Sunday - 7 January 2024 - 8:44 AM

पप्पू यादव की गिरफ्तारी पर घिरे नीतीश कुमार

जुबिली न्यूज डेस्क

कोरोना काल में अपनी जान जोखिम में डालकर आम आदमी की मदद करने वाले पूर्व सांसद राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव की गिरफ्तारी नीतीश सरकार को भारी पड़ रही है।

पप्पू यादव की गिरफ्तारी का जहां सोशल मीडिया पर विरोध हो रहा है तो वहीं नीतीश के सहयोगी और पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी से लेकर राष्ट्रीय जनता दल तक पप्पू यादव के समर्थन में उतर आए हैं।

सोशल मीडिया साइट ट्विटर और फेसबुक पर पप्पू यादव को खासा समर्थन मिल रहा है। पूर्व सांसद पप्पू यादव कोरोना काल में ही नहीं बल्कि पटना में जब बाढ़ आई थी, तब भी आम लोगों की मदद के लिए सबसे आगे आए थे।

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जन अधिकार पार्टी के अध्यक्ष पप्पू यादव ने मंगलवार सुबह पटना में हुई गिरफ्तारी के बाद कहा कि ये तो सरकार को बताना चाहिए कि यह कदम क्यों उठाया गया।

पूर्व सांसद को पटना के गांधी मैदान थाने में रखा गया है। पुलिस ने कहा है कि लॉकडाउन के नियमों को तोडऩे के आरोप में उन्हें गिरफ्तार किया गया है।

वहीं पप्पू यादव ने ट्वीट कर नीतीश कुमार पर जबर्दस्त हमला बोला है तो आरजेडी प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने कहा है कि नीतीश सरकार हिटलरशाही कर रही है और नीतीश कुमार को इसका जवाब देना पड़ेगा।

इसके अलावा पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने भी ट्वीट कर कहा है कि ऐसी घटना मानवता के लिए खतरनाक है। वहीं जन अधिकार पार्टी का कहना है कि पप्पू यादव को जान से मारने की कोशिश की जा रही है।

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सोशल मीडिया पर दिखाया था भाजपा सांसद के घर खड़ी एंबुलेंस

पूर्व सांसद पप्पू यादव ने कोरोना काल में पटना, आरा, छपरा सहित कई जगहों के अस्पतालों में जाकर सोशल मीडिया पर दिखाया कि यहां मरीज किस परेशानी से गुजर रहे हैं। कहा जा रहा है कि शायद इससे नीतीश सरकार की परेशानी बढ़ गई थी।

सबसे बड़ा धमाका पप्पू यादव ने तब किया जब उन्होंने बीजेपी के सांसद और पूर्व केंद्रीय मंत्री राजीव प्रताप रूडी के घर के पीछे बेकार खड़ी कई दर्जनों एंबुलेंस को मीडिया को दिखाया।

सोशल मीडिया पर इस खबर को लेकर जबरदस्त प्रतिक्रिया हुई और बिहार और केंद्रीय स्तर पर बीजेपी से जवाब देते नहीं बना। पप्पू यादव ने इस मामले को और जोर-शोर से उठाने की बात कही थी, लेकिन उससे पहले ही उन्हें गिरफ्तार कर लिए जाने से यह पता चलता है कि नीतीश सरकार और उसकी सहयोगी बीजेपी को पप्पू यादव की ओर से इस मामले को उठाया जाना रास नहीं आया है।

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पप्पू यादव की गिरफ्तारी की खबर मिलते ही उनके समर्थक पटना में जुटने लगे हैं और बिहार के अन्य जिलों में भी लोग सोशल मीडिया पर नीतीश सरकार की इस कदम के लिए आलोचना कर रहे हैं।

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