Friday - 5 January 2024 - 8:56 PM

ओमेक्स रेजिडेंसी -1 की आरडब्ल्यूए के चुनाव में जबरदस्त धांधली -बड़ी संख्या में आवंटियों का विरोध प्रदर्शन 

जुबिली स्पेशल डेस्क

राजधानी लखनऊ गोमती नगर विस्तार में स्थित ओमेक्स रेजिडेंसी R1 एक उत्कृष्ट सोसाइटी मानी जाती थी लेकिन वहां की वर्तमान रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन (आरडब्ल्यूए) के पदाधिकारियों के भ्रष्टाचार और मनमानेपन ने इस सोसाइटी को बदसूरत बना दिया है।

सेक्योरिटी,बिल्डिंग का रखाव,ग्रीनरी, सभी की व्ववस्था लचर होती जा रही है और ये सब हो रहा है कई सालों से आरडब्ल्यूए के एक ही पद पर पदाधिकारियों के बने रहने से और आरडब्ल्यूए की चुनाव प्रक्रिया के पारदर्शी न होने से।

आरडब्ल्यूए की चुनाव प्रक्रिया पर आवंटियों का है विरोध 

ओमेक्स रेजीडेंसी- 1 में परेशान आवंटी बड़ी संख्या में एकत्र होकर इस चुनाव की वैधता पर सवाल उठा रहे हैं। लगभग 200 की संख्या में ओमेक्स रेजीडेंसी- 1 के निवासियों ने 21 फरवरी 2023 को विकास डीप बिल्डिंग में स्थित डिप्टी रजिस्ट्रार फर्म सोसायटी एंड चिटफंड के यहां विरोध प्रदर्शन किया और अपने वकील के माध्यम से चुनाव में हुई अनियमितताओं को उजागर करते हुए चुनाव निरस्त कर फिर से पारदर्शी ढंग से निष्पक्ष चुनाव कराने की मांग रखी।

आरडब्ल्यूए के चुनाव में धांधली के क्या हैं आरोप

पहले जानते हैं कि अपार्टमेंट ऐक्ट में RWA के चुनाव कराने का क्या है प्रावधान और क्यों चुनाव का हो रहा है विरोध–
अपार्टमेंट ऐक्ट में प्रावधान है कि RWA का चुनाव हर वर्ष कराया जायेगा।

चुनाव प्रक्रिया में सबसे पहले जेनरल मेम्बर(ओमेक्स के सभी ओनर)की एक एजीएम होगी जिसमें बताया जायेगा कि बोर्ड आफ मैनेजमेंट चुनाव कराने जा रहा है और जेनरल मेम्बर की मीटिंग में एप्रूवल के बाद चुनाव का नोटिफिकेशन जारी होगा लेकिन इसका पालन नहीं किया गया।

बन्द कमरे में हुई चुनाव प्रक्रिया 

आरोप है कि बंद कमरे में RWA की चुनाव प्रक्रिया गुपचुप ढंग से करा ली गई। जेनरल मेम्बर्स की कोई भी वार्षिक बैठक नहीं की गई जिससे इस कमेटी से एप्रूवल होने का प्रश्न ही नहीं रहा।

इस तरह से इस ऐक्ट का उल्लंघन हुआ। दूसरी बात कि जब समय पर चुनाव नहीं होता है तो टाइमबार होने के कारण मैनेजिंग कमेटी चुनाव नहीं करा सकती है। इसलिये ये चुनाव ही वैध नहीं रहा।

जहां तक चुनाव प्रक्रिया की सूचना नोटिस बोर्ड पर लगाने की है उसे चस्पा न किये जाने का आरोप है। चुनाव की सूचना किसी को भी नहीं दी गई केवल बन्द कमरे में गुपचुप कागजी खाना पूर्ति की गई है।

