Thursday - 11 January 2024 - 7:05 AM

मिलिए दुनिया की सबसे युवा प्रधानमंत्री सना मारिन से

न्यूज डेस्क

अमूमन जब हम प्रधानमंत्री के बारे में सोचते हैं तो हमारी आंखों के सामने एक धीर-गंभीर और बुजुर्ग चेहरा सामने आ जाता है। भारत में तो युवा प्रधानमंत्री की कल्पना बेमानी सी लगती है। वहीं यूक्रेन में जब ओलेक्सी होन्चेरुक प्रधानमंत्री बने थे तो वह चर्चा में इसलिए आए थे, क्योंकि वह युवा थे और इसी के साथ उन्हें दुनिया का सबसे युवा प्रधानमंत्री का खिताब भी मिला था। फिलहाल ओलेक्सी ये यह खिताब फिनलैंड की सना मारिन ने ले लिया है और वह दुनिया की सबसे युवा प्रधानमंत्री बन गई हैं।

फिनलैंड की प्रधानमंत्री सना मारिन की उम्र सिर्फ 34 साल है। भारत जैसे देश में तो 34 उम्र के लोगों को चुनाव लडऩे के लिए टिकट तक नहीं मिलता। सना ने प्रधानमंत्री बनकर एक रिकार्ड बनाया है।

सना मारिन अपने देश के राजनीतिक इतिहास में सबसे युवा प्रधानमंत्री हैं। गौरतलब है कि फिनलैंड के पूर्व प्रधानमंत्री साउली निनीस्तो के पद से इस्तीफा देने के बाद से सना के प्रधानमंत्री बनने के कयास लगाए जा रहे थे।

फिनलैंड के सबसे बड़े समाचार पत्र हेलसिंगिन सनोमैट और इल्ता-सनोमैट के अनुसार, मारिन दुनिया की सबसे कम उम्र की प्रधानमंत्री बन गई हैं। वहीं न्यूजीलैंड के प्रधानमंत्री जैकिंडा आर्डेन 39 साल, यूक्रेन के प्रधानमंत्री ओलेक्सी होन्चारुक 35 साल और उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग-उन भी 35 साल के हैं।

सना सीधे प्रधानमंत्री की कुर्सी पर काबिज नहीं हुई हैं। इसके पहले परिवहन और संचार मंत्री भी रही हैं।  प्रधानमंत्री पद के लिए चुने जाने के बाद सना मारिन ने कहा कि मैंने अपनी उम्र या लिंग के बारे में कभी नहीं सोचा। मैं, राजनीति में आने के कारणों और उन चीजों के बारे में सोचती हूं, जिनके लिए मतदाताओं ने हम पर भरोसा जताया है।

गौरतलब है कि इन दिनों फिनलैंड राजनीतिक स्थिरता के दौर से गुजर रहा है। इसकी शुरुआत डाक कर्मचारियों की हड़ताल से हुई। हालांकि यह 27 नवंबर को समाप्त हो गई, लेकिन अभी तक यह अस्थिर रहा है। दरअलस, 700 डाक कर्मचारियों की मजदूरी में कटौती की योजना पर कई हफ्तों के राजनीतिक संकट के बाद रिन्ने ने पद छोड़ दिया था। इस हड़ताल के बाद निष्क्रियता के कारण साउली निनीस्तो ने अपना विश्वास खो दिया।

कौन हैं सना मारिन

सना मारिन का जन्म 16 नवंबर 1985 को फिनलैंड में हुआ था। वह संसद सदस्य के रूप में साल 2015 में निर्वाचित हुईं। पहली बार वह 2019 में सरकार में शामिल हुईं। सरकार में वह परिवहन व संचार मंत्री बनीं।

साल 2012 में उन्होंने प्रशासनिक विज्ञान में टैम्पियर विश्वविद्यालय से स्नातक की डिग्री हासिल की। इसके बाद वह राजनीति में सक्रिय हुईं। 2017 में उन्हें सिटी काउंसिल में चुना गया। मारिल समान लिंग वाले पार्टनर की संतान हैं।

उत्तर यूरोप का एक गणराज्य है फिनलैंड

उत्तरी यूरोप का एक देश है फिनलैंड गणराज्य। इसकी राजधानी हेलसिंकी है। इसकी सीमा पश्चिम में स्वीडन, पूर्व में रूस और उत्तर में नार्वे स्थित है। इस देश की आबादी करीब 53 लाख है। क्षेत्रफल के हिसाब से यह यूरोप का आठवां सबसे बड़ा जनधनत्व के आधार पर यूरोपीय संघ में सबसे कम आबादी वाला देश है।

देश में रहने वाले बहुसंख्यक लोगों की मातृभाषा फिनिश है। वहीं 5.5 फीसद आबादी की मातृभाषा स्वीडिश है। फिनलैंड ऐतिहासिक रूप से स्वीडन का एक हिस्सा था। वर्ष 1809 में वह रूसी साम्राज्य का एक स्वायत्त रूप से शामिल था।

फिनलैंड 1955 में संयुक्त राष्ट्र संघ और 1995 में यूरोपीय संघ में शामिल हुआ। एक सर्वेक्षण में सामाजिक, राजनीतिक, आर्थिक और सैन्य संकेतकों के आधार पर फिनलैंड को दुनिया का सबसे अधिक स्थिर देश करार दिया गया।

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