Sunday - 21 January 2024 - 10:21 PM

Tag Archives: केपी सिंह

मीडिया क्यों शाबाशी और समर्थन की हकदार है ?

केपी सिंह कलयुग बोध पत्रकारिता में भी सालता है। इस बोध के चलते लगता है कि वर्तमान बहुत खराब जमाने के रूप में सामने है। अतीत में जो लोग पत्रकारिता में थे वे बहुत पवित्र आत्माएं थीं, आज सबकी सोच बहुत गंदी है। नेता की बात चले, पुलिस की बात …

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केजरीवाल की छूत से क्यों डर रही है भाजपा

केपी सिंह आक्रमण ही सबसे बड़ी प्रतिरक्षा है। सीएए के मुददे पर दिल्ली के शाहीन बाग में चल रहे शांतपूर्ण धरना प्रदर्शन के अनंतकालीन होते जाने से सत्ता पक्ष तिलमिलाया हुआ है क्योंकि इसका सरकार पर प्रतिकूल असर देश भर में हो रहा है। शाहीन बाग आंदोलन को खत्म कराने …

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चुनाव सुधार में कौन कर रहा चकमेबाजी ?

केपी सिंह राजनीति के अपराधीकरण पर उच्चतम न्यायालय का ताजा आदेश सरकार और राजनैतिक दलों को अपने गिरेबान में झांकने के लिए मजबूर करता है। हालांकि इसके बावजूद इस बात की कम ही गुंजाइश है कि इस मामले में लताड़ का पुट लिए उच्चतम न्यायालय की नसीहत से जिम्मेदारों की …

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देश के लोकतंत्र की बदरंग होती तस्वीर का खुलासा

केपी सिंह तमाम मुददो पर अतंराष्ट्रीय/राष्ट्रीय रैकिंग में पिछड़ रहे देश को इस मामले में अब एक और झटका लगा है। अर्थ व्यवस्था जैसे गवर्नेंस के बुनियादी क्षेत्र में देश की हालत लगातार पतली होती जा रही है। लेकिन सरकार की सेहत पर कोई असर नही पड़ रहा है। अब …

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अर्जुन सिंह को मंहगा पड़ गया था फूलन का समर्पण, आ गई थी बर्खास्तगी की नौबत

केपी सिंह कानपुर देहात के बेहमई सामूहिक हत्याकांड का फैसला शनिवार को फिर नही हो सका, इसके पीछे सनसनीखेज वजह रही। अब अदालत से इस कांड की चार्जशीट की आरिजनल कापी गायब हो गई है। अदालत ने शनिवार को निर्धारित फैसला टालते हुए चार्जशीट गायब होने की जांच शुरू करा …

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भ्रष्टाचार की पींगें बढ़ाता मुफ्तखोरी का रिवाज

केपी सिंह पिछले दिनों उत्तर प्रदेश में मंत्रियों के आयकर को सरकारी बजट से भरे जाने की प्रथा खत्म करने का फैसला लिया गया। जो 1981 से चली आ रही थी। 1981 में तत्कालीन मुख्यमंत्री पीवी सिंह ने मंत्रियों का अल्प वेतन और भत्ते देख उनका आयकर सरकारी खजाने से …

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अलंघ्य बहुमत का मिथक

केपी सिंह 1971, 1980 और यहां तक कि 1985 में चुनी गई सरकार का अभूतपूर्व बहुमत कई चुनावों के लिए अलंघ्य साबित होने का अनुमान अगले ही चुनाव की कसौटी पर धराशायी हो गया। 1971 लोकसभा के पहले मध्यावधि चुनाव का गवाह बना। यह चुनाव सत्तारूढ़ पार्टी में चल रहे …

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दलितों के राजनीतिक आरक्षण पर भाजपा की मारीच राजनीति

केपी सिंह विधायिका में अनुसूचित जाति, जनजाति के आरक्षण के 10 वर्ष और विस्तार के लिए संसद में पहले ही प्रस्ताव पारित हो चुका है जिसे 50 प्रतिशत राज्यों के विधान मंडलों के अनुमोदन की जरूरत है। इस कवायद में गत वर्ष के अंतिम दिन उत्तर प्रदेश विधान मंडल के …

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योगी सरकार के प्रशासन की प्रियंका से है दुरभिसंधि ?

केपी सिंह प्रियंका गांधी वाड्रा का उत्तर प्रदेश में एक कार्यक्रम फिर मीडिया की सुर्खियों में छा गया है। उन्हें यह सुनहरा मौका किसी और ने नही योगी सरकार की पुलिस ने ही उपलब्ध कराया। योगी सरकार उन पर क्यों इतनी मेहरबान है यह समझ में नही आता। कांग्रेस उत्तर …

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खटटी-मीठी विरासत के साथ नव वर्ष के लिए बढ़े कदम

केपी सिंह विचार निष्ठा, पार्टी के सेवा के इतिहास, नेतृत्व में असीम श्रृद्धा और आस्था इन सभी सहज वरीयताओं को दरकिनार कर चुनाव चिन्ह की बोली लगाकर मिशन के हिसाब से ऐरे-गैरे-नत्थूखैरों को देकर बाप बड़ा न भइया सबसे बड़ा रुपइया की कहावत को प्रमाणित करने वाली बसपा सुप्रीमों मायावती …

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