चुनाव अधिकारी की वैधता पर सवाल

अभिलेखों के अनुसार शिव शंकर सिंह वर्ष 2019 और 2023 में चुनाव अधिकारी थे। आवंटियों का आरोप है कि शिव शंकर सिंह को किस आदेश के अनुसार चुनाव अधिकारी बनाया ,कब बनाया गया और कितने चुनावों के लिये उन्हें नियुक्त किया गया, इसकी कोई जानकारी नही़ मिली‌ किस आधार पर ये बार बार चुनाव अधिकारी बने और उनकी क्या योग्यता थी इस सम्बन्ध में कोई जानकारी नहीं है।

RWA के पदाधिकारियों का एक ही पद पर बार बार चुना जाना

आवंटियों का आरोप है कि RWA के अध्यक्ष,महामंत्री सहित कई पदाधिकारी लगातार एक ही पद पर लगभग सात सालों से काबिज हो रहे हैं। यह भी बताता है कि चुनाव निष्पक्ष नहीं हो रहे हैं क्योंकि चुनाव निष्पक्ष होता तो भारी संख्या में ओमेक्स के आवंटी विरोध नहीं करते।

  • सूत्रों के अनुसार डिप्टी रजिस्ट्रार ने के कहने पर ओमेक्स रेजिडेंसी- 1 के 249 लोगों ने RWA की सदस्यता ग्रहण करने के लिये सदस्यता शुल्क भी जमा किया था लेकिन उनके नाम लिस्ट में शामिल नहीं है।
  • वोटर लिस्ट में कई मृत लोगों के नाम अब भी शामिल हैं जो वोटर हैं। सूत्रों के अनुसार कुछ नाम उदाहरण के तौर पर देखे जा सकते हैं-
  • बताया जा रहा है कि सनशाइन C -1106 के अहमद जिया की मृत्यु 2 साल पहले हो गई थी लेकिन उन्होने भी वोटर बनाया गया है।

  • इसी तरह से सनशाइन A- 701 के एक आवंटी राम सिंह जायसवाल की मृत्यु गत वर्ष हो चुकी है लेकिन वह भी वोटर हैं।

  • निवासियों का कहना है कि कई लोग जो देश से बाहर हैं या फिर फ्लैट सेल कर चुके हैं उनको आज भी वोटर माना जा रहा है।

  • सूत्रों के अनुसार सनशाइन C के ही एक आवंटी प्रवीण सिंह 4 साल से देश से बाहर हैं लेकिन वह भी वोट दे रहे है।

ओल्ड ओनर जो अब नहीं हैं ओनर वह भी दे रहे हैं वोट 

सूत्र बता रहे हैं कि लाइलेक C 401 के ओनर का नाम बहुत पहले चेंज हो गया था लेकिन पुराने नाम को भी दिखा करके उनसे वोट डलवाया जा रहा है।

इसी प्रकार ट्यूलिप E 1101 लाइलेक C -201 के ओल्ड ओनरों के नाम से वोट डलवाया जा रहा है।
बताया गया कि यह तो बानगी है ये संख्या अधिक है।

कई लोग तो ऐसी भी शिकायत कर रहे हैं कि मेरे नाम का वोट डाल दिया गया जबकि वह उस दिन शहर के बाहर थे और उन्हें इस चुनाव की भनक तक नहीं लगी।

अब देखना है कि ओमेक्स रेजीडेन्सी -1 में RWA के चुनाव की वैधता और निष्पक्षता पर लगे आरोपों पर क्या कारवाई होती है। फिलहाल गेंद अब डिप्टी रजिस्ट्रार फर्म सोसायटी एंड चिटफंड के पाले में है।

वैसे भी अब विरोध पर उतरे आवंटी अब किसी भी कीमत पर RWA के निष्पक्ष चुनाव कराने तक पीछे हटने को तैयार नहीं दीखते हैं।

पढ़े अगले अंक में–ओमेक्स रेजीडेन्सी-1के RWA के भ्रष्टाचार पर पूरी रिपोर्ट।

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