जुबिली स्पेशल डेस्क
नई दिल्ली। बीते कुछ महीनों से भारतीय राजनीति में काफी उतार चढ़ाव देखने को मिल रहा है। बीजेपी हो या फिर कांग्रेस सभी अपनी पार्टी को मजबूत करने में जुट गए है।
हालांकि मोदी के नेतृत्व में बीजेपी लगातार नया प्रतिमान स्थापित कर रही है जबकि कांग्रेस की हालत लगातार खराब हो रही है। अगले साल देश के कई राज्यों में विधान सभा का चुनाव होना है। इसलिए कई पार्टी इसकी तैयारी में जुट गए है।
इतना ही नहीं कई बड़ी पार्टी में बदलाव भी देखने को मिल रहा है। कांग्रेस में लगातार उठापटक का दौर जारी है। पंजाब हो या फिर राजस्थान कांग्रेस के लिए उसके अपने ही नेता परेशानी का केंद्र बने हुए है।
बात अगर बीजेपी की जाये तो इस पार्टी में भी घमासान देखने को मिल रहा है। हालांकि बीजेपी और कांग्रेस में फर्क केवल इतना है कि बीजेपी वक्त रहते हैं मामले को सुलझा लेती है। बीजेपी को जब भी लगता है कि सरकार के खिलाफ लोगों में नाराजगी बढ़ रही है तो इसकी काट भी जल्द खोजने में विश्वास रखती है।
गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने शनिवार को कुर्सी छोड़ दी। इसके पहले उत्तराखंड और कर्र्नाटक में यही सबकुछ देखने को मिला है। पिछले 6 महीने में बीजेपी ने 4 मुख्यमंत्री बदल दिए हैं।
वरिष्ठ पत्रकार नितिन गोपाल कहते हैं कि इसके पीछे बीजेपी की बड़ी रणनीति हो सकती है। उन्होंने कहा कि राज्यों में होने वाले चुनाव को देखते हुए वो इस तरह का निर्णय ले रही है। वरिष्ठ पत्रकार नीतिन गोपाल ने बताया कि बीजेपी के लिए चेहरा नहीं बल्कि सत्ता महत्वपूर्ण है। इसी वजह से वो लगातर राज्यों के सीएम चेहरों को बदल रही है। सत्ता में वापसी के लिए इन नेताओं की कुर्बानी दी जा रही है। हालांकि उन्होंने कहा कि जिन राज्यों में सीएम को बदला जा रहा है, उन नेताओं को वाले समय में केंद्र या फिर राज्यपाल बनाकर संतुष्ठ किया जा सकता है।
वरिष्ठ पत्रकार ने कहा कि जैसे-जैसे राज्यों के चुनाव नजदीक आयेगे वैसे-वैसे बीजेपी जमीनी स्तर पर अपने संगठन को मजबूत कर रही है। इतना ही नहीं वोटरों के अपनी तरफ खींचने के लिए वो इस तरह का कदम उठा रही है।
उन्होंने बताया कि गुजरात में विजय रूपाणी के कामकाज से जनता भी नाराज है और बीजेपी के शीर्ष नेतृत्व को इस बात का इल्म है, इसलिए वक्त रहते हैं वहां पर भी सीएम का चेहरा बदलकर जतना के गुस्से को कम करने की बड़ी कोशिश की गई है।
6 महीने में बीजेपी ने बदले 4 मुख्यमंत्री
रूपाणी से पहले कर्नाटक में जुलाई में बीएस येदियुरप्पा को कुर्सी छोडऩे पर मजबूर होना पड़ा। बीएस बोम्मई को वहां पर नया सीएम बनाया गया उत्तराखंड में तीरथ सिंह रावत को भी वक्त रहते ही अपने पद से हटना पड़ा।
मार्च में त्रिवेंद्र सिंह रावत की जगह उन्हें सीएम बनाया गया था लेकिन कुछ ही वक्त में उनको भी हटा दिया गया। बताया जाता है कि उत्तराखंड के बीजेपी नेताओं ने केंद्रीय नेतृत्व से तीरथ के खिलाफ शिकायत की थी।
कई विवादित बयानों की वजह से उनका विकेट गिरा है।अब वहां पुष्कर सिंह धामी को वहां का सीएम बनाया गया। वहीं असम को भी बीजेपी ने हाल ही में नया नेतृत्व दिया है।
असम में सर्बानंद सोनेवाल पांच साल तक मुख्यमंत्री रहे और पार्टी यहां दोबारा सत्ता में लौटने में कामयाब रही। अब देखना होगा क्या बीजेपी की ये रणनीति काम आती है या नहीं। हालांकि अब जनता को तय करना है कि वो किसको सत्ता में लाती है।