Thursday - 11 January 2024 - 7:42 AM

नागरिकता बिल पर अमित शाह को शिवसेना की चेतावनी के मायने क्या हैं

न्यूज डेस्क

नागरिक संसोधन बिल को लेकर शिवसेना और बीजेपी आमने-सामने है। शिवसेना ने बीजेपी को चेतावनी दी है। अब सवाल उठने लगा है कि क्या शिवसेना का एजेंडा बदल गया है?

हाल-फिलहाल ऐसा नहीं है। भले ही शिवसेना और बीजेपी की राहें जुदा हो गई हैं, लेकिन उनकी विचारधारा एक ही है।महाराष्ट्र में सत्ता में आने के लिए शिवसेना ने विपरीत विचारधारा की पार्टियों से हाथ तो मिला लिया है, लेकिन अपने हिंदुत्व को एजेंडे को वह बचाकर चल रही है। वह हिंदुत्व के साथ-साथ मुस्लिमों की हितैषी बनने की ओर आगे बढ़ रही है। यह कहें कि वह एक ऐसे मुहाने पर खड़ी है जहां से जरूरत पडऩे पर वह फिर अपने फुल फलेज्ड हिंदू एजेंडे पर वापस आ सकती है।

सवाल उठता है कि आखिर शिवसेना इस बिल का विरोध कर क्या साबित करना चाहती है। एक ओर वह इस बिल का विरोध कर रही है तो वहीं दूसरी ओर महाराष्ट्र में वह मुस्लिमों को आरक्षण देने के लिए बिल लाने जा रही है।

 

नागरिकता बिल के विरोध पर शिवसेना ने अपने मुखपत्र ‘सामना’ में बीजेपी को चेतावनी देते हुए लिखा है, ‘मोदी सरकार ने साफ कर दिया है कि वह नागरिकता संशोधन बिल पर अडिग है, लेकिन क्या यह विधेयक वोट बैंक की पॉलिटिक्स के लिए ये बिल पास किया जा रहा है? हम मानते हैं कि हिंदुओं के पास भारत के अलावा कोई दूसरा देश नहीं है, लेकिन अगर वोट बैंक के लिए नागरिकता बिल को पास करने की कोशिश की जा रही है तो यह देश के लिए ठीक नहीं है।’

शिवसेना के इन बयानों से समझा जा सकता है कि महाराष्ट्र में गठबंधन की अगुआ सरकार बनने के बाद से वह अपने कट्टरवादी हिंदू चेहरे को धर्मनिरेक्षता का क्रीम-पाउडर लगाकर थोड़ा उदारवादी बनाना चाहती है। पर उसकी जड़े मूलत: कट्टर हिंदुवादी की हैं। इसलिए वह एकदम से अपनी छवि बदलने का खतरा मोल नहीं लेना चाहती है।

शिवसेना भाजपा पर वोट बैंक का आरोप लगाकर वह सिर्फ एक सांकेतिक लड़ाई का संदेश दे रही है। उसे भी मालूम है कि भारतीय जनता पार्टी नागरिकता बिल के बहाने अपना हिंदू वोट बैंक आने वाले चुनावों के लिए तैयार कर रही है। अगर भाजपा शिवसेना की बात मानकर 25 साल तक घुसपैठी नागरिकों को मताधिकार से वंचित रखने पर राजी हो जाए तो फिर उसे कानून लाने की ही क्या जरूरत है। इस देश में पहले ही लाखों घुसपैठिए मौजूद हैं, जिन्हें निकालने के उपक्रम के तमाम नाटक किए जा रहे हैं।

शिवसेना का भाजपा को चेतावनी देना एक रस्म अदायगी मात्र है। अंदर से वह भी इस बिल से खुश हो रही होगी, क्योंकि उसकी मूल विचारधारा हिंदू राष्ट्र ही है।

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