Wednesday - 10 January 2024 - 8:23 AM

क्‍या राम मंदिर और एक्सप्रेसवे का ‘डबल इंजन’ योगी को दिला पाएगी जीत

जुबिली न्‍यूज डेस्‍क

उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में अभी एक साल से भी ज्‍यादा का समय बाकी हो, लेकिन सूबे का सियासी पारा अभी से बढ़ा हुआ है। सत्‍ताधारी दल बीजेपी समेत सभी दल अपने-अपने राजनीतिक समीकरण को मजबूत करने की कवायद में जुटे है।

2017 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का चेहरा आगे कर बीजेपी ने चुनाव लड़ा और जीत के बाद योगी आदित्‍यनाथ को मुख्‍यमंत्री की कुर्सी सौंपी थी। 2022 में योगी सरकार का पांच साल का कार्यकाल पूरा हो रहा है। ऐसे में बीजेपी और खास कर योगी खेमा चुनाव के लिए अभी से कमर कसते नजर आ रहे हैं।

अगले विधानसभा चुनाव में बीजेपी जीत हासिल करने के लिए इस बार सिर्फ राम नाम के भरोसे नहीं उतरने वाली है। बल्कि हाईवे और एक्सप्रेसवे का भी सहारा लेगी। माना जा रहा है कि बीजेपी यूपी में दोबारा योगी सरकार को लाने के लिए राम मंदिर और एक्‍सप्रेसवे के डबल इंजन को चुनावी अभियान में शामिल करेगी और इसी के इर्द-गिर्द पूरा चुनाव प्रचार चलेगा।

पीएम मोदी ने मंगलवार को वर्चुअल माध्यम से महाराजा सुहेलदेव के स्मारक का शिलान्यास किया। इस दौरान उत्तर प्रदेश में योगी सरकार की उपलब्धियां गिनवाईं। बहराइच के कार्यक्रम में अपने संबोधन के दौरान पीएम मोदी ने कहा कि उत्तर प्रदेश में छोटे-बड़े दर्जनों भर एयरपोर्ट पर काम चल रहा है जिनमें से कई पूर्वांचल में ही हैं।

इसके अलावा उन्होंने कहा कि पूर्वांचल एक्सप्रेसवे, बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे, गंगा एक्सप्रेस वे, गोरखपुर लिंक एक्सप्रेस वे और बलिया लिंक एक्सप्रेसवे, ऐसी आधुनिक और चौड़ी सड़कें पूरे यूपी में बनाई जा रही हैं। ये आधुनिक यूपी के आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर की शुरुआत है। एयर और रोड कनेक्टिविटी के अलावा रेल कनेक्टिविटी भी आधुनिक हो रही है।

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पीएम मोदी ने रामचरित मानस की एक चौपाई के साथ अपने संबोधन को विराम दिया। उन्होंने कहा कि भगवान राम का नाम दिल में रखकर कार्य कीजिए सभी अच्छे काम पूरे होंगे। कुछ दिन पहले सीएम योगी अयोध्‍या दौरे पर गए थे और राम मंदिर के निर्माण कार्यो का जायजा लिया था। जिस तरह बीजेपी राम मंदिर को अभी भी चर्चा में रखे हुए इससे साफ है आगामी विधानसभा चुनाव में भी बीजेपी राम मंदिर को भुनाएगी।

वहीं पीएम मोदी के भाषण से इस बात के भी संकेत मिलते हैं कि बीजेपी राम मंदिर के साथ–साथ विकास कार्यों और हाईवे–एक्‍सप्रेसवे को भी चुनाव प्रचार में जोर-शोर से उठाएगी। हालांकि 2017 चुनाव में समाजवादी पार्टी के मुखिया और पूर्व मुख्‍यमंत्री अखिलेश यादव ने भी अपने विकास कार्यों खासकर एक्‍सप्रेसवे को तवज्जो दी थी लेकिन इसका खास असर नहीं दिखा था और उनकी पार्टी को हार झेलनी पड़ी थी। अब देखना ये होगा कि 2022 में जनता योगी सरकार के एक्‍सप्रेस को पसंद करती है या नहीं।

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