Thursday - 11 January 2024 - 6:29 AM

भारत में भी तेजी से बदल रहा है खरीददारी का तरीका

  • 2018 में 145 करोड़ से भी ज्यादा लोगों ने की ऑनलाइन खरीददारी
  • ऑनलाइन बाजार पर कायम है चीन और अमेरिका का दबदबा
  •  चीन में 61 करोड़ लोग करते हैं ऑनलाइन खरीदारी

न्यूज डेस्क

दुनियाभर में ई-कॉमर्स का प्रचलन तेजी से बढ़ रहा है। समय के साथ ऑनलाइन खरीददारी में लोगों के विश्वास बढऩे के साथ ही ऑनलाइन व्यापार भी तेजी से बढ़ रहा है। आंकड़ों की मानों तो 2018 में 145 करोड़ से भी ज्यादा लोगों ने ऑनलाइन खरीददारी की थी, जोकि भारत की कुल आबादी से भी ज्यादा है।

यूएनसीटीएडी द्वारा जारी रिपोर्ट के अनुसार साल 2018 में ऑनलाइन व्यापार करीब 25.6 ट्रिलियन डॉलर आंका गया है, जोकि करीब 19,62,80,320 करोड़ रूपए के बराबर है। यह 2017 से करीब 8 फीसदी ज्यादा है।

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इसके अंतर्गत एक व्यापारी से दूसरे व्यापारी के बीच करीब 16,10,11,200 करोड रुपए का व्यापार किया गया, जोकि कुल ऑनलाइन व्यवसाय का करीब 83 फीसदी था, जबकि व्यवसायी और ग्राहकों के बीच का व्यापार करीब 3,37,35,680 करोड़ रुपए का था।

सबसे चौंकाने वाली बात यह रही कि यह आंकड़ा 2017 के मुकाबले करीब 17 फीसदी ज्यादा है। जिसका सीधा मतलब है कि ग्राहक अब सीधे ऑनलाइन जाकर खुद खरीदारी करना ज्यादा पसंद कर रहे हैं।

चीन और अमेरिका का दबदबा है ऑनलाइन बाजार पर

ऑनलाइन बाजार पर दुनिया के सबसे ताकतवर मुल्क चीन और अमेरिका का दबदबा है। आंकड़ों के अनुसार 2018 में 145 करोड़ से भी ज्यादा लोगों नें ऑनलाइन खरीददारी की थी, जोकि भारत की कुल आबादी से भी ज्यादा है।

साल 2017 की तुलना में खरीदारों की संख्या में करीब 9 फीसदी का इजाफा हुआ है। हालांकि ऐसे में फायदा अमेरिका, चीन और यूके जैसे देशों के विक्रेताओं को ज्यादा है जो पूरी दुनिया में हावी रहे हैं।

दुनिया भर में सेवा देने वाली अलीबाब, जोकि एक चायनीज ऑनलाइन कंपनी है, इसने 2018 में कुल 66,36,989 करोड़ रुपए का व्यापार किया। दूसरे नंबर पर रही अमेरिका की अमेजन। इसका कुल व्यापार 21,23,814 करोड़ रुपए रहा।

यदि जापान की कंपनी ‘राकूटन’ और कैनेडियन कंपनी ‘शॉपीफाई’ को छोड़ दें तो दुनिया की 10 सबसे बड़ी कंपनियां अमेरिका और चीन की ही हैं। इन कंपनियों ने 2018 में 1,38,84,279 करोड़ रुपए से भी ज्यादा का व्यापार किया।

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दुनिया के 20 सबसे शक्तिशाली अर्थव्यवस्थाओं को देखें तो इस व्यापार की करीब आधी बिक्री इन्ही देशों में होती है। जिसमें जीडीपी के लिहाज से हांगकांग, चीन, और यूके प्रमुख हैं। जबकि भारत, ब्राजील और रूस में सबसे कम है।

रिपोर्ट के अनुसार ब्रिटेन में करीब 87 फीसदी इंटरनेट उपयोग करने वाले लोग ऑनलाइन शॉपिंग करते हैं, जबकि थाईलैंड में केवल 14 फीसदी और भारत में केवल 11 फीसदी ही ऑनलाइन शॉपिंग करते हैं।

ऑनलाइन खरीदारी करने वालों की सबसे ज्यादा संख्या चीन में है जोकि करीब 61 करोड़ है। उनमें से भी करीब 33 करोड़ लोग देश के बाहर से खरीदारी करते हैं।

वैश्वीकरण का असर ऑनलाइन शॉपिंग पर भी पड़ रहा है। साल 2016 में जहां ऑनलाइन शॉपिंग करने वालों का आंकड़ा करीब 17 प्रतिशत था वहीं 2018 में बढ़कर यह 23 फीसदी हो गया है। ये लोग अपने देश के बाहर की वस्तुएं खरीदते थे।

भारत में भी बदल रही है लोगों की मानसिकता

भारत में भी ऑनलाइन बाजार तेजी से बढ़ रहा है। इसका कारण है लोगों की मानसिकता में बदलाव। पहले लोग खुद दुकानों पर जाकर खरीददारी करते थे, वहीं अब लोग ऑनलाइन खरीददारी करना ज्यादा पसंद कर रहे हैं। यही वजह है कि अमेजन, फ्लिपकार्ट, बिग बास्केट, ग्रोफर्स जैसे ब्रांड तेजी से अपने पैर पसार रहे हैं।

हालांकि भारत में ज्यादातर ऑनलाइन खरीदारी शहरों तक ही सीमित है। गांवों का अभी भी उनसे जुडऩा बाकी है। रिपोर्ट के अनुसार भारत में इंटरनेट उपयोग करने वाले करीब 11 फीसदी लोग ऑनलाइन शॉपिंग करते हैं, जोकि करीब 2.7 करोड़ है।

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भारत की आबादी के लिहाज से यह आंकड़ा बहुत छोटा कहा जायेगा लेकिन यह आंकड़ा धीरे-धीरे बढ़ रहा है। भारत में यदि ऑनलाइन व्यवसाय की बात करें तो रिपोर्ट के अनुसार व्यवसायी और ग्राहकों के बीच का व्यापार करीब 1,30,342.4 करोड़ रुपए का है।

इन सबके बीच सबसे महत्वपूर्ण देखने लायक बात यह होगी कि व्यापार जगत के इन बड़े-बड़े धुरंधरों का सामना भारत के छोटे दुकानदार कैसे करते हैं। क्या वैश्वीकरण के इस दौर में वो अपना अस्तित्व बचा पाने में सफल रहेंगे या फिर उन्हें भी इन बड़े नामों के नीचे रहकर अपनी दुकान चलानी पड़ेगी? और सबसे बड़ा सवाल क्या यह उनके और भारतीय खरीददारों के लिए फायदे का सौदा है?

फिलहाल इन सारे सवालों का जवाब आने वाला वक्त बतायेगा। धीमी गति से ही सही भारत में बाजार के रंग-रूप में बदलाव आ रहा है। कोरोना वायरस ने भी ऑनलाइन व्यापार को एक दिशा दी है। कोरोना संक्रमण रोकने के लिए हुए लॉकडाउन की वजह से लोगों का रूझान ऑनलाइन खरीददारी की ओर बढ़ा है। इससे आने वाले वक्त की तस्वीर कुछ-कुछ साफ हो जाती है।

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