Sunday - 14 January 2024 - 4:25 PM

4जी सेवाओं को लेकर बीएसएनएल कर्मचारी संगठनों ने सरकार पर क्या आरोप लगाया?

जुबिली न्यूज डेस्क

सरकारी दूरसंचार सेवा प्रदाता कंपनी बीएसएनएल के आठ कर्मचारी संगठनों ने सरकार पर गंभीर आरोप लगाया है। उनका आरोप है कि सरकार 4जी सेवाओं शुरू करने की राह में रोड़े अटका रही है। इसके चलते इन संगठनों ने 26 नवंबर को आम हड़ताल का आह्वान किया है।

बीएसएनएल कर्मचारी यूनियनों ने आरोप लगाया है कि बीएसएनएल ने विदेशी वेंडरों के प्रति झुकाव होने तथा स्वदेशी कंपनियों को बढ़ावा देने के सरकार के प्रयासों के अनुकूल नहीं होने के आरोपों के चलते मार्च में जारी की गई अपनी 4जी निविदा रद्द कर दी थी।

जिन आठ यूनियनों ने हड़ताल का आह्वान किया है, उनमें ‘बीएसएनएल कर्मचारी संघ, नेशनल फेडरेशन ऑफ टेलीकॉम एंपलॉइज, बीएसएनएल मजदूर संघ, बीएसएनएल ऑफिसर्स एसोसिएशन, नेशनल यूनियन ऑफ बीएसएनएल वर्कर्स, टेलीकॉम एंपलॉइज प्रोग्रेसिव यूनियन आदि शामिल हैं।

ये भी पढ़े: नेपाल में सियासी खींचतान बढ़ी, ओली ने मांगा 10 दिन का समय

ये भी पढ़े:  भारत में साझे में चल रही विमानन सेवा कंपनी से निकल सकता है एयर एशिया

इन यूनियनों ने केंद्रीय ट्रेड यूनियनों की सात सूत्रीय मांगों तथा अपनी 10 सूत्रीय मांगों को लेकर 26 नवंबर को आम हड़ताल का आह्वान किया है।

इन कर्मचारी यूनियनों ने एक संयुक्तबयान में आरोप लगाते हुए कहा कि ‘बीएसएनएल का पुनरुद्धार अभी दूर का सपना है, क्योंकि सरकार इसके लिए कोई ईमानदार कदम नहीं उठा रही है। इतना ही नहीं सरकार बीएसएनएल की 4जी सेवाओं की लॉन्चिंग में रोड़े अटका रही है।’

संगठनों ने यह भी आरोप लगाया है कि दूरसंचार विभाग ने बीएसएनएल को कथित तौर पर एक सिस्टम इंटीग्रेटर के माध्यम से अपना 4जी नेटवर्क लॉन्च करने के लिए कहा, जबकि भारत में किसी भी निजी दूरसंचार सेवा प्रदाता ने सिस्टम इंटीग्रेटर के माध्यम से नेटवर्क नहीं चलाया है।

बयान में यह भी कहा गया है कि ऐसा इसलिए है, क्योंकि विशेषज्ञों का कहना है कि सिस्टम इंटीग्रेटर मॉडल महंगा है और तकनीकी खराबी को सहने लायक नहीं हैं।

बीएसएनएल कर्मचारी यूनियनों ने आरोप लगाया है कि टेंडर रद्द होने के पांच महीने बाद भी सरकार यह पहचान करने और बताने में असमर्थ रही है कि कौन सा घरेलू निर्माणकर्ता बीएसएनएल की 4जी सेवाओं की पूरा करने में सक्षम है।

ये भी पढ़े: बंगाल में कौन कर रहा है शांति भंग

ये भी पढ़े: क्या हटाए जाएंगे शिक्षामंत्री मेवालाल चौधरी

ये भी पढ़े: नगरोटा में सेना ने 4 आतंकियों को मार गिराया, देखें VIDEO 

4जी सेवा के मुद्दे के अलावा संगठन चाहते हैं कि सरकार संविदा कर्मचारियों की छंटनी बंद करे, 1 जनवरी 2017 से तीसरे वेतन संशोधन के मुद्दे और पेंशन संशोधन का निपटारा करे।

वर्ष 2019-20 में बीएसएनएल को 15,500 करोड़ रुपये का घाटा हुआ था, जबकि इस दौरान एमटीएनएल का घाटा 3,694 करोड़ रुपये रहा। अक्टूबर 2019 में केंद्र सरकार ने वित्तीय संकट से जूझ रहीं सार्वजनिक क्षेत्र की दूरसंचार कंपनियों बीएसएनएल और एमटीएनएल के लिए 69,000 करोड़ रुपये के पुनरुद्धार पैकेज की घोषणा की थी।

ये भी पढ़े: Zomato से मंगाते है खाना तो जान लीजिये ये नयी सर्विस

ये भी पढ़े: सीबीएसई और सीआईएससीई बोर्ड की परीक्षाएं इस बार देर से होंगी

ये भी पढ़े: ‘कब तक सीता को रूबिया बनने देंगे…’

इसके तहत एमटीएनएल का बीएसएनएल में विलय, संपत्तियों की बिक्री या पट्टे पर देना और कर्मचारियों के लिए स्वै’िछक सेवानिवृत्ति योजना (वीआरएस) की पेशकश किया जाना शामिल था।

बीएसएनएल कर्मचारी यूनियन वीआरएस का विरोध किया था।

Radio_Prabhat
English

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com