लखनऊ। रेडलाइन पर कॉमर्शियल रन शुरू करने के लिए प्रधानमंत्री के कार्यक्रम की तारीख अब तक तय नहीं हो पाई। अधिकारियो का कहना है कि हम लगातार प्रदेश सरकार के संपर्क में है। हमारी तैयारी भी कॉमर्शियल रन शुरू करने के लिए पूरी है। सरकार से हरी झंडी मिलते ही इसे शुरू करा दिया जाएगा।
राजधानी में मेट्रो सेवा शुरू करने का मकसद ट्रैफिक बेहतर करना था। इसके लिए जरूरी था कि अधिक से अधिक लोग इसका इस्तेमाल करें। रेडलाइन पर जल्द एयरपोर्ट से मुंशीपुलिया के बीच कॉमर्शियल रन शुरू होने के आसार है। हालांकि, लोगों को अपने निजी वाहनों का उपयोग करने से रोकने के लिए मेट्रो स्टेशन तक आने के लिए जरूरी फीडर सर्विस पर अभी तक कोई तैयारी नहीं है। पूर्व में ई-रिक्शा और ऑटोरिक्शा संचालकों से वार्ता सफल न रहने के बाद अब कैब सेवाओं से उम्मीद है।
एमडी कुमार केशव का कहना है कि प्राथमिकता सेक्शन पर कॉमर्शियल रन शुरू होने के बाद से ही फीडर सर्विस हमारी प्राथमिकता में है। ई-रिक्शा चलाए जाने को देश की एक बड़ी कंपनी से बात हुई। हालांकि, किसी वजह से अभी यह सेवा शुरू नहीं हो पाई।
निजी कंपनी अपने काम करने की संभावनाओं के लिए सर्वे कर रही है। उम्मीद है कि पूरे रूट पर कॉमर्शियल रन शुरू होने के बाद वह अपना काम शुरू कर देगी। वहीं, पूरे रूट पर ही कॉमर्शियल रन शुरू होने के बाद ही समानांतर चलने वाली सिटी बस, ऑटोरिक्शा को रूट से हटवाने के लिए सरकार से बात की जाएगी।
वहीं, निजी कैब कंपनियां भी लखनऊ मेट्रो के संपर्क में हैं। इनके साथ मेट्रो संभावना देख रहा है कि आखिर कैसे काम किया जाए। किस तरह यात्रियों को मेट्रो स्टेशन तक लाने में मदद की जा सकती है? इन कैब सेवा कंपनियों की मांग पर स्टेशनों पर पार्किंग की सुविधा या बुकिंग केंद्र बनाने की शुरुआत मेट्रो कर सकता है।
ब्लू लाइन मेट्रो में अब चार की जगह तीन कोच की ट्रेन चलेगी। स्टेशनों के आकार भी छोटे किए गए, जिससे कम जमीन का अधिग्रहण करना होगा। निर्माण में आयातित की जगह मेक इन इंडिया उत्पाद लगाए जाएंगे। इससे लागत पांच से सात प्रतिशत तक कम होगी। लेकिन मजे की बात ये है मेट्रो के चारबाग़ से बसंत कुंज रूट को