Saturday - 6 January 2024 - 11:23 AM

कोरोना संक्रमण : घर की अपेक्षा बाहर रहना कितना सुरक्षित है?

  • दुनिया भर में कोरोना वायरस संक्रमण का मामला हुआ 40 लाख 81 हजार 
  • जापान में हुई एक स्टडी में कहा गया है कि घर में रहना, बाहर घूमने की तुलना में 18 गुना अधिक ख़तनाक

न्यूज डेस्क

कोविड 19 की पहेली अब तक नहीं सुलझ पाई है। दुनिया भर में के वैज्ञानिक इस पहेली को सुलझाने में लगे हुए हैं लेकिन अब तक पूरी तरह सफलता नहीं मिल पाई है। हां, यह जरूर है कि कुछ हद तक वैज्ञानिक कोविड 19 की प्रवृत्ति को समझने में कामयाब जरूर हुए हैं।

हर दिन कोविड 19 से जुड़ा कोई न कोई रिसर्च सामने आ रहा है। इससे बचने के लिए सोशल डिस्टेंसिंग, मास्क और घरों में रहना सबसे बेहतर माना गया है। इसीलिए ज्यादातर देशों ने कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए तालाबंदी का सहारा लिया। अब एक नये शोध में खुलासा हुआ है कि कोरोना वायरस संक्रमण से बचने के लिए घर के बाहर रहना कहीं अधिक सुरक्षित है। हालांकि इस मामले में अभी तक बहुत रिसर्च नहीं हुई है लेकिन कई बिंदु ऐसे हैं जिनके आधार पर वैज्ञानिकों ने कहा है यह बात कही है।

यह भी पढ़े : कोरोना महामारी : नये अध्ययन में वैज्ञानिकों ने क्या खुलासा किया

यह भी पढ़े :  कोरोना ने तोड़ी UP के उद्योग-धंधों की कमर

ये भी पढ़े: पहले तारीफ अब फेल, जानें क्या है कोरोना का देश में हाल 

एक रिसर्च के शुरुआती चरण में कहा गया है कि ड्रॉपलेट्स (छींकने या खांसने के दौरान निकली बूंदें) में वायरस होता है। ऐसे में बाहर रहने के दौरान यह हवा के साथ उड़ जाएगा और अगर आप जॉगिंग कर रहे हैं या फिर सैर कर रहे हैं तो इस बात की भी आशंका कम होगी कि आप किसी सतह को छूएं। इस दौरान इस बात की संभावना बढ़ जाएगी कि आप किसी संक्रमित सतह पर हाथ ना रखें और या फिर अपने चेहरे को ना छुएं।

जापान में हुई एक स्टडी में कहा गया है कि घर में रहना, बाहर घूमने की तुलना में 18 गुना अधिक ख़तनाक है। वहीं चीन की एक रिसर्च में जब संक्रमण के तीन सौ मामलों की पड़ताल की गई तो पाया गया कि उनमें से सिर्फ एक मामला आउटडोर का था।

लेकिन इसका मतलब ये बिल्कुल नही है कि कोविड 19 से खतरा नहीं है।

चीन की ही एक अन्य रिसर्च में करीब 2000 ऐसे लोगों पर अध्ययन किया गया जो संक्रमित लोगों के संपर्क में आए थे। इस रिसर्च में चेतावनी दी गई है कि किसी भी शख्स के संपर्क में बिना मास्क पहने संपर्क में आना खतरनाक हो सकता है।

ब्रिटेन की सरकार ने भी लोगों को एक-दूसरे के सीधे संपर्क में ना आने को कहा है और दो मीटर की दूरी बनाए रखने को भी जरूरी बताया है। लेकिन सवाल है कि क्या दो मीटर की दूरी पर्याप्त है?

यह भी पढ़ें :  कोरोना काल : सरकारें नहीं स्वीकारेंगी कि कितने लोग भूख से मरे   

यह भी पढ़ें :  भारत में तालाबंदी से मलेशिया और इंडोनेशिया क्यों है परेशान? 

यह भी पढ़ें :  कोरोना : दांव पर देश की 30 प्रतिशत जीडीपी व 11 करोड़ नौकरियां

अमरीका में हुए एक लैब टेस्ट में पाया गया है कि खांसने के दौरान ड्रॉपलेट्स छह मीटर दूरी तक जा सकते हैं और छींक के आठ मीटर तक।

फिलहाल अभी ये जांच और बहस का विषय है कि घर के अंदर रहना ज़्यादा सुरक्षित है बाहर…लेकिन इतना तय है कि भीड़-भाड़ से बचने की सलाह सबसे अहम है।

दुनिया भर में कोरोना वायरस संक्रमण के मामले बढ़कर 40 लाख 81 हजार से अधिक हो गए हैं। दुनिया भर में कोरोना वायरस संक्रमण से मरने वालों की संख्या भी बढ़कर 2 लाख 81 हजार से अधिक हो गई है।

कोरोना वायरस से सबसे अधिक प्रभावित देश अमरीका है। यहां संक्रमण के 13 लाख 20 हजार से अधिक मामले हैं। अमरीका में कोविड19 से मरने वालों की संख्या 79 हजार से अधिक है।

अमरीका के बाद ब्रिटेन दूसरा कोरोना संक्रमण से सबसे अधिक प्रभावित देश है। यहां मरने वालों की संख्या 31,930 हो गई है.। देश में संक्रमण के कुल 2 लाख 20 हज़ार से अधिक मामले हैं। वहीं रूस में संक्रमण के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। रूस में संक्रमण के 2 लाख से अधिक मामले हैं। रूस में मरने वालों की संख्या 1915 है।

यह भी पढ़ें :  खुलासा : सड़कों का निर्माण बढ़ा तो लुप्त हो जाएंगे बाघ 

Radio_Prabhat
English

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com