Thursday - 11 January 2024 - 6:50 PM

पूर्ण लॉकडाउन पर हाईकोर्ट ने योगी सरकार से क्या कहा

जुबिली न्यूज़ डेस्क

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के प्रयागराज से इस वक्त की बड़ी खबर सामने आई है। यूपी में बढ़ते कोरोना के मामलों पर संज्ञान लेते हुए इलाहाबाद हाईकोर्ट ने योगी सरकार को पूर्ण लॉकडाउन पर विचार करने को कहा है।

बता दें कि प्रदेश में आए दिन कोरोना मरीजों की संख्या में भारी इजाफा देखने को मिल रहा है। साथ ही संक्रमण से मरने वालों का संख्या भी लगातार बढ़ती जारी है। जिसके बाद इलाहाबाद हाईकोर्ट ने योगी सरकार को प्रदेश में लॉकडाउन का सुझाव दिया है।

कोर्ट ने कहा कि सरकार प्रतिदिन ज्यादा केस वाले शहरों में लॉकडाउन पर विचार करे। खुले मैदान में अस्थायी अस्पताल बनाएं जाए। सड़क पर बिना मास्क के कोई ना दिखे।

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इलाहाबाद हाईकोर्ट ने यूपी सरकार को कोरोना संक्रमण से अधिक प्रभावित प्रदेश के शहरों में दो या तीन सप्ताह के लिए पूर्ण लॉकडाउन लगाने पर विचार करने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने कहा है कि सड़क पर कोई भी व्यक्ति बिना मास्क के दिखाई न दे अन्यथा पुलिस के खिलाफ अवमानना कार्यवाही की जाएगी।

कोर्ट ने कहा कि सरकार ट्रैकिंग, टेस्टिंग व ट्रीटमेंट योजना में तेजी लाए और शहरों में खुले मैदान में अस्थायी अस्पताल बनाकर कोरोना पीड़ितों के इलाज की व्यवस्था करे। जरूरी हो तो संविदा पर स्टाफ तैनात किया जाए।

यह आदेश कोरोना मामले की जनहित याचिका की सुनवाई कर रही न्यायमूर्ति सिद्धार्थ वर्मा एवं न्यायमूर्ति अजित कुमार की खंडपीठ ने दिया है। खंडपीठ ने कहा कि नाइट कर्फ्यू या कोरोना कर्फ्यू संक्रमण फैलाव रोकने के छोटे कदम हैं। ये नाइट पार्टी एवं नवरात्रि या रमजान में धार्मिक भीड़ तक सीमित हैं।

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कोर्ट ने कहा दिन में भी गैर जरूरी यातायात को नियंत्रित किया जाए। जीवन रहेगा तभी सबकुछ है। अर्थ व्यवस्था भी दुरुस्त हो जाएगी। कोर्ट ने कहा कि विकास व्यक्तियों के लिए है। जब आदमी ही नहीं रहेंगे तो विकास का क्या अर्थ रह जाएगा।

कोर्ट ने कहा कि लॉकडाउन लगाना सही नहीं है लेकिन जिस तरह से संक्रमण फैल रहा है, उसे देखते हुए सरकार को बड़ी संख्या वाले संक्रमित शहरों में लॉकडाउन लगाने पर विचार करना चाहिए। कोरोना से अत्यधिक प्रभावित शहरों में लखनऊ, कानपुर, प्रयागराज, वाराणसी व गोरखपुर हैं।

कोर्ट ने कहा कि संक्रमण फैले एक साल बीत रहा है लेकिन इलाज की सुविधाओं को बढ़ाया नहीं जा सका। कोर्ट ने राज्य सरकार की 11 अप्रैल की गाइडलाइन को सभी जिला प्रशासन को कड़ाई से अमल में लाने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने कहा कि सामाजिक व धार्मिक आयोजनों में 50 से अधिक व्यक्ति न इकट्ठा हों।

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कोर्ट ने अगली सुनवाई की तिथि 19 अप्रैल को सचिव स्तर के अधिकारी का हलफनामा मांगा है और प्रयागराज के डीएम व सीएमओ को हाजिर रहने का निर्देश दिया है।

कोर्ट ने कैंटोनमेंट जोन को अपडेट करने तथा रैपिड फोर्स को चौकन्ना रहने का निर्देश दिया है। साथ ही कहा कि प्रत्येक 48 घंटे में जोन का सेनेटाइजेशन किया जाए। खंडपीठ ने यूपी बोर्ड की ऑनलाइन परीक्षा दे रहे परीक्षार्थियों की जांच पर बल देने का भी निर्देश दिया है।

कोर्ट ने एसजीपीजीआई लखनऊ की तरह स्वरूपरानी नेहरू अस्पताल में कोरोना आईसीयू बढ़ाने व सुविधाएं उपलब्ध कराने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने राज्य व केंद्र सरकार को एंटी वायरल दवाओं के उत्पाद व आपूर्ति बढ़ाने और जमाखोरी करने या ब्लैक मार्केटिंग करने वालों पर सख्ती करने का भी निर्देश दिया है।

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