यूज में छपी रिपोर्ट के अनुसार पाकिस्तान फर्मास्युटिकल मैन्युफ़ैक्चरर्स एसोसिएशन के पूर्व प्रमुख जाहिद सईद ने कहा है कि प्रधानमंत्री को इस बारे में गुमराह किया जा रहा है।

उन्होंने कहा कि विटमिन्स का इस्तेमाल कई जीवन रक्षक दवाओं में होता है। इसलिए ये कहना ठीक नहीं कि भारत से सिर्फ विटामिन्स का आयात किया जा रहा है। दरअसल, इन सॉल्ट्स का इस्तेमाल अन्य अहम दवाओं में होता है।

जाहिद सईद ने ये भी दावा किया कि पहले उन्होंने आयात के लिए चीन से भी संपर्क किया था, लेकिन चीन ज़्यादा पैसे मांग रहा था। बाद में जब चीन इसके लिए तैयार हुआ, तब तक लॉकडाउन शुरू हो गया था। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान चीन या अन्य मैन्युफ़ैक्चरर्स के पास जाने को तैयार हैं, लेकिन इसमें एक साल का समय लग सकता है।

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