Sunday - 14 January 2024 - 2:39 AM

इस शेल्टर होम में शर्मिन्दगी से बचने का कोई उपाय नहीं

जुबिली न्यूज़ डेस्क

नई दिल्ली. छत्तीसगढ़ के विलासपुर के शेल्टर होम में रहने वाली महिलाओं के हालात से यह बात जगजाहिर हो गई है कि कमोवेश देश भर में महिलाओं के एक जैसे हालात हैं. शेल्टर होम की दीवारों में महिलायें खुले आसमान से ज्यादा असुरक्षित हैं.

विलासपुर के शेल्टर होम में रहने वाली महिलाओं का यहीं के पुरुष कर्मचारी शारीरिक और मानसिक शोषण कर रहे हैं. जो महिलायें और लड़कियां ऐसे कर्मचारियों की बात मानने से इनकार करते हैं उनके कपड़े उतार लिए जाते हैं. शर्मिन्दगी से बचने के लिए ज़्यादातर लड़कियां उनकी बात मान लेती हैं.

विलासपुर के शेल्टर होम में रहने वाली लड़कियों के साथ ठीक वही व्यवहार हो रहा है जो उत्तर प्रदेश के मुज़फ्फरनगर और कानपुर में हो रहा था. विलासपुर की तीन महिलाओं ने आश्रय गृह के कर्मचारियों पर शारीरिक और मानसिक शोषण का आरोप लगाया है. इन महिलाओं को नारी निकेतन में शिफ्ट कर दिया गया है लेकिन उनके आरोप नकार दिए गए हैं.

शिवमंगल शिक्षण समिति द्वारा संचालित उज्ज्वला होम में रहने वाली महिलाओं का रोप है कि यहाँ सेक्स रैकेट चलाया जा रहा है. महिला एवं बाल विकास मंत्रालय की छतरी योजना के तहत संचालित हो रहे इस आश्रय गृह को साल 2019-2020 में 14 लाख 59 हज़ार का अनुदान भी मिला है.

यहाँ रहने वाली महिलाओं ने शारीरिक शोषण का आरोप लगाते हुए पुलिस से शिकायत की लेकिन पुलिस की तरफ से न तो महिलाओं का मेडिकल कराया गया, न ही कोई कोई ऐसी कार्रवाई की गई जिसे संतोषजनक कहा जा सके. पुलिस अधिकारियों ने महिलाओं को धमकियां भी दीं.

पीड़ित महिलाओं ने विलासपुर रेंज के आईजी रतन लाल डांगी को लिखित शिकायत की है. इस शिकायत में आश्रय गृह में होने वाली घटनाओं का सिलसिलेवार वर्णन है. महिलाओं ने लिखा है कि उन्हें चाय में नशीला पदार्थ देकर शारीरिक शोषण किया जाता है. इस शिकायत के बाद पुलिस ने मजिस्ट्रेट के सामने महिलाओं का बयान दर्ज कराने की बात तो कही है लेकिन मेडिकल कराने से इनकार किया है. विलासपुर के एसपी प्रशांत अग्रवाल ने कहा है कि हम जांच कर रहे हैं. अगर महिलाओं ने कहा कि उन्हें हिंसा का शिकार होना पड़ा है तो हम जांच कराएँगे.

इस आश्रय गृह में रहने वाली एक 20 साल की पीड़िता ने बताया कि पति से झगड़े के बाद वह 16 जनवरी की शाम को घर से निकलकर तीन किलोमीटर तक चली गई. वहां एक बुज़ुर्ग से मुलाक़ात हुई. इस बुज़ुर्ग ने इस आश्रय गृह में भिजवा दिया. आश्रय गृह के लोगों ने कहा कि सुबह घर पहुंचवा दिया जायेगा लेकिन दूसरे दिन घर नहीं भेजा गया. वहां जाकर जिस कमरे में रही वहां रह रही रही 18 और 19 साल की लड़कियों ने बताया कि यहाँ यौन शोषण होता है. लड़कियों को दवाएं दी जाती हैं. चाय में नशीले पदार्थ दिए जाते हैं.

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इस लड़की ने बताया कि उज्ज्वला होम का मैनेजर जितेन्द्र मौर्य मारपीट भी करता है और लड़कियों को गलत तरीके से छूता भी है. उसने बताया कि उसके पिता और पति उसे लेने आये तब भी आश्रय गृह के लोग छोड़ने को तैयार नहीं हुए. हंगामा बढ़ा तब पुलिस में शिकायत दर्ज हुई. महिलाओं को यहाँ से निकालकर सरकारी आश्रय स्थल में ट्रांसफर किया गया है.

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