Thursday - 11 January 2024 - 6:57 PM

कोरोना मरीजों को WHO ने आइवरमेक्टिन न देने की दी सलाह

जुबिली न्यूज डेस्क

कोरोना के इलाज में डॉक्टर मरीजों को आइवरमेक्टिन दवा दे रहे हैं। इस दवा को लेकर विश्व स्वास्थ्य संगठन (ङ्ख॥ह्र) की मुख्य वैज्ञानिक सौम्या स्वामिनाथन ने कहा कि किसी भी दवा के इस्तेमाल से पहले उसकी सुरक्षा और प्रभावकारिता बेहद आवश्यक होती है।

 

डब्ल्यूएचओ ने कोरोना मरीजों को आइवरमेक्टिन न देने की सलाह दी है। मुख्य वैज्ञानिक सौम्या स्वामिनाथन ने ट्वीट किया है कि WHO ने कोविड-19 मरीजों में आइवरमेक्टिन दवा के न इस्तेमाल की सलाह दी है केवल इसका क्लीनिकल ट्रायल में इस्तेमाल होगा।

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स्वामिनाथन ने जर्मन दवा कंपनी मर्क की एक खबर को ट्वीट करते हुए यह बात कही है। दरअसल, मर्क कोविड-19 मरीजों में आइवरमेक्टिन के इस्तेमाल से होने वाले असर के ऊपर शोध कर रहा है।

मर्क कंपनी का कहना है कि उसे प्री-क्लीनिकल शोध में अब तक कोविड-19 के खिलाफ इस दवा के एक संभावित चिकित्सीय प्रभाव का पता नहीं चला है।

मालूम हो कि आइवरमेक्टिन दवा परजीवी संक्रमण का इलाज करने के लिए ली जाती है। यह सामान्य गोलियों की तरह पानी के साथ ली जा सकती है।

मालूम हो भारत के कई राज्यों में इस समय कोरोना मरीजों के इलाज में आइवरमेक्टिन की दवा भी दी जा रही है। हालांकि, इस पर अभी तक कोई बड़ा शोध नहीं हुआ है।

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मालूम हो कि ये पहली बार नहीं है जब आइवरमेक्टिन को कोरोना के इलाज में सिरे से नकार दिया गया हो। पहले भी संगठन ने कहा था कि इसकी बहुत कम निश्चितता है कि इस दवा से बीमारी से मौत या फिर अस्पतालों में भर्ती होने की दर में कमी आती हो।

हालांकि कुछ दिनों पहले समाचार एजेंसी पीटीआइ की ओर से एक खबर जारी की गई थी, जिसमें अमेरिकी जर्नल आफ थेराप्यूटिक्स के मई-जून अंक में प्रकाशित एक शोध, जो क्लीनिकल, टेस्ट ट्यूब, जानवरों और वास्तविक जीवन में लिए गए आंकड़ों की व्यापक समीक्षा पर आधारित थी, उसमें कहा गया था कि यह आइवरमेक्टिन महामारी समाप्त करने में मददगार हो सकती है।

खबर में कहा गया था कि कोरोना की रोकथाम में आइवरमेक्टिन की प्रभावकारिता (एफीकेसी) का मूल्यांकन करने के लिए लगभग 2,500 रोगियों पर तरह-तरह के परीक्षण कर उनसे मिले डाटा का विश्लेषण किया गया।

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सभी अध्ययनों में पाया गया कि आइवरमेक्टिन के नियमित सेवन से कोरोना की चपेट में आने का जोखिम काफी कम किया जा सकता है। शोधकर्ताओं के मुताबिक दुनिया भर के कई क्षेत्रों में अब यह माना जा रहा है कि आइवरमेक्टिन कोरोना का एक शक्तिशाली रोगनिरोधक और उपचार है।

इस अध्ययन समूह में शामिल रहे ईस्ट वर्जीनिया (अमेरिका) के पलमोनरी एंड क्रिटिकल केयर मेडिसिन के प्रमुख पाल ई मैरिक ने कहा, हमारे नवीनतम शोध के निष्कर्षों की समग्रता से जांच के बाद इसमें कोई शक नहीं कि कोरोना के लिए आइवरमेक्टिन एक सुरक्षित निरोधक और अत्यधिक प्रभावी उपचार है।

लेकिन विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा इन सभी दावों को नकार दिया गया और कोरोना से लड़ाई में इस दवा पर अपनी सहमति नहीं जताई।

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